-आपदाग्रस्त क्षेत्रों का किया स्थलीय निरीक्षण, लोगों को कंबल भी वितरित किए
गोपेश्वर, (हि.स.)। मुख्यमंत्री बुधवार को सायं जोशीमठ पहुंचे। उन्होंने सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम से आपदा राहत एवं आपदा से उत्पन्न स्थिति की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री हेलीपैड से सीधे आपदाग्रस्त क्षेत्रों के निरीक्षण के लिये निकले और आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा पीड़ितों को विश्वास दिलाया कि इस संकट के समय केंद्र और राज्य सरकार संजीदगी के साथ उनके साथ खड़ी है। इस आपदा का सामना करने के लिये उनकी अपेक्षाओं का पूरा सम्मान किया जायेगा। आपदा पीड़ितों से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री ने उन्हें कम्बल भी वितरित किये।
जोशीमठ में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि जोशीमठ में चिह्नित आपदा ग्रस्त क्षेत्र के सभी भवनों नहीं अभी सिर्फ दो होटल तोड़े जाएंगे, वह भी सभी की सहमति से इस कार्य को किया जाएगा। इसके साथ ही राहत एवं पुनर्वास के लिए यहां पर कमेटी बना दी है। सारे नाम उसमें सम्मिलित कर दिए गए हैं। सभी प्रमुख वर्गों के लोगों को उसमें सम्मिलित करके आगे की कार्रवाई की जाएगी। राहत एवं पुनर्वास ठीक तरीके से हो, यह हमारी प्राथमिकता है। अंतरिम राहत की हमने घोषणा की है, हम चाहेंगे कि जल्दी-जल्दी सभी तक अंतरिम राहत पहुंचे, जिससे लोगों को फौरी रूप से राहत मिले।
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि आज सुबह से ही उनके अन्य जगह भी कार्यक्रम लगे थे, लेकिन उन्हें लगा कि इस संकट की घड़ी में उन्हें जोशीमठ में अपने पीड़ित भाई-बहनों के साथ रहना चाहिए और वे यहां आ गये हैं। इस संकट की घड़ी में वे उनके साथ खड़े हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस संकट के समय हमारे साथ खड़े हैं और मॉनिटरिंग करने के साथ सहायता भी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि यहां पर आपदा के कारण जितना नुकसान हुआ है, वह हो चुका है और आगे हम भगवान से प्रार्थना करते हैं कि सब ठीक हो जाए। आने वाले समय में यहां पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों का आयोजन होना है। कुछ समय बाद चारधाम यात्रा भी शुरू होनी है, इसलिए इस प्रकार का वातावरण न बनाया जाये कि पूरा उत्तराखंड खतरे में आ गया है। क्षेत्र का विकास तेजी से हो रहा है। हमारी कोशिश रहेगी कि इकोलॉजी और इकोनॉमी, दोनों का संतुलन बनाकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जाये।
उन्होंने कहा कि जोशीमठ के साथ-साथ उत्तराखंड के अन्य शहरों की धारण क्षमता का भी हम आकलन करवाएंगे। अगर उनमें क्षमता से ज्यादा निर्माण हो चुका हो तो उसको धीमा कराने का कार्य किया जायेगा। मारवाड़ी स्थित जेपी कॉलोनी के समीप जहां पानी का रिसाव हो रहा है, उसके स्थलीय निरीक्षण के दौरान उन्होंने बताया कि आज पानी का रिसाव आधे से भी कम हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों में गुस्सा जरूर है लेकिन हम लोग भी इस विपदा की घड़ी में लोगों के साथ खड़े हैं। इसमें कहीं किसी को भी किसी प्रकार का संदेह नहीं होना चाहिए कि सरकार उनके साथ नहीं खड़ी है। पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है। प्रधानमंत्री का भी संपूर्ण आश्वासन है। हमारी जो भी अपेक्षाएं हैं, उन अपेक्षाओं के अनुरूप उनके पुनर्वास और सेटलमेंट के लिए काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री स्वयं और उनका कार्यालय भी लगातार इस बात की चिंता कर रहा है और वे लगातार अपडेट ले रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वह रात्रि विश्राम जोशीमठ में करेंगे और पीड़ितों की हर संभव मदद के लिये जोशीमठ में उच्चाधिकारियों, आयुक्त एवं जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ ही स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे।