मुंबई (ईएमएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नीतिगत ब्याज दर में लगातार दूसरी बार बदलाव नहीं करने के बावजूद विश्लेशकों का मानना है कि मुद्रास्फीति पर केंद्रीय बैंक की प्राथमिकता को देखते हुए चालू वित्त वर्ष में रेपो दर में कटौती की संभावना नहीं है। हालांकि सभी जानकारों को उम्मीद है कि रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखने का सिलसिला दिसंबर में होने वाली मौद्रिक समीक्षा तक जारी रहेगा। उन्होंने रेपो दर में पहली गिरावट फरवरी, 2024 की समीक्षा बैठक में होने की उम्मीद जताई है। विश्लेषकों ने कहा कि जहां आरबीआई गवर्नर वृद्धि को लेकर उत्साहित हैं और मुद्रास्फीति पर कम हुए दबाव को समझते हैं वहीं वह मुद्रास्फीति के भविष्य के बारे में अधिक सतर्क भी हैं। वह मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के करीब रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एक अर्थशास्त्री को उम्मीद है कि आरबीआई फरवरी, 2024 की बैठक में पहली बार दर में कटौती करेगा। इससे पहले वह दिसंबर, 2023 की समीक्षा में ऐसा होने की उम्मीद कर रहे थे।
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