संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर 12 से अधिक किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर पर प्रदर्शन किया। महापंचायत में गौतमबुद्धनगर के अलावा गाजियाबाद, बुलंशहर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा आदि जिलों के किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली और निजी वाहनों में सवार होकर पहुंचे थे। किसान महापंचायत के दौरान भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नारे बंटेंगे तो कटेंगे को किसानों की एकता के लिए उपयुक्त बताया। इसके साथ ही राकेश टिकैत ने किसानों को बंटोगे तो लुटोगे का नारा दिया। टिकैत ने कहा कि वो ही कह रहे हैं कि बंटेंगे तो कटेंगे। किसानों पर यह बात पूरी तरह फिट बैठती है। किसान जब तक अलग-अलग बिखरे हुए अपनी लड़ाई लड़ेंगे, तब तक उन्हें सफलता मिलनी संभव नहीं है। उन्होंने किसानों के सभी संगठनों को एक साथ आकर लड़ने का आह्वान किया है।
पांच माह से धरने पर बैठे हैं किसान
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर पर भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के बैनर तले 39 गांवों के किसानों का अनिश्चितकालीन धरना पिछले पांच माह से जारी है। संगठन के जिलाध्यक्ष चौधरी महेंद्र सिंह मुखिया ने ऐलान किया है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा। धरनारत किसान 10 फीसदी भूखंड, 64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा, रोजगार, आबादी की लीजबैक आदि मांगों पर अड़े हैं। महापंचायत में किसान संगठनों ने आम सहमति पर दिन-रात का महापड़ाव शुरू कर दिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर तीन दिन 25 से 27 नवंबर और यमुना प्राधिकरण पर चार दिन 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक महापड़ाव करने के बाद 2 दिसंबर को दिल्ली कूच का निर्णय बरकरार रखा है।
किसानों की प्रमुख मांगें
पुराने कानून के तहत जमीन लिए जाने से प्रभावित सभी किसानों को 10 फीसदी प्लॉट,64.7 फीसदी अतिरिक्त मुआवजा,1 जनवरी 2014 के बाद जमीन लिए जाने से प्रभावित किसानों को बाजार दर का चार गुना मुआवजा,भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार तथा पुनर्वास के लाभ व आबादियों का निस्तारण,हाई पावर कमेटी द्वारा किसानों के हक में पास किए गए मुद्दों पर शासनादेश लाकर उन्हें लागू करने की मांग की गई है।