बच्चों के साथ खेलकर लौटी बेटी तो मां को लगा झटका, खून से रंगा था उसका चेहरा

इंग्लैंड में एक महिला ने कुछ महीने पहले अपनी बेटी के साथ हुए दर्दनाक हादसे की कहानी बयां की। महिला ने बताया कि वो अपनी 17 महीने की बेटी को सॉफ्ट प्ले सेंटर में खेलने के लिए ले गई थी, लेकिन थोड़ी ही देर बाद जब उसकी बेटी उसके पास रोते हुए पहुंची तो उसका चेहरा देखकर उसे झटका लग गया। बच्ची के चेहरे पर जगह-जगह कटे के निशान थे और वो लागातर रोए जा रही थी। प्ले सेंटर ने बच्चों की देखभाल पेरेंट्स की जिम्मेदारी बताकर इस मामले में पल्ला झाड़ लिया है। ऐसे में अब महिला ये अफसोस करते नहीं थक रही कि आखिर वो बच्चे को क्यों प्ले सेंटर लेकर गई और कैसे वो बेटी का साथ हुआ इतना बड़ा हादसा होते देख नहीं पाई।

वेस्ट यॉर्कशायर के लीड्स में रहने वाली 33 साल की बेकी अपने तीन बच्चों के लेकर लीड्स के सीक्रॉफ्ट में एक प्ले सेंटर लेकर गई। 17 महीने की विल्लो अपने 6 साल के भाई टकर और 3 साल की बहन ऑरोरा के साथ खेल रही थी। पर कुछ ही देर बाद ये फन डे बुरे सपने में तब्दील हो गया। बेकी बारी-बारी से अपने तीनों बच्चों की देखभाल में फंसी थी वो ऑरोरा के साथ ही थी कि उसे किसी महिला के रोज से चिल्लाने की आवाज आई।

उसने बताया कि महिला जोर-जोर से चिल्ला रही थी कि ये किसका बच्चा है। इसके बाद उसने विल्लो के ऊपर चढ़कर बैठे लड़के को हटाया, जिसने उसका गला पकड़ रखा था। महिला ने देखा कि लड़के के हमले के चलते विल्लो बिल्कुल नीली पड़ चुकी थी और उसकी सांस भी नहीं चल रही थी। वहीं लड़के के मुंह में खून लगा था और वो खड़ा मुस्कुरा रहा है। लड़के ने विल्लो को 17 बार काटा था।

इधर, बेकी इस बात से अनजान थी। उसे लगा कि विल्लो अपने भाई टकर के साथ है। तभी खून से लथपथ विल्लो भागती हुई अपनी मां के पास पहुंची। उसका चेहरा देखते ही बेकी को झटका लग गया। बेटी को लेकर बेकी तुरंत हॉस्पिटल भागी, जहां पहले उसके बॉडी में आए कट का ट्रीटमेंट किया गया और फिर उसे हेपेटाइटिस-बी का इन्जेक्शन दिया गया। अब उसे स्किन स्पेशलिस्टे से अप्वाइंटमेंट का इंतजार है।

विल्लो के चेहरे पर चार, उंगली पर दो और पीठ पर तीन जगह कटा था। वहीं, कान, कंधे, कलाई और पैर पर एक-एक कटे का निशान था, जबकि सिर में वो ढेरों जगह जख्मी थी। बेकी ने बताया कि उसे देखकर ऐसा लग रहा था कि जैसे उसे किसी बच्चे ने नहीं, बल्कि कुत्ते में काटा है।

इस मामले को लेकर प्ले सेंटर स्टाफ पहले ही बोल चुका है कि बच्चों को पेरेंट्स के सुपरविजन में छोड़ा जाए। वहीं, सोशल सर्विस ने हमला करने वाले बच्चे और उसकी फैमिली से कॉन्टैक्ट कर केस बंद कर दिया है। अब बेकी को सिर्फ पुलिस का ही सहारा है। वो ये अफसोस करते नहीं थक रही हैं कि आखिर वो बच्चों को प्ले सेंटर में लेकर क्यों गई और गई भी तो बच्चे को देखने में उससे कैसे लापरवाही हो गई।

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