बसों पर राजनीती : कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह पार्टी से निलंबित, सोनिया के लिए बनी चुनौती

रायबरेली । कांग्रेस की बागी विधायक और प्रियंका वाड्रा की ख़ास अदिति सिंह को कांग्रेस ने पार्टी के महिला विंग के महासचिव पद से निलंबित कर दिया है। इसके पहले भी अदिति सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते नोटिस दिया जा चुका है। उनके ख़िलाफ़ पार्टी ने व्हिप के उल्लंघन का भी नोटिस विधानसभा अध्यक्ष को दिया हुआ है।

अदिति सिंह का निलंबन बुधवार को बस के मामले में सीधे प्रियंका वाड्रा को घेरने के बाद लिया गया है। अदिति सिंह के इस निलंबन से रायबरेली सहित प्रदेश की राजनीति में खासा बदलाव होगा। भाजपा भी सोनिया के गढ़ के अकेले और मजबूत जनाधार वाले विधायक के बागी होने से खुश है और अंदर ही अंदर अपने पाले में लाने की कोशिश भी।

उल्लेखनीय है कि रायबरेली सदर से विधायक अदिति सिंह बाहुबली नेता और पांच बार के विधायक रहे अखिलेश सिंह की बेटी हैं और 2017 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बनी है।

अदिति सिंह के प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने उन्हें महिला विंग का राष्ट्रीय महासचिव तक बना दिया था। प्रियंका और सोनिया के वह सीधे संपर्क में रहती थी। सोनिया के रायबरेली से जीतने में भी उनकी अहम भूमिका मानी जाती है। बावजूद इसके बीते 2 अक्टूबर को अचानक पार्टी व्हिप के बावजूद वह लखनऊ में प्रियंका के साथ पदयात्रा छोड़कर विधानसभा के विशेष अधिवेशन में शामिल होने जा पहुंची। यहीं से कांग्रेस से उनकी दूरी बनती गई। इसको लेकर 4 अक्टूबर को उन्हें एक नोटिस भी दिया गया था। धारा 370 पर भी उन्होंने खुलकर सरकार का साथ दिया था। गंगा यात्रा सहित कई अन्य मौकों पर भी वह खुलकर सरकार के साथ नजर आईं।

अदिति सिंह के निलंबन पर सोनिया के प्रतिनिधि केएल शर्मा का कहना है कि उन्हें इसके पहले भी नोटिस दी गई थी जिसका उन्होंने जबाब नही दिया है।विधानसभा की सदस्यता को लेकर भी शिकायत के बावजूद मामला लटकाया जा रहा है।

सोनिया के लिए बड़ी चुनौती बनी अदिति सिंह

अदिति सिंह रायबरेली के निर्दलीय विधायक रहे बाहुबली अखिलेश सिंह की बेटी हैं। अखिलेश सिंह पांच बार विधायक रहे है। 2003 में कांग्रेस से हटने के बाद भी रायबरेली में उनका प्रभाव कायम रहा। उनके प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस सीट पर कांग्रेस अपने दम पर कभी चुनाव नही जीत सकी। विदेशों में पढ़ी अदिति सिंह ने पिता की विरासत को बख़ूबी सम्हाल रखा है। सोनिया के गढ़ में एकमात्र कांग्रेस के विधायक का पार्टी से मोहभंग होना कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी का सबब है। पहले ही अमेठी गवां चुकी कांग्रेस के लिए रायबरेली को सम्हालना जो कि सोनिया का 2004 से अभेद्य दुर्ग है,किसी चुनौती से कम नहीं होगा।

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