चढ़ चुका था कफ़न और होने वाली थी दफन, तभी मां की पुकार पर ऐसे जवाब दिये भगवान

आज हम आपको एक ऐसी अजीबोगरीब घटना से रूबरू करवाने वाले है, जिसके बारे में जान कर आप भी हैरान रह जायेंगे. जी हां अगर हम यूँ कहे कि इस घटना के बारे में जानने के बाद आपको भी चमत्कार पर यकीन होने लगेगा, तो कुछ गलत नहीं होगा. वैसे आपने ये तो सुना ही होगा कि माँ के आंसुओ में इतनी शक्ति होती है, कि कभी कभी भगवान् को भी उनके सामने झुकना ही पड़ता है. बरहलाल आज की ये घटना भी कुछ ऐसी ही है. गौरतलब है कि ये खबर नयी दिल्ली से आयी है. जहाँ सैम हेमिंग नाम की एक लड़की का कार एक्सीडेंट हो गया. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सैम एक कानून स्नातक है और उनके दोस्त जो उनके साथ इसी कार में थे, उनका नाम टॉम कर्टिस है.

दरअसल ये दोनों ही अपनी कार से कही जा रहे थे. मगर अचानक उनकी कार नियंत्रण खो बैठी और ऐसे में उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया. जी हां इस दौरान उनकी कार बुरी तरह से पलट गई. बता दे कि जहाँ एक तरफ सैम के दोस्त को कुछ छोटी मोटी चोटे आई, वही सैम सामने वाले शीशे से निकाल कर बाहर जा गिरी. जिसके चलते उनकी गर्दन की कई हड्डियां टूट गई. यहाँ तक कि उनका चेहरा भी बुरी तरह से कट गया. हालांकि इसके बावजूद भी उन्हें हवाई जहाज की मदद से अस्पताल ले जाया गया. मगर डॉक्टरों को इस बात का डर था कि सैम बच नहीं पाएंगी, क्यूकि उनकी हालत काफी नाजुक थी. गौरतलब है कि यह दुर्घटना इतनी बड़ी थी कि सैम की करीब छह घंटे तक सर्जरी की गई और इस दौरान सैम को बेहोश रखा गया था.

हालांकि इसके बाद डॉक्टर्स ने वो खबर सुनाई, जिसे सुनने के लिए कोई भी माता पिता तैयार नहीं होते. जी हां डॉक्टर्स ने लड़की की माँ कैरोल को बताया कि उनकी बेटी अब कभी उठ नहीं पाएंगी. वो इसलिए क्यूकि सैम के अब ठीक होने की कोई उम्मीद नहीं बची थी. इसके बाद उन्होंने सैम की माँ कैरोल से पूछा कि क्या वो उसका जीवनयंत्र बंद करने के लिए तैयार है. ऐसे में ईश्वर के आगे हाथ फ़ैलाने के बाद वो इस फैसले के लिए तैयार हो गई. इसके इलावा कैरोल ने बताया कि डॉक्टर्स ने सैम पर हर तरह के परीक्षण किये, लेकिन परिणाम हमेशा नकारात्मक था. ऐसे में उन्होंने उस दिन आखिरी बार परीक्षण किया था, जिस दिन वो सैम का जीवन यंत्र बंद करने की बात कर रहे थे.

दरअसल जब इस परीक्षण का परिणाम देखा गया, तो पता चला कि सैम के दिमाग में कोई गतिविधि नहीं हो रही है. जिसके चलते सब लोग सैम के कमरे में इकट्ठे हुए और उसे विदाई देने के लिए अपना अपना संदेश सुनाने लगे. इसके बाद कैरोल ने अपनी बेटी का जीवनरक्षक यंत्र बंद कर दिया, लेकिन तभी कैरोल की बेटी सैम चिल्ला पड़ी. यानि अगर सीधे शब्दों में कहे तो वो जिन्दा हो गई. जिसके बाद अस्पताल के कर्मचारियों के एक सदस्य ने सैम के पैर के अंगूठे को बर्फ के ठंडे पोछे से पोंछा, तो उसका अंगूठा हिलने लगा. जी हां यानि वो सब कुछ महसूस कर रही थी और उसके दिमाग का कुछ हिस्सा अब भी क्रियाशील था.

अब जाहिर सी बात है कि ये सब देख कर अस्पताल के कर्मचारी सैम को दोबारा जीवित करने में लग गए. दरअसल सैम को एक नियंत्रित कोमा में रखा गया था. जिसके बाद वो जल्द ही साँस लेने में सक्षम हो गई. हालांकि सैम ने कहा कि उन्हें उस घटना के बारे में कुछ भी याद नहीं है और उन्हें केवल यही याद है कि वो एक स्नातक है. इसके इलावा सैम ने कहा कि उन्हें चलने में काफी तकलीफ हो रही है, लेकिन वो बेहतर होना चाहती है. वही कैरोल का कहना है कि उनकी बेटी वास्तव में मर कर जिन्दा हुई है. यहाँ तक कि डॉक्टर भी इसे किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे.

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