चार नेताओं भाजपा ने की विधानसभा सीट के लिए दावेदारी, चार बार के विधायक हैं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
भास्कर समाचार सेवा
हरिद्वार। हरिद्वार की कुल 11 विधानसभाओं में से सभी की निगाह हरिद्वार सीट पर भाजपा के टिकट पर लगी हुई है। चार बार के विधायक व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की विधानसभा होने के कारण हरिद्वार, जनपद की अहम सीट है।
भाजपा से इस सीट पर पूर्व मेयर मनोज गर्ग, पूर्व भाजपा जिला उपाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व भाजपा हरिद्वार मंडलाध्यक्ष अनिल अरोड़ा व पूर्व पार्षद कन्हैया खेवड़िया ने टिकट के लिये आवेदन किया है। मदन कौशिक सिटिंग विधायक होने के कारण स्वभाविक दावेदार हैं। पिछले बीस वर्षों में ऐसा पहली बार हो रहा है जब भाजपा कार्यकर्ता कौशिक के मैदान में होते हुए उनकी सीट पर अपनी दावेदारी ठोंक रहे हैं।इसका एक कारण यह भी माना जा रहा है कि यदि प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते पार्टी ने मदन कौशिक को चुनाव न लड़ाया तो अन्यों की लाटरी लग सकती है।हालांकि इन हालात में कौशिक के किसी करीबी को टिकट मिलने की संभावना अधिक है। लेकिन औपचारिक रुप से हरिद्वार में भाजपा के पांच ही दावेदार हैं। हरिद्वार में भाजपा का इतिहास देखें तो यहां से भाजपा द्वारा ब्राह्मणों को ही अधिकाधिक प्रत्याशी बनाया जाता रहा है। इसका बड़ा कारण ये है कि हरिद्वार वैश्विक तीर्थ है और हरिद्वार नगर जिले की प्रतिनिधि सीट है। इस सीट से भाजपा का विशुद्ध हिंदुत्व का संदेश जाता है, जिससे पार्टी को अन्य सीटों पर भी बढ़त मिलती है। इस सीट पर संत मतदाता भी बड़ी संख्या में हैं।
पिछले पचास सालों में भाजपा इस सीट पर ब्राह्मण या संतों को ही प्रत्याशी बनाती रही है।1992 से 96 के बीच संत जगत से आने वाले जगदीश मुनि तीन बार इस सीट से भाजपा विधायक बने।पुरोहित जगत से राजकुमार शर्मा, अशोक त्रिपाठी को भी भाजपा ने यहां चुनाव लड़ाया। इसबार पांच दावेदारों में मदन कौशिक, पं.आशुतोष शर्मा व कन्हैया खेवड़िया ब्राह्मण दावेदार हैं। 2002 के बाद से कौशिक इस सीट पर जमें हैं। अगर पार्टी ने इसबार भी ब्राह्मण पालिसी जारी रखी तो पहली संभावना कौशिक के ही प्रत्याशी बनने की है। अगर कौशिक को नहीं लड़ाया जाता तो आशुतोष शर्मा या कन्हैया खेवड़िया की भी लाटरी लग सकती है। इस दृष्टि से वैश्य समाज से आनेवाले मनोज गर्ग व पंजाबी समाज के अनिल अरोड़ा की संभावनाएं कमजोर हो रही हैं।