क्यों बार-बार टल रहा है शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन Axiom-4?, जानिए इसके पीछे की वजह

आपने एक कहावत तो सुनी होगी कि ये कोई रॉकेट साइंस नहीं है। ऐसा किसी आसान काम के लिए कहा जाता है। इससे साफ होता है कि रॉकेट साइंस सबसे कठिन विज्ञान है। यहां दुनिया के बेहतरीन दिमाग मिलकर किसी एक मिशन पर काम करते हैं। जब बात इंसान को अंतरिक्ष में भेजने की हो तो यहां एक भी गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती है। भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार हैं। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे। हालांकि, उनका स्पेस मिशन Axiom-4 एक बार फिर टल गया है। आइये जानें आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?

बता दें नासा (NASA) और इसरो (ISRO) की साझेदारी में होने वाला मिशन एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) के फाल्कन 9 (Falcon 9) रॉकेट और ड्रैगन (Dragon) अंतरिक्ष यान के जरिए पूरा होना है। इस लॉन्च को अब तक पांच बार टाला जा चुका है। हाल ही में फाल्कन 9 रॉकेट में तरल ऑक्सीजन का रिसाव पाया गया था। ये एक तरह का टेक्निकल फॉल्ट है। 

क्यों टला Axiom-4 मिशन?

Axiom-4 मिशन को अपनी मूल निर्धारित तिथि मई 29 से जून 8, फिर जून 10, उसके बाद जून 11 तक टला था। अब इसे एक बार फिर से टाल दिया गया है। शुभांशु को लेकर Axiom-4 मिशन बुधवार शाम 5.30 बजे लॉन्च होने वाला था। हालांकि, स्पेसएक्स ने Axiom-4 मिशन का लॉन्च स्थगित होने की पुष्टि की है। स्पेसएक्स ने बताया कि फाल्कन 9 रॉकेट का कल होने वाला लॉन्च स्थगित कर रहे हैं। हमारी टीम लिक्विड ऑक्सीजन LOx रिसाव को ठीक कर रही है। कंपनी की ओर से कहा गया कि मरम्मत पूरी होने के बाद नई लॉन्च तारीख तय की जाएगी।

  • पिछले मिशन में भी LOx लीक हुआ था।
  • इसके पहले मौसम की स्थिति के कारण मिशन चला था।
  • परीक्षणों के दौरान इंजन 5 में थ्रस्ट वेक्टर कंट्रोल में खराबी के बाद बदला गया था।

कुछ बड़ी घटनाएं

जब किसी सैटेलाइट को लेकर जा रहा रॉकेट बर्बाद होता है तो उससे मिशन को झटका लगता है और करोड़ों रुपये का नुकसान होता है। वहीं जब इस मिशन में इंसान शामिल हों तो किसी भी संकट में इंसानों का जान खतरे में आती है। यहां से बच पाना लगभग असंभव होता है। इसीलिए लॉन्च के पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई गलती नहीं होनी चाहिए। ऐसी सीख पहले फेल हुए मिशन से ली गई है।

  • अपोलो 1 (1967): ग्राउंड टेस्टिंग के दौरान आग लगने से तीन अंतरिक्ष यात्रियों की जान चली गई थी।
  • चैलेंजर (1986): लॉन्च के मात्र 73 सेकंड बाद अंतरिक्ष यान टूट गया और सभी सात यात्री मारे गए।
  • कोलंबिया (2003): धरती पर आने के दौरान यान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें कल्पना चावला सहित सात लोग मारे गए थे।

मिशन से जुड़ी सभी एजेंसियां इसे सफल करने के लिए जुटी हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि शुभांशु शुक्ला जल्द ही  Axiom-4  मिशन के लिए नए लॉन्च समय के साथ अंतरिक्ष में कदम रखेंगे। उनकी यह यात्रा न केवल भारत के लिए गर्व का क्षण होगी। वो पहले भारतीय होंगे जो स्पेस स्टेशन में पैर रखेंगे।

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें

एयर इंडिया विमान हादसे पर पीएम मोदी की समीक्षा बैठक क्या बेहतर – नौकरी या फिर बिजनेस पेट्स के साथ डेजी का डे आउट केरल के समुद्र में अचानकर जलने लगा मालवाहक जहाज मलाइका ने रेड कार्पेट पर ढाया कहर