हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सिंगल फेज में 12 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। नतीजे 8 दिसंबर को घोषित होंगे। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी 2023 को खत्म हो रहा है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि वोटर नामांकन तक अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकते हैं। इस बार 80 साल से ऊपर उम्र वाले बुजुर्गों और कोरोना पीड़ितों को घर से वोटिंग की सुविधा दी जाएगी।
विधानसभा चुनाव का पूरा प्रोग्राम पढ़िए…
नोटिफिकेशन- 17 अक्टूबर
नॉमिनेशन- 25 अक्टूबर तक
वोटिंग- 12 नवंबर
काउंटिंग- 8 दिसंबर
चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस की अहम बातें…
महिलाओं के लिए अलग से बूथ बनाया जाएगा। सभी बूथों पर पानी और गर्मी से राहत की व्यवस्था रहेगी।
80 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्ति और कोरोना पीड़ितों के लिए घर पर वोटिंग की सुविधा होगी।
दिव्यांगों को पोलिंग सेंटर पर व्हीलचेयर उपलब्ध कराई जाएगी। वोटिंग के लिए अलग व्यवस्था की जाएगी।
चुनाव में पैसे, ड्रग्स या किसी भी तरह के पावर का दुरुपयोग किया जाता है, तो नागरिक इसकी सूचना C-vigil ऐप पर दे सकते हैं।
ऐप पर ही उम्मीदवारों के बारे में जानकारी मिल जाएगी। उम्मीदवारों के अपराध और संपत्तियों की जानकारी हम ऐप पर देंगे।
8 जनवरी को खत्म हो रहा हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल
हिमाचल विधानसभा का कार्यकाल 8 जनवरी को खत्म हो रहा है। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं। इनमें 20 सीटें आरक्षित हैं। 17 सीटें अनुसूचित जाति (SC) के लिए और 3 सीटें अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए रिजर्व हैं। 2017 में भाजपा ने पूर्ण बहुमत से जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी। चुनाव में भाजपा 44, तो कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत मिली थी। एक सीट पर CPIM और दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे।
CM पद के दावेदार कौन-कौन?
भाजपा से वर्तमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर सबसे बड़े दावेदार हैं। अगर 2017 की तरह कोई बड़ा उलटफेर होता है तो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी CM का चेहरा बन सकते हैं। कांग्रेस की ओर से मुकेश अग्निहोत्री, कौल सिंह ठाकुर, सुखविंद्र सिंह सुक्खू, रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी दावेदारों की सूची में शामिल है।
2017 में जो चेहरा थे, अब नहीं
सत्ता में रहते हुए कांग्रेस तत्कालीन CM वीरभद्र सिंह के नाम पर चुनावी मैदान में उतरी। पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। 2021 में वीरभद्र सिंह का निधन हो गया। इस बार कांग्रेस में दावेदार कई हैं, लेकिन किसी एक नाम पर सहमति नहीं। बात भाजपा की करें तो पार्टी 2017 के चुनाव में पूर्व CM प्रेम कुमार धूमल के नाम पर चुनाव मैदान में उतरी थी।
भाजपा हाईकमान ने धूमल को हमीरपुर के बजाय सुजानपुर से टिकट दिया और वहां से धूमल चुनाव हार गए थे। इसके बाद भाजपा हाईकमान ने जयराम ठाकुर को CM बनाया।
4 मुद्दे सबसे अहम, एंटी इनकंबैंसी का भी असर
हिमाचल में इस बार 4 मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें कर्मचारियों की समस्या, महंगाई, बेरोजगारी और पुलिस पेपर लीक मामला शामिल है। इसके अलावा सरकार के खिलाफ एंटी इनकंबैंसी का भी असर हो सकता है। पिछले साल 3 सीटों के लिए हुए उपचुनाव में भाजपा को सभी सीटों पर हार मिली थी।
मोदी ने मोर्चा संभाला, प्रियंका की भी रैली
हिमाचल में सरकार रिपीट के लिए भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोर्चा संभाल लिया है। हिमाचल में पहली बार कोई प्रधानमंत्री चुनाव की घोषणा से पहले ताबड़तोड़ जनसभाएं कर रहे हैं। भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी के रैली करने पर सस्पेंस है। कांग्रेस ने इसलिए प्रियंका को हिमाचल में रैली की जिम्मेदारी दी है।