भारत-चीन LAC विवाद : केंद्र सरकार पर हमलावर हुई कांग्रेस, कहा-भारत की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता

नई दिल्ली
भारत-चीन LAC विवाद (India-china Conflic) दिनों दिन गहराता जा रहा है। लद्दाख सीमा के दोनों ओर भारी संख्या में जवान एक दूसरे पर बंदूख ताने खड़े हुए हैं। चीन सीमा पर लगातार अपनी फौज बढ़ा रहा है। सैटलाइट तस्वीरों से पता चल रहा है कि गोगरा इलाके में चीन ने अपनी सेना बढ़ा भी दी है और वह ऊपर की ओर भी बढ़ने लगी है। वहीं, भारत भी पूरी तरह से तैयार है और भारतीय सुरक्षाबल चीन के ठीक सामने मुस्तैदी से तैनात हैं। इन सबके बीच भारत की सियासत भी इस मसले पर गरमा गई है। कांग्रेस केंद्र सरकार से अपील कर रही है कि वो इस मसले पर विपक्ष और देश को भरोसे में ले तो वहीं सोशल मीडिया में लोग पीएम मोदी का 2013 का ट्वीट याद दिला रहे हैं।

चीनी लड़ाकू विमान
चीन के लड़ाकू विमानों के वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पूर्वी लद्दाख से 30-35 किलोमीटर दूर उड़ान भरी थी। चीनी विमानों ने यह उड़ान अपने सैन्य अड्डे होतान और गारगुंसा से 100-150 किलोमीटर दूर भरी। भारत से लगती सीमा पर सैन्य झड़पों के बाद चीन ने न केवल अपने सैनिकों को बड़ी संख्या में सीमा के पास तैनात किया बल्कि ऊचाईं वाले इलाके में उड़ान भरने के अनुकूल लड़ाकू विमान जे-11 और जे 16एस को भी ऑपरेट करना शुरू कर दिया था। कुछ दिनों पहले ही इनकी तस्वीरों को ओपन सोर्स इंटेलिजेंस एनॉलिस्ट Detresfa ने जारी किया था।

कांग्रेस की मांग
इस मामले को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर हो चुकी है। कांग्रेस ने चीनी सेना की भारतीय सीमा में घुसपैठ पर मोदी सरकार से पूछा है कि वह इस पर मौन क्यों बैठी है। उसने कहा कि सरकार ने हालात पर देश की जनता के साथ विवरण साझा क्यों नहीं किया।

पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि भारत की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। चीनी सेना भारतीय सीमा में घुसपैठ समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी हुई है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि चीनी सेना ने गलवान वैली और पैंगोंग झील इलाके में अतिक्रमण का दुस्साहस किया है। सुरजेवाला ने कहा है कि हालांकि सरकार ने इस संकट को कूटनीतिक तौर पर सुलझाने के संबंध में बयान दिया है, लेकिन सरकार को भारत-चीन सीमा पर पूर्व की स्थिति बहाल करने के बारे में देश के नागरिकों और सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेना चाहिए। 


ट्वीटर पर ट्रेंड
इस दौरान ट्वीटर पर भी modi speaks on china ट्रेंड कर रहा है। इसके साथ लोग पीएम मोदी का 2013 का एक ट्वीट भी काफी वायरल कर रहे हैं। ये ट्वीट तब का है जब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। पीएम मोदी ने उस ट्वीट में कहा था कि चीन की घुसपैठ से लेकर पाकिस्तान की घात तक यूपीए सरकार भारतीय सीमाओं को हासिल करने में बिल्कुल ढीली रही है। केंद्र कब जागेगा?

साल 2013 का पीएम मोदी का ट्वीट
अब पीएम मोदी के इसी ट्वीट को लेकर काफी बहस छिड़ी हुई है। लोगों का कहना है कि जब पीएम मोदी खुद केंद्र सरकार से मांग कर रहे थे कि वो चीन और पाकिस्तान के मामले में सामने आए तो फिर अभी तक केंद्र सरकार क्यों सामने नहीं आ रही है। सोशल मीडिया पर लोग मांग कर रहे हैं कि पीएम मोदी को चीन के संबंध में कुछ बोलना चाहिए और बताना चाहिए कि आखिरकार इतने दिनों से सीमा पर क्या चल रहा है।

गृह मंत्री अमित शाह ने चीन पर बोला
एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था, ‘LAC पर तनातनी के स्वभाव को कोई सार्वभौम राष्ट्र हल्के में नहीं ले सकता। हमारी डिप्लोमेटिक और सैनिक स्तर पर बातचीत जारी है लेकिन एक बात मैं स्पष्ट कर दूं कि नरेन्द्र मोदी सरकार हमारी सीमाओं को लेकर कोई समझौता नहीं करेगी और हम इसके लिए अडिग खड़े रहेंगे।’ यह पूछे जाने पर कि क्या तमाम संबंध सुधारने की कोशिशों के बाद भी चीन की इस हरकत से आप नाराज हैं, तो केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हमें इसकी जरूरत नहीं है।

चीन ने तैनात किए 2500 सैनिक
सूत्रों ने कहा कि भारत संवेदनशील क्षेत्रों में लंबी तैयारी के लिए तैयार है और वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बनाए रखने पर जोर देगा। ऐसा कहा जा रहा है कि चीनी सेना ने पैंगोंग त्सो क्षेत्र और गलवान घाटी में लगभग 2,500 सैनिक तैनात कर दिए हैं तथा वह धीरे-धीरे अस्थायी निर्माण और अस्त्र प्रणाली को मजबूत कर रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि उपग्रह से ली गई तस्वीरों से पता चलता है कि चीन ने एलएसी पर अपनी तरफ रक्षा ढांचे को महत्वपूर्ण ढंग से मजबूत किया है और पैंगोंग त्सो क्षेत्र से लगभग 180 किलोमीटर दूर एक सैन्य हवाईअड्डे पर निर्माण गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।

भारत ने भी भेजी तोपें
एक अधिकारी ने कहा कि जब चीन ने अपने सैनिकों की संख्या बढ़ानी शुरू की उसके बाद हमारी तरफ से भी यही कोशिश की गई कि उनके बराबर तैनाती की जाए। तब रिजर्व फोर्स को आगे भेजने का काम शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि फिर हालात को देखते हुए यह तय किया गया कि वहां सैनिकों की संख्या में और इजाफा किया जाना चाहिए। सूत्रों ने कहा कि भारत भी अतिरिक्त सैनिक और तोपें भेजकर अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है

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