प्रदेश के सात जिलों में पुलिस लाइन का निर्माण होगा : मुख्यमंंत्री 

अतुल श्रीवास्तव 
लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रविवार को पुलिस्मृति दिवस के मौके पर प्रदेश के सात जिलो में पुलिस लाइन का निर्माण कराए जाने की घोषणा की। जिन सात जिलों में पुलिस लाइन का निर्माण होना है उनमें ं चंदौली, अमरोहा, औरैया, अमेठी, शामली, संभल और हापुड़ शमिल है। इन जनपदों में पुलिस लाइन के निर्माण के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है। पुलिस लाइन निर्माण के लिए भूमि चयन की व्यवस्था की जा रही है। समय समय पर पुलिस के आधुनिकीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वीकृतियां प्रदान की जाती रही हैं।
पुलिस के अवकाश का जल्द होगा समाधान: मुख्यमंत्री 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिसकर्मियों के अवकाश प्राप्त करने की वर्तमान समस्याओं का जल्द समाधान किया जायेगा। प्रशिक्षण की व्यवस्था को  सुचारु बनाया जा सकेगा। पुलिस कर्मी भी अपने परिवार के लिए समय निकाल पाएंगे। इससे कहीं भी तनाव की स्थिति ना आ सके। पुलिसकमियों के मनोबल को बढ़ाने के लिए उनकी प्रोन्नति पर भी विशेष बल दिया गया है। वर्ष 2017 में 9892 पुलिसकर्मियों को वहीं वर्ष 2018 में 35575 पुलिस कर्मियों को प्रोन्नतियां प्रदान की गई। जोकि अब तक का एक रिकॉर्ड है।
दो गुनी बैरकों का निर्माण कराएगी सरकार: सीएम
वर्तमान में 5793 आरक्षियों को प्रशिक्षित किये जाने के लिए संस्थागत ढांचा उपलब्ध है। इस क्षमता को दो गुना करने के लिये राज्य सरकार द्वारा धनराशि की व्यवस्था की जा रही है। प्रशिक्षण की क्षमता बढ़ाने के लिए हम अन्य राज्यों और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की भी सहायता ले रहे हैं। वर्तमान में जालौन तथा सुल्तानपुर के प्रशिक्षणकेन्द्र प्रारम्भ होंगे। जनपदों व थानों में पुलिस बैरकों की कमी के कारण कई पुलिसकर्मियों को आवासीय सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है। इसके लिए सरकार बैरकों के निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध करवा रही है।
साईकिल और वर्दी भत्ता पर भी होगा विचार 
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिसकर्मियों के वर्षों से चली आ रही साईकिल और वर्दी भत्ते के संबंध में एक अपेक्षा थी। इसके लिए हमने तीन सदस्यीय आयोग का गठन
किया है। आयोग इन मामलों पर जो निर्णय लेगा उसे सरकार जल्द ही लागू करेगी।
पुलिसकर्मियों के हित में लिया गया महत्वपूर्ण फैसला 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पुलिस कर्मियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए चिकित्सा प्रक्रिया नियमावली में इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक लाख रुपये तक के बिलों पर अधिकार से स बंधित अनुमति प्रदान किये जाने के लिए चिकित्सा विभाग को 23 नवंबर 2018 तक चिकित्सा पद्धति नियमावली में आवश्यक संसोधन करने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। ऐसे पुलिसकर्मी जो पुलिस मुठभेड़ आतंकी घटनाओं, शांति व्यवस्था व राहत कार्यों को प्रदान करने के दौरान घायल होकर कोमा में चले जाते हैं। जिनके समस्त अवकाश पूर्ण होने के उपरांत उनके वेतन बंद होने कारण परिवार का भरण पोषण करने के लिए संकट उत्पन्न हो जाता है। उन्हें असाधारण पेंशन दिए जाने के लिए पेंशन संसोधन नियमावली में संसोधन के लिए 20 नवंबर 2018 तक पूरा करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। प्रदेश पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा विशेष जोखिम भरे कार्यों के दौरान अद य साहस और वीरता का परिचय देते हुए मृत्यु होने पर वर्तमान सरकार द्वारा शाशनादेश 20 अक्टूबर 2017 के माध्यम से उनके परिवार को मिलने वाली धनराशि को 20 लाख रूपये से बढाकर 40 लाख रुपये पहले ही किया जा चुका है। इसके साथ ही शहीद के माता पिता को पूर्व में दी जाने वाली धनराशि को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने ना केवल प्रदेश के पुलिसकर्मियों को बल्कि केंद्रीय अर्धसैनिक बालों के जवानों को और दूसरे अन्य प्रदेशों के व भारतीय सेना में कार्य कर रहे जवानों को प्रदेश के बाहर शहीद होने वाले कर्मियों को ;जो उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैंद्ध ऐसे शहीदों के परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। वहीं जो जवान यूपी के बाहर के हैं और वह अपनी ड्यूटी के दौरान प्रदेश में शहीद हो जाते हैं। उनके परिवारों को भी 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। वर्तमान सरकार द्वारा अब तक 27 शहीदों के परिवारों को 7 करोड़ 7 लाख रुपये की धनराशि 24 से 48 घंटे के अंदर वितरित की गई है। वर्तमान सरकार ने अब तक 1362 मृतक आश्रितों को उपनिरीक्षक, आरक्षी एवं समक्ष पदों पर भर्ती प्रदान की है।
सीएम ने कहा कि सरकार ने फैसला किया है कि पुलिसकर्मी मुठभेड़ आतंकी घटनाओं शांति व्यवस्था व राहत कार्यों को प्रदान करने के दौरान साहस का परिचय देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए हैं उनके स मान में उनके पैतृक गांव के संपर्क मार्ग का नाम शहीद हुए हैं पुलिसकर्मियों के नाम से किया जा रहा है। शहीद आरक्षी अंकित तोमर के पैतृक गांव वाजिदपुर जनपद बागपत, शहीद उपनिरीक्षक जय प्रकाश सिंह के नाम से पैतृक गांव बनवारा जनपद जौनपुर के संपर्क मार्ग का नाम उनके नाम से करने का प्रस्ताव प्राप्त हो गया है। इसके लिए जल्द ही शासनादेश लागू किया जायेगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राम और लक्ष्मण की रामायण की कहानी बताकर अपने स बोधन का समापन किया। उन्होंने कहा कि प्रभु राम ने लक्षमण से कहा था कि जननी और जन्मभूमि का विकल्प नहीं है। सीएम ने कि बलिदान सदैव महान बनाता है। प्रदेश की कानून व्यवस्था की भी चुनौती कम नहीं है। उन्होंने सभी पुलिसकर्मियों से आग्रह किया है कि वह अपनी ड्यूटी का निर्वहन कर्तव्य और परायणता से करें।

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