[ जुलूस के दौरान लहराता रहा कलमा लिखा तिरंगा ]
फतेहपुर। जिले में गुरुवार का दिन पुलिस और प्रशासन के लिए संघर्षपूर्ण रहा। किशनपुर के नरैनी में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान बवाल हुआ वहीं जाफरगंज में भी एक युवक को समुदाय विशेष के लोगो ने पीट दिया। हालांकि दोनों मामलों में उच्चाधिकारियों ने समय से स्थिति को संभाल लिया नहीं तो दो वर्ष पूर्व का किशनपुर का बवाल सभी को याद होगा, जहां उच्चाधिकारियों की गाड़ियों को भी बलवाइयों ने तोड़ दिया था। हालांकि छिटपुट घटनाओ को छोड़कर त्योहारों को सकुशल निपटाने की बात कहकर पुलिस अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन देशद्रोह के एक मामले को दबाना बिंदकी पुलिस के लिए मुसीबत बन सकता है।
आपको बता दें कि गुरुवार को बिंदकी कस्बे में बारावफात के जुलूस के दौरान राष्ट्रीय झंडे तिरंगे का घोर अपमान किया गया। इस्लामिक स्टेट की तर्ज पर तिरंगे की शक्ल ही बदल दी गई। देश के गौरव तिरंगे में लगे अशोक चक्र को मिटाकर उसमे कट्टपंथियों ने कलमा लिख दिया। कलमा लिखा तिरंगा पूरे बिंदकी कस्बे में घूमता रहा, लहराता रहा लेकिन सक्रियता की बात करने वाली खूफिया टीमे नदारद रही। आश्चर्य यह है कि देश की एकता व संप्रभुता के प्रतीक अशोक चक्र को हटाकर कलमा लिखने वालों पर न ही पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और न ही उन्हें गिरफ्तार किया गया। हो सकता है कि ये कुछ पुलिसकर्मियों को मामूली घटना लग रही हो। मगर भारत देश के अंदर ऐसी गतिविधि देशद्रोह की श्रेणी में आती है।
हाल ही में मुरादाबाद के एक मुस्लिम परिवार ने अपने घर की छत पर पाकिस्तान का झंडा फहरा दिया था। जहां दोनो पिता पुत्रों को देशद्रोह के अंतर्गत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बिंदकी में जिन कट्टरपंथियों ने देश के तिरंगे से छेड़छाड़ की वह तो देशद्रोह की श्रेणी में आने ही चाहिए, साथ ही जो उस जुलूस में शामिल हुए और उन्होंने तिरंगे के अपमान को सहर्ष स्वीकार किया वह भी बराबर के दोषी क्यों न माने जाएं ? अब देखने की बात यह होगी इतने बड़े मामले को दबाये बैठी पुलिस क्या उन सैकड़ों जुलूस निकालने वाले लोगों को चिन्हित कर पायेगी, जहां तिरंगे का घोर अपमान हुआ।
गंभीर मामले पर बात करते हुए भाजपा अल्पसंख्यक के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद असलम ने बताया कि तिरंगे में अशोक चक्र को हटाकर उर्दू में कलमा लिखा गया है। इसका अर्थ है अल्लाह एक है अल्लाह के सिवा कोई माबूद नहीं। हजरत मोहम्मद अल्लाह के पैगम्बर हैं। उन्होंने कहा कि ये सब इस्लामिक झंडे में लिखा जा सकता है देश के झंडे में लिखने वालो पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। इस बाबत बिंदकी कोतवाल अरुण चतुर्वेदी ने कहा कि जानकारी मिलते ही उस झंडे को हटवा दिया गया था तिरंगे से छेड़छाड़ करने वालो की पहचान की जा रही है।
– देश के तिरंगे में क्या है अशोक चक्र का महत्व
अशोक चक्र भारत की संप्रभुता व एकता का प्रतीक है इसे राष्ट्र प्रतीक के रूप मे भी जाना जाता है। इस चक्र को भारत के गौरव राष्ट्रीय ध्वज मे मध्य में स्थान दिया गया है। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक इस अशोक चक्र को कर्तव्यों का पहिया भी कहा जाता है। इस अशोक चक्र मे स्थित चौबीस तीलियाँ मनुष्य को उसके चौबीस कर्तव्यों का भी बोध कराती हैं और उसे धर्म के मार्ग पर प्रशस्त करती हैं। अशोक चक्र को भारत के राष्ट्रीय पदक के रूप मे भी दिया जाता है। यह पदक शांति के समय दिया जाने वाला सबसे ऊंचा वीरता पदक है।