वो बच गया क्योंकि मैंने एक चौथी फेल को Underestimate करने की गलती की थी. वो फसेगा क्योंकि उसने एक माँ को Underestimate करने की गलती की है. दृश्यम फिल्म के इस संवाद ने सात वर्ष पहले ही बॉलीवुड में धूम मचा दी. वहीं, अब इस फिल्म के दूसरे पार्ट ने भी डूबते बॉलीवुड को संजीवनी प्रदान करने का काम किया है. एक ओर जहां बॉलीवुड की एक के बाद फ़िल्में बॉक्स ऑफिस पर औधें मुंह गिर रही थी, वहीं अभी हाल ही आई फिल्म दृश्यम 2 ने ये साबित कर दिया कि अगर एक बेहतरीन कहानी को धुआंधार एक्टिंग स्किल्स के जरिए दर्शकों तक पहुंचाया जाए तो इतिहास रचा जा सकता है. लेकिन आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दृश्यम 2 के लिए अजय देवगन पहले विकल्प नहीं थे.
दृश्यम फिल्म के लिए तीसरी पसंद थे अजय देवगन
दृश्यम फिल्म को सफलता के शिखर पर ले जाने में सबसे बड़ा हाथ है अजय देवगन का. लेकिन अजय देवगन इस फिल्म के लिए पहली पंसद नहीं थे? आपको लग रहा होगा कि हम कैसी बातें कर रहे हैं लेकिन सच्चाई यही है. इस फिल्म के लिए बॉलीवुड के दो बड़े स्टार्स का चुनाव किया गया था. अजय देवगन इस फिल्म के लिए तीसरी पसंद थे लेकिन अजय देवगन ने अपने एक्टिंग के जरिए दृश्यम को ऐसी पहचान दे दी, जैसी मूल संस्करण में मोहनलाल भी नहीं दे पाए थे. इस फिल्म के लिए यानी विजय सालगांवकर के रोल के लिए पहले सैफ अली खान को चुना गया था. अक्टूबर 2014 में यह घोषणा हुयी थी कि सैफ अली खान इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाएंगे.
फिर ऐसी भी ख़बरें सामने आईं थी कि इस फिल्म में अक्षय कुमार अभिनय करने वाले हैं. लेकिन नवंबर 2014 में इस बात की पुष्टि हुई कि अजय देवगन इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाएंगे. एक तरह से यह निर्णय काफी अच्छा भी साबित हुआ. अब जरा कुछ देर के लिए विजय सालगांवकर की जगह पर सैफ अली खान और अक्षय कुमार को इमेजिन करके देखिए. आप हँस पड़ेंगे क्योंकि अजय देवगन से बेहतर इस रोल को कोई और कर ही नहीं सकता. अगर इनमें से किसी ने ये रोल निभाया होता तो शायद दृश्यम को लेकर ऐसा क्रेज होता ही नहीं, क्योंकि विजय सालगांवकर का किरदार अजय ने इस तरह से निभाया है जैसे वो इसी के लिए ही बने थे.
रियल लाइफ में भी फैमिली मैन हैं अजय देवगन
इस फिल्म की कहानी की पूरी पृष्ठभूमि परिवार के आस-पास घुमती नज़र आती है. अजय देवगन की अनोखी एक्टिंग स्टाइल लोगों के दिलों में घर कर गयी है. जिस तरह से इस फिल्म में अजय देवगन ने एक जिम्मेदार फैमिली मैन की भूमिका निभाई है वो अपनी रियल लाइफ भी कुछ इसी तरह से हैं. शायद यही मुख्य कारण भी रहा कि अजय ने स्वयं को किरदार में बखूबी ढाल लिया.
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि बॉलीवुड की अन्य फैमिली से इतर अजय देवगन अपने परिवार के साथ समय व्यतीत करना काफी अधिक पसंद करते हैं. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो रविवार को काम करना भी पसंद नहीं करते हैं. आईएएनएस के साथ एक इंटरव्यू में काम और निजी जिंदगी के बीच संतुलन को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा था कि मैं अपने काम और परिवार को बहुत अच्छी तरह से संतुलित रखता हूं. मैं अपने बच्चों के साथ बहुत समय बिताता हूं. कभी-कभी ऐसा होता है कि आप काम में फंस जाते हैं लेकिन ज्यादातर समय मैं देखता हूं कि मैं बच्चों को समय दे सकूं. ये भी बताया जाता है कि अजय देवगन अपने परिवार के साथ ही डिनर करना पसंद करते हैं.
दूसरी ओर अगर अजय देवगन और काजोल के बच्चो की बात करें तो आपने कभी भी इनके दोनों बच्चो के बारें में कोई भी नकारात्मक खबर नहीं सुनी होगी. क्योंकि अजय देवगन ने बचपन से अपनी बेटी और बेटे को मीडिया से काफी दूर ही रखा है. इसके अलावा अभी भी वो एक जिम्मेदार बाप की भूमिका निभाते हैं. जहां दूसरे सेलेब्स के बच्चे अपने अतरंगी कारनामों से आए दिन मीडिया की सुर्ख़ियों में रहते हैं, वहीं अजय की फैमिली इससे कोसों दूर है.
रीमेक ऐसे बनते हैं!
रियल लाइफ में अपने परिवार को लेकर चलने वाले इस अभिनेता ने रील लाइफ यानी दृश्यम में भी इस बात का पूरा ख्याल रखा है. दृश्यम की पूरी कहानी भी परिवार पर ही आधारित है. सीमित और पावरफुल संवादों से अजय ने इस फिल्म में चार चांद लगा दिए है. उनके फेस एक्सप्रेशन, उनके डायलॉग्स, उनकी स्टाइल, अपने आप में बवाल हैं. ध्यान देने वाली बात यह भी है कि दृश्यम एक रीमेक है लेकिन अजय देवगन ने अपनी फिल्म के जरिए ये भी साबित किया है कि अगर रीमेक को ढंग से बजाया जाए, तो ब्लॉकबस्टर साबित हो सकती है. दृश्यम के दोनों संस्करण इसके उदाहरण हैं. इसके अलावा वर्ष 2010 में अजय देवगन ने तमिल फिल्म सिंघम का रीमेक बनाया था, जो सुपरहिट साबित हुई थी. उसके बाद स्थिति तो ऐसी हो गई कि लोग सिंघम के नाम पर अजय देवगन का नाम लेते हैं. ऐसे में यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि अजय देवगन ने अपने फिल्मों के जरिए बॉलीवुड के नजरिए को बदलने का प्रयास किया है और रीमेक को लेकर यह बता दिया है कि ‘ऐसा भी हो सकता है’.