सीतापुर। जनपद में श्री अन्नों के आच्छादन तथा उत्पादन को बढाये जाने के लिये कृषकों को श्री अन्न उगाने हेतु प्रोत्साहित किये जाने के उददेष्य से उ0प्र0 मिलेटस पुनरोद्धार कायर्क्रम के अन्तगर्त एक दिवसीय मिलेटस गोष्ठी का आयोजन 01 अक्टूबर 2024 को कृषि भवन खैराबाद के परिसर में किया गया। कायर्क्रम के प्रारम्भ में फसलों के अवशेष जलाने से हो रहे नुकसान के सम्बन्ध में जागरूकता के प्रसार हेतु फसल अवशेष प्रबन्धन जागरूकता वाहनों को कायर्क्रम के मुख्य अतिथि मंत्री राकेश राठौर द्वारा हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया।
यह जागरूकता वाहन जनपद के सभी विकास खण्डों में घूम-घूमकर फसल अवशेष को जलाने से सम्बन्धित होने वाली हानियों के विषय में प्रचार-प्रसार करेंगे। मिलेटस गोष्ठी कायर्क्रम का उदघाटन मंत्री द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। कायर्क्रम में आए कृषि एवं विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा अपने विभाग से सम्बन्धित योजनाओं के विषय में कृषकों को जानकारी प्रदान की गयी।
मिलेटस रेसिपी विकास एवं उपभोक्ता जागरूकता कायर्क्रम के तहत व्यंजन विकास प्रतियोगिता भी आयोजित की गयी जिसमें जनपद से कुल 16 प्रतिभागियों द्वारा मिलेटस के विभिन्न जैसे बाजरे की खिचडी, कोदौ की खीर, रागी के लडडू, बाजरे की पकौडी आदि तैयार कर निणार्यक मण्डल के समक्ष प्रस्तुत किया गया। व्यंजन प्रतियोगिता में प्रथम पुरूस्कार ओजोन फामर्र प्रोडयूसर कम्पनी द्वितीय पुरूस्कार कृषि विज्ञान केन्द्र कटिया तथा तृतीय पुरूस्कार राजकीय बालिका इण्टर कालेज की छात्राओं को प्रदान किया गया। अन्य सभी प्रतिभागियों को सांत्वना पुरूस्कार एवं प्रशास्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
कायर्क्रम को सम्बोधित करते हुये जिलाधिकारी अभिषेक आनंद द्वारा किसानों से श्री अन्नों की खेती के क्षेत्र में आगे आने की अपील की गयी। उन्होने बताया कि श्री अन्न हमारी ऐतिहासिक धरोहर है जिसकी खेती हमारे पूवर्ज सदियों से करते आये हैं।
आज पूरा विश्व श्री अन्नों का उपभोग करना चाहता है किन्तु अल्प उपज एवं कम आच्छादन के कारण इसकी पयार्प्त आपूर्ति नहीं की जा पा रही है। श्री अन्नों के पोषक गुणों तथा औषधिक महत्व के चलते वतर्मान तथा आने वाले समय में श्री अन्नों की मांग निश्चित रूप से बढने वाली है। किसानों और एफ0पी0ओ0 को इस अवसर का लाभ उठाते हुये श्री अन्न उत्पादन के क्षेत्र में आगे आना चाहिए। मंत्री द्वारा कायर्क्रम को सम्बोधित करते हुये बताया गया कि इस तरीके के आयोजनों से निष्चित रूप से श्री अन्नों के आच्छादन तथा उत्पादन को बढाये जाने में सहायता प्राप्त होगी।