कानपुर । घाटमपुर। पतारा में बीते एक अक्टूबर को पुलिस ने नकली नोट मार्केट में चलाने वाले एक गिरोह को पकड़ा था, पुलिस ने बीते दिनों नाबालिग समेत दो को पूछताछ कर जेल भेजा था, अन्य की तलाश में जुटी हुई थी, पुलिस ने एक सदस्य को दौड़ाकर पकड़ लिया है। पुलिस की पूछताछ में युवक ने एक फौजी के गैंग में शामिल होने की जानकारी दी है। वही पुलिस ने गुरुवार को युवक को न्यायलय में पेश कर जेल भेज दिया है। घाटमपुर थाना क्षेत्र के पतारा कस्बा में परचून की दुकान में नकली नोट चलाने आए दो युवकों को पुलिस ने बीते एक अक्टूबर को गिरफ्तार किया था, पकड़े गए युवकों ने अपनी पहचान कानपुर के वरुण विहार बर्रा 8 निवासी विभु यादव के रूप में बताई थी, एक युवक नाबालिग था।
कुपवाड़ा में तैनात एक फौजी का नाम आया सामने, पुलिस कर रही जांच।
जिनके पास से एक प्रिंट मशीन समेत 42100 रुपए के नकली नोट, दो पेपर पैकेट, व दो कटर बरामद किए थे, जिन्हे पुलिस ने जांच के लिए देवास लैब भेजा था। पुलिस ने युवकों को जेल भेजने के साथ मामले की जांच शुरू की थी, जांच के दौरान पुलिस को कानपुर देहात के पनियनमऊ निवासी अर्पित सचान का नाम सामने आया था, पुलिस युवक की तलाश में जुटी हुई थी, पुलिस को युवक के चौराहे में होने की जानकारी हुई तो दरोगा प्रवास युवक को पकड़ने गए, युवक ने दरोगा को देखते ही दौड़ लगा दी। दरोगा ने दौड़कर युवक को टीचर्स कालोनी वाली गली से पकड़कर थाने ले गए। जहां पूछताछ में युवक ने नरवल के रहने वाले जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात एक फौजी का गिरोह में शामिल होने की जानकारी दी है। पुलिस फौजी की भूमिका की जांच में जुटी है। वही अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है।
गैंग में दस लोग शामिल
पुलिस की पूछताछ में आरोपी अर्पित सचान ने बताया कि नकली नोट चलाने की गिरोह में दस लोग शामिल है। वही गिरोह में नरवल निवासी एक फौजी का नाम भी सामने जो वर्तमान में जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा ने तैनात है। मामले में डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार ने बताया कि पूछताछ में युवक ने फौजी के गिरोह में शामिल होने की जानकारी दी है। पुलिस जांच कर रही है। अन्य आरोपियो की तलाश की जा रही है।
घाटमपुर क्षेत्र में चलाएं थे, तीन लाख के नकली नोट
पुलिस की पूछताछ में युवकों ने बताया था, कि वह और उनके साथियों ने बीते दिनों तीन माह में लगभग तीन लाख के नकली नोट बाजार में चलाए थे। युवक के मुताबिक उनके साथियों ने घाटमपुर, सजेती, बिधनू, कानपुर, कानपुर देहात, हमीरपुर समेत आसपास जनपदों में नोट चलाएं थे।
कैसे करे असली और नकली नोट की पहचान
भारतीय स्टेट बैंक की पतारा शाखा के रश्मि सिंह ने बताया कि सौ के असली और नकली नोट की पहचान करना आसान है। इन नोट पर महात्मा गांधी की एक साफ तस्वीर बनी होती है, जबकि दूसरी तस्वीर इलेक्ट्रोटाइप वाटरमार्क में होती है। यह तस्वीर रोशनी में साफ दिखाई देती है।, जबकि नकली नोट में तस्वीर साफ नहीं नजर आएगी। इसके साथ ही नोट में लगा सुरक्षा धागा पर भारत और आरबीआई लिखा होता है। असली नोट में यह बिल्कुल सही से लगा होता है, जबकि नकली नोट में यह सही तरीके से नहीं होगा।