भाजपा ने विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही मध्य प्रदेश की 39 और छत्तीसगढ़ की 21 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। छत्तीसगढ़ की पाटन सीट से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ उनके भाई विजय बघेल को उतारा गया है। वे दुर्ग से पार्टी के सांसद हैं। दिल्ली में एक दिन पहले यानी 16 अगस्त को ही केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक हुई थी। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत CEC के मेंबर्स शामिल हुए थे। इसमें इस बात पर चर्चा हुई थी कि कुछ कमजोर सीटों पर प्रत्याशियों की एक-दो दिनों में घोषणा कर दी जाएगी।
बुधवार को हुई थी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक
बुधवार को हुई भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में में PM मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान, MP भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे।
छत्तीसगढ़ की सीटों को 4 कैटेगरी में बांटा गया
मीटिंग में छत्तीसगढ़ की 90 सीटों को 4 कैटेगरी- A, B, C, D में बांटा गया। A कैटेगरी में वे सीटें हैं, जिन्हें भाजपा ने हर बार जीता है। B कैटेगरी में वे सीटें हैं, जिन पर भाजपा की जीत-हार दोनों हुई है। C कैटेगरी की सीटों पर भाजपा कमजोर है। वहीं, D कैटेगरी की सीटों पर भाजपा कभी नहीं जीत सकी है। मीटिंग में B और C की 22 और D कैटेगरी की 5 सीटों पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, इस बंटवारे से कमजोर सीटों पर पार्टी ज्यादा फोकस दे सकेगी। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की आधी सीटों पर नए उम्मीदवारों को मौका दे सकती है।
इस बार भाजपा जातियों को पूरी तरजीह दे रही है। प्रत्याशी चयन में देखा जा रहा है कि वो किस जाति का है जाति वर्ग वोटर्स की तादाद कितनी है, अन्य समुदायों में उसकी पकड़ कैसी है। मजबूत दावेदारों को चुनाव की तैयारी शुरू करने जैसे आयकर-संपत्ति विवरण, क्रिमिनल रिकॉर्ड, एजुकेशन और सर्टिफिकेट इकट्ठा करने कहा है। साथ ही सारी जानकारी पुख्ता और दस्तावेजी रहे ताकि नामांकन पत्र खारिज न हो सके।
MP पर डेढ़ घंटे बातचीत, हारी हुई सीटों पर फोकस ज्यादा
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में PM मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मप्र से सत्यनारायण जटिया शामिल हुए थे। पहली बार मध्य प्रदेश के साथ समिति की आधे घंटे बैठक हुई। करीब डेढ़ घंटे बाद मध्य प्रदेश को फिर बुलवाया गया और एक घंटे तक चर्चा हुई। केंद्रीय नेताओं के सामने मप्र ने हारी हुई सीटों का ब्योरा रखा। इसके बाद तय हुआ कि प्रदेश नेतृत्व जल्द से जल्द इन 40 से 50 सीटों पर दो से तीन नाम का पैनल बनाएगा। भाजपा इस बार सिंतबर में ही हारी सीटों के प्रत्याशी तय कर देगी, ताकि उन्हें वक्त मिले। कुछ और घोषणाएं करने के लिए प्रदेश नेतृत्व ने केंद्रीय संगठन से स्वीकृति मांगी है।
इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने हैं। भाजपा इनमें से सिर्फ मध्य प्रदेश में ही सत्ता में है। MP में CM शिवराज के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। बैठक में यह तय हुआ कि 20 अगस्त को शिवराज सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड जारी करेगी।
20 अगस्त को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी आ सकते है। इस दौरान सरकार के कामों और योजनाओं के आंकडे़ भी जनता के सामने रखे जाएंगे।
मध्यप्रदेश के लिए भाजपा ने 230 विधायकों की लिस्ट तैयार कर ली है। ये विधायक उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र के हैं, जो अपने क्षेत्र में चुनावी जीत की रणनीति में माहिर माने जाते हैं। हर एक विधायक को मप्र की एक सीट का जिम्मा दिया गया है। ये विधायक हर सीट से दावेदारों का पैनल तैयार कर केंद्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट सौपेंगे।