नगर पंचायत जरवल के सरकारी अभिलेखों मे हेरा-फेरी का गजब खेल

डीएम साहब सभासद ने नजूल की भूमि का ही करवा लिया बैनामा ?

सम्पत्ति रजिस्टर का देखो खेल अब कितने जावेगे जेल

कुतुब अंसारी/अशोक सोनी

जरवल/बहराइच। नगर पंचायत जरवल के जिम्मेदारो ने कुर्सी पाते ही नगर की लाखों करोड़ों की जमीनों का यहाँ किस तरह चीर हरण करवा डाला जिसकी मिसाल पूरे प्रदेश के किसी निकाय मे देखने को नही मिलेगा एसे ही एक मामला प्रकाश मे आया है सूत्रों की माने तो नगर पंचायत जरवल की खेतौनी गाटा संख्या 879 बंजर(सरकारी भूमि) को यहाँ के जिम्मेदारो ने महत्वपूर्ण सरकारी अभिलेख(संपत्ति रजिस्टर) मे हेरा-फेरी कर यहाँ के पूर्व चेयरमैन मोहम्मद वसी व वसीमुन निशा के पुत्र अरसद का नाम कैसे दर्ज कर दिया ? जब कि उक्त सरकारी जमीन यदि पुषतैनी होती तो संपत्ति रजिस्टर मे वसी का नाम दर्ज होता हैरत की बात है न ! इससे भी हैरत की एक बात और भी सामने तब आई जब इसी निकाय के मदरसा टोला के मौजूदा सभासद शकील अहमद राइनी पुत्र खलील अहमद ने 14 सितंबर 2020 को उसी सरकारी बंजर भूमि का दो लाख दस हजार रुपयो मे पूर्व चेयरमैन मोहम्मद वसी के पुत्र अरसद से रजिस्ट्री भी करवा ली जिसकी मालियात सोलाह लाख तिरसठ हजार बताई जा रही है बिक्री हुई ये जमीन भी नगर पंचायत कार्यालय से मिली हुई बहराइच-लखनऊ हाइवे मार्ग पर ही सौ गज की दूरी पर ही है।

जानकारों की माने तो ये मामला तब सामने आया जब उक्त फर्जी बैनामे की दाखिल खारिज के लिए सभासद शकील राईनी ने अपने कराए गए बैनामे की फोटो कॉपी कार्यालय मे दी और गुपचुप तरीके से दाखिल खारिज के लिए पैरवी शुरू कर दी।बताते चले पिछले बोर्ड मे यहाँ पर मोहम्मद अनीस राईनी यहाँ के चेयरमैन थे उस समय भी इनके सगे भतीजे शकील राईनी जो मौजूदा समय मे सभासद भी है निकाय कार्यालय के सामने काँजी हाउस की भूमि पर एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान खोल लिया था जिसे भी अभी तक निकाय प्रशासन खाली नही करवा सका नतीजा ये निकला कि उक्त सरकारी जमीन का मामला भी मा.उच्च न्यायालय मे जा पहुँचा जिसकी भी निकाय प्रशासन पैरवी नही कर पा रहा है।एसे तमाम सरकारी जमीनों पर लोग कुण्डरी मारे बैठे हैं निकाय प्रसासन कोई भी बेदखली की कार्यवाही नही कर पा रहा है।यही यहाँ भी योगी जी का नेस्तनाबूत फार्मूला अख्तियार हो जाए तो अच्छे अच्छो को औकात मे लाया जा सकता है।


ये मामला है फर्जी बैनामे का मामला
जरवल।चौरासी के दशक मे जरवल बाढ़ क्षेत्र मे आता था उस समय बाबा गुलाम वारिस अपने बच्चों के साथ निकाय की गाटा संख्या 879 बंजर खाली भूमि पर टूटी फूटी मड़ैया को रख कर रहने लगे आज भी वही परिवार के साथ रहते है उसी सरकारी जमीन का बैनामा फर्जी तरीके से पूर्व चेयरमैन मोहम्मद वसी अंसारी के पुत्र अरसद ने सभासद शकील अहमद राईनी के नाम कर दिया।ताकि उस गरीब को उजाड़ने के साथ यदि हाइवे का चौड़ी करण भी हो तो मोटी रकम का मुवावजा भी लिया जा सके।

मामला अब मेरे संज्ञान मे नही आया है जाँच करवाता हूं-जयचंद पाण्डेय

जरवल।नगर पंचायत जरवल की बंजर(सरकारी भूमि)गाटा संख्या 879 की अभिलेखों मे हेरा फेरी कर पूर्व चेयरमैन मोहम्मद वसी अंसारी के पुत्र अरसद द्वारा सभासद शकील अहमद राइनी द्वारा करवाए गए कूट रचित बैनामा के बाबत मे जब एडीएम जयचन्द पाण्डेय से जानकारी ली तो उन्होंने कहा उक्त प्रकरण अभी मेरे संज्ञान मे नही लाया गया है फिर भी जानकारी उपलब्ध करवा कर विभागीय कार्यवाही करता हूँ।

जो सबका होगा मेरा भी होगा बैनामा गलत नही करवाया-शकील सभासद

जरवल। निकाय की सरकारी बंजर भूमि को बैनामा की बात जब क्रय करने वाले सभासद शकील अहमद राइनी से बात की तो उन्होंने कहा इसी निकाय मे पहले भी जलमग्न खाद गढ्ढा खैलिहान आदि का बैनामा भी हुआ है दाखिल खारिज भी मैंने बेनामा गलत नही करवाया है जो होगा देखा जावेगा की बात कही।

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