लॉकडाउन में बिजली की अघोषित कटौती, अभियंताओं की मनमर्जी से लोगों की बढ़ रही परेशानी

ताजुल हुसैन

कैसरगंज/बहराइच l कैसरगंज क्षेत्र में बिजली के आने का समय निश्चित नहीं है तथा बिजली कितनी देर रुकेगी, रुकने का भी भरोसा नहीं है। बिजली कब आयेगी कितनी देर रहेगी और कब चली जायेगी इसको स्वयं बिजली विभाग के अधिकारी भी दिमाग पर नहीं लेते हैं क्योंकि जब पूरे देश में लाक डाउन चल रहा है सभी कारखाने बंद पड़े हुए हैं अभी गर्मी ने अपना विकराल रूप धारण भी नहीं किया है लेकिन बिजली कटौती शुरू हो गई है। इस अघोषित विद्युत कटौती से विद्युत उपभोक्ता सिर्फ परेशान ही नहीं हैंं बल्कि अत्यधिक नाराज भी हैं बिजली विभाग के इस तांडव से उपभोक्ता लाइन कटवाने पर विचार करने लगे हैं। जब देश की सारी फैक्ट्रियां बंद है फिर भी घरेलू उपभोक्ताओं को उचित मात्रा में बिजली नहीं मिल रही है समझ में नहीं आ रहा है विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा बिजली की इतनी बड़ी कटौती आखिर क्यों की जा रही है। जब बिजली की महंगाई पर लगाम नहीं लग पा रही है तो बिजली कटौती पर विधायक, सांसद, मंत्री, लगाम क्यों नहीं लगा रहे हैं।

गंगाधर मिश्र एडवोकेट ने बताया कि विभाग द्वारा घरेलू विद्युत क्षमता बढ़ाकर बिजली के बिल की वसूली तो कर ली जाती है लेकिन बिजली की आपूर्ति ना के बराबर दी जाती है। बिजली की आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त नहीं है ग्राम पंचायत नौगइयां के मजरा बाजार पुरवा में वर्षो पहले रखे गये नये ट्रांसफार्मर से अभी तक विद्युत आपूर्ति शुरू नहीं की गई है। कैसरगंज विद्युत विभाग में कार्यरत लाइनमैन इतने लापरवाह है कि बगैर सुविधा शुल्क लिए एक तार तक नहीं जोड़ते हैं। रास्ते पर टूटे हुए खंभे लगे हैं जो कभी भी बड़ी दुर्घटना को घटित कर सकते हैं।

ताजुल हुसैन से बात करने पर उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जर्जर तार लटक रहे हैं टूटे खंभों पर सप्लाई रामभरोसे दे दी जाती है सप्लाई चालू होने पर तार स्वयं टूट कर गिर जाते हैं लेकिन बिजली विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी इन खबरों से बेपरवाह नजर आते हैं।

सत्येंद्र कुमार गुप्ता का कहना है कि जब बिजली का बिल समय से दिया जाता है तो विभाग द्वारा बिजली समय से क्यों नहीं दी जाती है मनमाने ढंग से विद्युत कटौती क्यों की जाती है यदि यही हाल रहा तो विद्युत लाइन कटवाने के लिए हम लोग मजबूर हो जायेंगे।

नफीस सिद्दीकी ने बताया कि जब लाक डाउन में शराब विक्री से पाबंदी हटा ली गई है तो आखिर बिजली को क्यों पाबंद करके रखा गया है बिजली से आने वाला धन भी तो देश की आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद करता है। बिजली की अघोषित कटौती से रातों की नींद हराम हो जाती है।

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