हमारे देश में ही होता है ये शर्मनाक काम, लड़कियों को बेचने के लिए लगता है 10 रुपए का स्टांप !

आज भले ही देश तकनीकी रूप से विकसित हो रहा है लेकिन क्‍या लोगों की सोच बदल रही है। ये हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्‍योंकि दुनिया में कुछ जगह अभी भी ऐसी है जो अंधविश्‍वास और प्रथाओं के आड़ में आकर लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रहे हैं। आज जो खबर हम आपके लिए लेकर आए हैं उसे सुनकर हो सकता है कि आपको विश्‍वास करना मुश्किल हो लेकिन ये सच है। कोई सोच भी नहीं सकता है कि आज के इस आधुनिक युग में ऐसा भी हो सकता है। हमारे देश में तो एक ओर देश कई लोग महिला सशक्‍तीकरण व उनके अधिकारों की बात करते हैं वहीं इस देश में कुछ ऐसे भी जगह है जहां महिलाओं अधिकार तो दूर उनसे उनके जीने का हक भी छिन लिया जाता है।

इसका बस यही मतलब है कि देश कितना भी बदल गया हो लेकिन आज भी महिलाओ पर होने वाले अत्याचार रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं गावो में आज भी महिलाओ पर अत्याचार हो रहा है और वो सब कुछ बिना कुछ कहे सहती आती है किसी से कुछ भी नहीं कह सकती हैं। हम बात कर रहे हैं भारत के मध्यप्रदेश राज्‍य की जो अपने आप में कहने को एक बड़ा राज्य हैं लेकिन इसी राज्य में शिवपुरी नामक एक जगह है।

यह अपने नाम के लिए नही बल्की यहां पर धड़ीचा प्रथा के कारण सुर्खियों में रहता है। यहां पर एक मंडी लगती है जहां पर लड़कियों को खड़ा किया जाता है और इसे प्रथा के नाम दिया जाता है। फिर यहां पर पुरुष आतें हैं और अपनी पसंद की लड़की का कीमत तय करते हैं और जब सौदा पक्का हो जाता है तब 10 रूपये से लेकर 100 तक स्टाम्प पेपर पर खरीद फरोख्त कर लेते हैं। भारत के इस राज्य में हर साल 300 लड़कियों को 10 रूपये के स्टाम्प पेपर पर बेचा जाता है।

इस खेल में बिकने वाली लड़की को कॉन्‍ट्रेक्‍ट तैयार किया जाता है। जिसमें खरीदने वाले व्यक्ति को महिला या उसके परिवार को एक निश्चित रकम अदा करनी पड़ती है। एक मोटी रकम देने के बाद दोनों पति-पत्नी बन जातें हैं। लेकिन वह तभी तक पति पत्‍नी रहते हैं जबतक पुरुष उसको अपनी पत्‍नी मानता है। क्‍योकि रकम के आधार पर रिश्ते स्थाई नहीं होतें हैं। उन्‍हें खत्म कर दिया जाता है।

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