कोटा में स्टूडेंट्स के सुसाइड का सिलसिला थम नहीं रहा है। पढ़ाई के प्रेशर में स्टूडेंट्स यहां लगातार जान दे रहे हैं। रविवार को भी दो स्टूडेंट्स ने टेस्ट सीरीज में कम नंबर आने से तंग आकर सुसाइड कर लिया। इसके बाद जिला कलेक्टर ने कोचिंग्स में टेस्ट लेने पर रोक लगा दी है। फिलहाल रोक दो महीने के लिए लगाई गई है। रविवार को 4 घंटे के अंतर पर दो स्टूडेंट्स ने आत्महत्या कर ली थी। इस तरह इस साल जनवरी से 28 अगस्त तक 24 मामले सामने आए हैं। इनमें 13 स्टूडेंट्स को कोटा आए हुए दो-तीन महीने से लेकर एक साल से भी कम समय हुआ था। सात स्टूडेंट्स ने तो डेढ़ महीने से लेकर पांच महीने पहले ही कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया था। इनके अलावा दो मामले सुसाइड की कोशिश के भी सामने आ चुके हैं।
रविवार को 2 बच्चों ने सुसाइड किया; एक छठी मंजिल से कूदा, दूसरे ने फंदा लगाया
एएसपी भगवत सिंह हिंगड़ ने बताया ने रविवार दोपहर को करीब 3 बजे लातूर (महाराष्ट्र) के रहने वाले आविष्कार संभाजी कासले (16) ने कोटा में कोचिंग इंस्टीट्यूट की छठी मंजिल से कूदकर सुसाइड कर लिया। स्टूडेंट तलवंडी इलाके में 3 साल से रह रहा था। वह यहां NEET की तैयारी कर रहा था। वह रविवार को रोड नंबर 1 स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट में टेस्ट देने के लिए आया था। रविवार को रात 7 बजे कुन्हाड़ी के लैंडमार्क एरिया में आदर्श (18) अपने कमरे में फंदे से लटका मिला। आदर्श बिहार के रोहितास जिले का रहने वाला था। स्टूडेंट नीट की तैयारी के लिए 4 महीने पहले ही कोटा आया था। यहां लैंडमार्क एरिया में भाई-बहन के साथ फ्लैट लेकर रह रहा था।
खाने के लिए आवाज दी, लेकिन जवाब नहीं मिला
एएसपी ने बताया कि फ्लैट में अलग-अलग तीन कमरे हैं। रविवार को टेस्ट देकर आने के बाद आदर्श अपने कमरे में चला गया था। शाम को 7 बजे उसकी बहन ने उसे खाना खाने के लिए आवाज लगाई, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद उसने कजिन भाई को बुलाया।
दोनों ने काफी देर दरवाजा खटखटाया ,लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद दोनों भाई-बहनों ने दरवाजा तोड़ा। फंदे पर आदर्श को लटका देख दूसरे फ्लैट में रह रहे लोगों को जानकारी दी। इसके बाद उसे फंदे से उतारकर एमबीएस अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां उसे बचाने के लिए सीपीआर दी गई, लेकिन बचाया नहीं जा सका।
पुलिस ने बताया- शुरुआती जांच में सामने आया है कि आदर्श के कोचिंग संस्थान के टेस्ट में लगातार कम नंबर आ रहे थे। 700 में से वह सिर्फ 250 नंबर तक ही अचीव कर पा रहा था। इसे लेकर वह परेशान था। माना जा रहा है कि इसी के चलते उसने फंदा लगाया। एएसपी ने बताया- अभी तक कोई सुसाइड नोट नही मिला है। पेरेंट्स के आने के बाद कमरे की तलाशी लेंगे।
टेस्ट पर रोक, फिर भी कोचिंग संस्थान बात नहीं मान रहे
कोटा कलेक्टर ओपी बुनकर ने 12 अगस्त को गाइडलाइन जारी कर कोचिंग संचालकों को सख्त हिदायत दी थी कि संडे के दिन कोई टेस्ट नहीं करवाएं जाएं। इसके बावजूद भी टेस्ट को लेकर रविवार के दिन ही दो छात्रों के सुसाइड के मामले सामने आए हैं। घटना के बाद कलेक्टर ओपी बुनकर ने रविवार रात को आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के अनुसार अब कोई भी कोचिंग संस्थान दो महीने तक बच्चों के टेस्ट नहीं लेगा।
कैसे रोकी जा सकती है सुसाइड?
इस साल 24 सुसाइड, ज्यादातर स्टूडेंट्स कुछ महीने पहले ही कोटा आए थे
कोटा में जनवरी से 10 अगस्त तक सुसाइड के 20 मामले सामने आए हैं। इनमें 13 स्टूडेंट्स को कोटा आए हुए दो-तीन महीने से लेकर एक साल से भी कम समय हुआ था। सात स्टूडेंट्स ने तो डेढ़ महीने से लेकर पांच महीने पहले ही कोचिंग इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया था। इनके अलावा दो मामले सुसाइड की कोशिश के भी सामने आ चुके हैं।
जनवरी: अली राजा ने सुसाइड किया। इसे कोटा आए पांच महीने ही हुए थे।
8 फरवरी: बाड़मेर की कृष्णा और उत्तरप्रदेश के धनेश कुमार ने फांसी लगाई।
12 जून: महाराष्ट्र के 17 साल के भार्गव केशव ने कमरे में फांसी लगा ली। 2 महीने तक कोटा में रहा। JEE की तैयारी कर रहा था।
27 जून: उदयपुर के सलूंबर के रहने वाले मेहुल वैष्णव (18) ने हॉस्टल में फांसी लगाई थी। NEET की कोचिंग कर रहा था।
7 जुलाई: यूपी के रामपुर के बहादुर सिंह (17) फांसी लगाकर सुसाइड किया। JEE की तैयारी कर रहा था।
3 अगस्त: NEET की तैयारी कर रहे यूपी के छात्र मनजोत ने सुसाइड किया था।
4 अगस्त: बिहार के चंपारण के भार्गव मिश्रा ने सुसाइड किया था। JEEकी तैयारी के लिए आया था।
10 अगस्त: यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले मनीष प्रजापति (17) ने हॉस्टल में फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मनीष 6 महीने पहले ही कोटा आया था और जेईई की तैयारी कर रहा था।
16 अगस्त: बिहार का रहने वाला वाल्मीकि प्रसाद जांगिड़ (18) जुलाई 2022 में कोटा आया था। स्टूडेंट ने कमरे की खिड़की से लटक कर सुसाइड किया था।
28 अगस्त: बिहार के रहने वाले आदर्श और महाराष्ट्र के स्टूडेंट अविष्कार संभाजी ने सुसाइड कर लिया।
कोटा में स्टूडेंट सुसाइड के लिए डबल मैथड चुन रहे:इसमें जिंदा बचने की गुंजाइश न के बराबर, इस साल 20 मौतें; तीन वजहें जिम्मेदार
इंजीनियर-डॉक्टर बनने की चाहत में कोटा में कोचिंग कर रहे बच्चे मौत का सबसे खौफनाक तरीका चुन रहे हैं। संख्या इतनी बढ़ गई है कि लगभग हर महीने दो से ज्यादा सुसाइड केस सामने आ रहे हैं। जनवरी से अब तक एक के बाद एक 20 स्टूडेंट सुसाइड कर चुके हैं।