अमेठी। लोकसभा क्षेत्र अमेठी के संग्रामपुर ब्लॉक के शुकुलपुर गांव में जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने बचपन की यादें ताजा करते हुए बताया कि जब मैं आती थी तो यहां पर सारी जमीने सफेद दिखती थी। जब पिताजी से पूछती थी तब वह बताते थे कि इसमें नमक बहुत है यह उसर है और उपजाऊ जमीन नहीं है। आज मैं आती हूं तो हर जगह हरियाली दिखती है यह अपने आप नहीं हुआ यह मेरे पिताजी का काम था। यहां की सारी ऊसर जमीनों को उपजाऊ बनाने के लिए योजना बनवाई थी।
उन्होंने कहा यहां की सांसद जब 400 रुपये का सिलेंडर हुआ तो दिल्ली में सिलेंडर पर बैठकर मीडिया को बोली हम हड़ताल करेंगे। अब 12 सौ का हो गया तो चुप हो गई। महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं यह लोग लेकिन महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है जिसने अत्याचार किया है उसी की रक्षा हो रही है। उन्नाव में नौजवान महिला के साथ अत्याचार हुआ और इन लोगों ने अत्याचारियों को बचाया। यही हाथरस में हुआ उस लड़की की चिता को रात में जला दिया गया, मां-बाप उसे देख भी नहीं पाए। यही है मोदी जी की सरकार जिसमें आपकी सांसद स्मृति ईरानी हैं।
आवारा पशुओं के मुद्दे पर बोली प्रियंका
उन्होंने कहा कि यह कभी किसी ने सोचा नहीं था कि दिन-रात मेहनत करेंगे और फसल आवारा पशु चर डालेंगे। किसानों की कोई सुनवाई नहीं है। हमने छत्तीसगढ़ में आवारा पशुओं से निजात दिलाई है। मेरी सरकार बनेगी तो यहां पर भी आवारा पशुओं से किसानों को निजात दिलाएंगे।
प्रियंका वाड्रा ने कहा कि नौजवान बेरोजगार पड़े हैं उनके लिए कोई योजना नहीं है। केंद्र में 30 लाख पद खाली पड़े हैं। सरकार की यदि नियत सही होती है तो नीतियां भी सही होती है पिताजी की नियत सही थी यहां आते थे श्रद्धा से आप सबकी देखभाल करते थे। तब जाकर विकास के बड़े-बड़े कार्य हुए। लखनऊ से जोड़ने वाली सड़क कांग्रेस के समय में बनी है। यह लोग कहते हैं कि धार्मिक है गौ माता को पूजते हैं लेकिन गौशालाओं की हालत आपने देखी है यहां पर गाय बिना चारे पानी के धूप में पड़ी हुई है। मैंने देखा है कि कुत्ते गायों के घाव खा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मंच पर आते ही स्मृति ईरानी हमें और हमारे परिवार को गाली देना शुरू कर देती हैं। राजीव जी जैसे शहीद को देशद्रोही बताती हैं। मोदी जी तो उनसे भी बढ़कर हैं। यहां जनता रो रही है और मोदी जी बड़े-बड़े मंचों पर दिख रहे हैं। गाजे बाजे, तामझाम और कुर्ते इतना साफ सुथरे चमक रहे हैं कि बहनों पता नहीं क्या लगाते होंगे चमकने के लिए? हमें भी बता दें हम भी चमकें।
प्रियंका वाड्रा ने कहा कि मेरे पिताजी आते थे प्रचार के लिए तो उसके बाद मुझे रोना आता था। लोग उनके हाथों को पढ़ते थे तो निशांत होते थे और घाव होते थे, थके हुए लगते थे। कुर्ता भी मैल से भरा हुआ होता था। खुद घूमते थे और रात को गाड़ी में सोते थे। घर आते थे नहा धो के और दो घंटे में ही निकल जाते थे और आज आपके प्रधानमंत्री वाह वाह! अरे कभी मंच से उतर कर जनता से नमस्ते तो कर लें,कभी एक बार खेत में जाकर पूछ तो लें कि कैसे चल रहा है यहां पर काम? कैसे कमाई हो रही है? एक बार घर के अंदर आए देखें बहनें चूल्हा कैसे जला रही हैं? खाना कैसे बन रहा है? दो दिन की दिहाड़ी नहीं मिलती तो बहनें भूखे सोती हैं। इन्होंने कभी पूछा भी नहीं होगा।वह तमाम फिजूल की बातें करेंगे, एक काम की बात नहीं करते हैं। आपकी सांसद(स्मृति ईरानी) को तो कोई काम ही नहीं है।