आगामी चुनाव से पहले इन दिलो शियासत गरमा सी गयी है. सभी पार्टी का सिर्फ एक ही मकसद है हर हाल में जीत. इस बीच एक ऐसी खबर आ रही है जिसे लोगो को रौंगटे खड़े कर दिए. और भाजपा में आक्रोश पैदा कर दिया है.
गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवानी ने गुरुवार को पटना के गांधी मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए विवादित शब्दों का इस्तेमाल किया. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की “भाजपा हराओ, देश बचाओ” रैली को संबोधित करते हुए जिग्नेश मेवानी ने 9 मिनट का भाषण दिया जिसमें उन्होंने 6 बार प्रधानमंत्री को ‘नमक हराम’ कहकर संबोधित किया.
भाषण की शुरुआत में जिग्नेश मेवानी ने प्रधानमंत्री मोदी को कप्तान कहकर संबोधित किया और कहा कि वह नमक हराम हैं और उनकी सबसे ज्यादा नमक हरामी गुजरात की जनता ने देखी है. प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए जिग्नेश मेवानी ने कहा कि वह बिहार समेत देश की 130 करोड़ जनता से माफी मांगते हैं कि गुजरात ने ऐसा मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट वाला पीस दिल्ली भेज दिया.
इसके बाद जिग्नेश मेवानी ने हाल ही में गुजरात में काम करने वाले उत्तर प्रदेश और बिहार से आए मजदूरों की पिटाई का मामला उठाया और कहा कि प्रधानमंत्री कितने नमक हराम हैं इस बात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि गुजरात में उत्तर भारतीयों की पिटाई हो रही थी मगर इन नमक हराम की जुबान से एक शब्द नहीं निकला.
मेवानी ने कहा क्योंकि प्रधानमंत्री ने गुजरात में उत्तर भारतीयों के साथ हुई पिटाई के मुद्दे पर अपनी जुबान नहीं खोली इसीलिए देश की जनता को इस नमक हराम को पहचान लेना चाहिए. रैली को संबोधित करते हुए जिग्नेश मेवानी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के लिए भूख, महंगाई, तेल की बढ़ती कीमत, उना में दलित पर अत्याचार और दो करोड़ सालाना रोजगार पैदा करना कोई मुद्दा नहीं है बल्कि उनके लिए असली मुद्दा गाय का है.
भाषण के दौरान कुछ पलों के लिए बिजली गुल हो गई जिसकी वजह से माइक काम नहीं कर रहा था और जिग्नेश मेवानी को अपने भाषण को रोकना पड़ा. इसको लेकर भी जिग्नेश मेवानी ने टिप्पणी कर दी कि रैली में बिजली का गुल हो जाना नमक हराम की साजिश है.