यूक्रेन में फंसे भारतीयों पर बोले CJI, क्या हमारे कहने से रूसी राष्ट्रपति पुतिन युद्ध रोक देंगे?

रूस और यूक्रेन के बीच महायुद्ध चल रहा हैं, बता दे रूसी सेना यूक्रेन में भयंकर तबाही मचा रही है. अब भी वहां पर सैकड़ों छात्र फंसे हुए हैं. इस बीच, यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है. CJI एन वी रमना ने कहा कि छात्रों के हालात पर हमें भी बुरा लग रहा है. लेकिन हम क्या कर सकते हैं ? क्या हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन को कह सकते हैं कि युद्ध को रोक दें. दरअसल, कश्मीर के एक वरिष्ठ वकील ने CJI की बेंच के सामने याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी।

इस दौरान उन्होंने बताया कि 213 छात्र अभी भी यूक्रेन- रोमानियां बॉर्डर पर फंसे हुए हैं. इनमें से ज्यादातर छात्राएं हैं. उनके पास पैसे भी खत्म हो चुके हैं. ऐसे में केंद्र को उनकी मदद करने और वापस लाने को कहा जाना चाहिए।

यूक्रेन में भारतीय विद्यार्थियों को बंधक बनाए जाने की कोई ख़बर नहीं

CJI ने कहा कि हम इसमें क्या कर सकते हैं. एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा गया कि भारत के मुख्य न्यायाधीश कुछ नहीं कर रहे हैं. छात्रों के हालात पर हमें भी बुरा लग रहा है. लेकिन हम क्या कर सकते हैं ? क्या हम रूस के राष्ट्रपति पुतिन को कह सकते हैं कि युद्ध को रोक दें. फंसे छात्रों के मुद्दे पर अटार्नी जनरल के साथ सुप्रीम कोर्ट विचार करेगा. वहीं इस मामले को लेकर अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए।

CJI ने मामले की जानकारी दी. CJI ने याचिकाकर्ता छात्रा का ब्योरा मांगा. AG को कहा कि वो इसका ब्योरा नोट कराएं. याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता यूक्रेन में मेडिकल की छात्रा है. 250 छात्र फंसे हैं. रोमानिया बॉर्डर से उनको निकाला नहीं जा रहा है. वो यूक्रेन बॉर्डर पर हैं उनको रोमानियां जाने की इजाजत नहीं है।

कोर्ट ने मैसेंजर को AG ऑफिस भेजा

AG ने कहा कि पीएम ने पुतिन से बात की है. एक मंत्री को रोमानियां भेजा गया है. सरकार सब कुछ कर रही है. CJI ने कहा कि अपने ऑफिस को बोलिए कि कुछ करें. याचिकाकर्ता ने कहा कि सरकार हंगरी से छात्रों को वापस ला रही है और यह छात्र रोमेनिया पर फसे हुए हैं, वहां पर अभी बॉर्डर नहीं पर किया है. AG ने कहा कि भारत सरकार आने केंद्रीय मंत्रियों को छात्रों को निकालने के लिए भेजा है, रोमेनिया में केंद्रीय मंत्री हैं.सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को कहा कि रोमानिया बॉर्डर पर फंसे छात्रों को निकालने के लिए कदम उठाएं. सीजेआई ने AG को कहा कि कुछ अच्छे के लिए कदम उठाएं. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की प्रति के साथ विशेष मैसेंजर को AG ऑफिस भेजा।

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