सुरक्षा के लिए महिलाओं की जिम्मेदारी अधिक, बच्चों को देनी होगी अनिवार्य नैतिक शिक्षा, लखनऊ की महिलाओं के विमर्श में उठी यह बात

लखनऊ। सामाजिक संस्था “जीवन दीप” और “हील फाउंडेशन” के तत्वावधान में स्थानीय जियामऊ के लखनऊ कैंसर इंस्टीट्यूट में “स्वतंत्र भारत के महिलाएं कितनी सुरक्षित, कारण और समाधान” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें राजधानी की प्रमुख महिला विचारकों ने भाग लिया।
घर से ले कर कार्यस्थल और बाहर तक नारी सुरक्षा पर सभी ने अपने अपने विचार रखे। परिचर्चा में शामिल विद्वानों ने कोलकाता के आर जी कर मेडिकल कॉलेज की अभया प्रकरण पर दुख और चिंता व्यक्त की लेकिन यह भी कहा की सारा विकास और प्रगति बेमानी है अगर व्यक्ति में संस्कार और नैतिकता नहीं है। इस विषय पर हील फाउंडेशन की अध्यक्ष निर्मला पंत, केजीएमयू की प्रो श्वेता सिंह, नवयुग पीजी कॉलेज की डॉ सृष्टि अस्थाना, समाजसेवी डॉ संगीता शर्मा, सीनियर कंसल्टेंट (पैथोलॉजी) डॉ रश्मि चतुर्वेदी, भाजपा नेत्री वर्तिका सिंह, शबनम पांडे, केजीएमयू की प्रो वाइस चांसलर डॉ अपजित कौर, वरिष्ठ मीडियाकर्मी ऋचा सिंह आदि ने विचार रखे।

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