यूपी : योगी सरकार का बड़ा ऐलान, ख़त्म होंगे ये विभाग !

लखनऊ :  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 94 विभागों में से 39 अनुपयोगी विभागों को खत्म कर सकती है। नीति आयोग ने प्रदेश सरकार को इन अनुपयोगी विभागों को खत्म करने का सुझाव दिया था। शुक्रवार की शाम चार बजे सीएम योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट मंत्रियों को बैठक बुलाई है। बैठक में अनुपयोगी विभागों को खत्म करने की चर्चा हो सकती है। साथ ही कैबिनेट मंत्रियों के संख्या भी 15 जुलाई के बाद कम हो सकती है।

39 विभाग किए जाने हैं खत्म
दरअसल, राज्य सरकार एक ही तरह के काम कर रहे कई विभागों को खत्म करने का मन बना रही है। उदाहरण के तौर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा  शिक्षा, परिवार कल्याण एवं मातृ एवं शिशु कल्याण को एक करने पर पहले ही सहमति बन चुकी थी। कई और भी ऐसे विभाग हैं, जिन्हें मर्ज करने का सुझाव नीति आयोग ने प्रदेश सरकार को दिया था।

केंद्र की तरह होगा काम

बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार केंद्र सरकार के तरह काम करेगी। केंद्र में एक मंत्रालय की जिम्मेदारी एक कैबिनेट  मंत्री के पास होती है और विभाग के अधिकारी भी अलग-अलग होंगे। अभी एक अधिकारी को कई मंत्रियों को रिपोर्ट देनी पड़ती है। नीति आयोग की अनुशंसा के आधार पर स्टेट प्लानिंग डिपार्मेंट ने इस बदलाव के लिए फाइनल ड्राफ्ट प्लान बना लिया है। अब इसी प्रस्ताव को योगी मंजूरी दे सकते हैं।

सीएम योगी लेंगे फैसला
इस बैठक के पहले राज्य सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पूर्व में नीति आयोग की ओर से प्रदेश सरकार को ऐसा सुझाव दिया गया था, जिसका सरकार ने स्वागत भी किया था। नीति आयोग का सुझाव था कि विभागों का विलय हो जिससे कि कामों में और तेजी और कुशलता लाई जा सके। फिलहाल यह फैसला सीएम योगी के विवेकाधिकार पर निर्भर है और इस पर कोई फैसला होने के बाद ही सरकार की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया दी जा सकेगी।

कई विभागों में हैं अनुपयोगी पद 
इससे पहले राज्य सरकार कई विभागों के अनुपयोगी पद भी खत्म कर चुकी है। विभागों में पुराने समय के अनुसार पदों का सृजन किया गया था। मगर अब इन पदों की कोई जरूरत नहीं है। इसमें गृह विभाग, वाणिज्य कर विभाग, वित्त विभाग, सचिवालय + प्रशासन विभाग, शिक्षा विभाग, पशुपालन विभाग, ग्राम्य विकास विभाग समेत कई ऐसी निगम हैं। यहां पर पुरानी व्यवस्था के मुताबिक पदों का तो सृजन किया गया है, मगर अब इन पदों की कोई जरूरत नहीं थी इसलिए उन्हें खत्म कर दिया गया।

खत्म किए गए थे अनुपयोगी कानून 
सीएम योगी आदित्यनाथ  प्रदेश सरकार के 256 अनुपयोगी कानूनों को भी खत्म कर चुकी है। कई ऐसे कानून थे, जिनका अब प्रयोग नहीं होता था इसलिए उन्हें खत्म किया जा चुका है। ये कानून, वित्त, बेसिक शिक्षा, पंचायतीराज, श्रम व मनोरंजन, खेलकूद व युवा कल्याण, होमगार्ड, माध्यमिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, लोक निर्माण, सचिवालय प्रशासन, भाषा, महिला कल्याण, आवास, औद्योगिक विकास, कार्मिक नगर विकास, सिंचाई, गृह व सतर्कता, कृषि, परिवहन, न्याय, चिकित्सा एवं परिवार कल्याण जैसे विभागों से जुड़े थे।

 

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