चीन में फैला कोरोना वायरस काबू में आने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस खतरनाक वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या 1800 पार कर गयी है और एक दिन में मरने वाले लोगों की संख्या के मामले में भी हर दिन रिकॉर्ड बनते जा रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि ग्राउंड ज़ीरो से सूचना का आदान-प्रदान हो सके ताकि बाकी दुनिया में इस वायरस को लेकर सजगता बढ़ सके। लेकिन चीन की सरकार अभी भी वुहान से कोई खबर बाहर नहीं आने देना चाहती। आलम यह है कि चीन से कोरोना वायरस की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकार लगातार गायब होते जा रहे हैं। चीन में पत्रकारिता का दम घोटने की वजह से ना सिर्फ इन गंभीर बीमारी के खिलाफ चल रही लड़ाई में कोई पारदर्शिता बची है बल्कि इससे फेक न्यूज़ को भी बढ़ावा मिल रहा है।
फांग बिन चीन में यूट्यूब बैन होने के बावजूद VPN के इस्तेमाल से अपनी रिकॉर्ड की हुई videos अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड करता था। उसने 25 जनवरी और 1 फरवरी को वीडियो अपने चैनल पर पोस्ट की थी। उसने 9 फरवरी को भी 13 सेकंड की एक क्लिप पोस्ट की थी जिसमें वह कह रहा था “सभी लोग विद्रोह करो, सरकार की सभी शक्तियों को जनता के हवाले करो”। उसके बाद से उसके अकाउंट t पर कोई वीडियो पोस्ट नहीं हुई है।
इसी तरह चेन भी वुहान के अस्पतालों से वीडियो रिकॉर्ड कर यूट्यूब और चीन की सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे थे। उनके एक चीनी सोशल अकाउंट पर 7 लाख से ज़्यादा फोलोवर्स थे, जबकि उनके YouTube चैनल पर 4 लाख subscribers हैं। हाँग काँग में हो रहे चीनी सरकार विरोधी प्रदर्शनों में रिपोर्टिंग कर वे मशहूर हुए थे। BBC को इंटरव्यू देते हुए उन्होंने कहा था “सेंसरशिप बहुत कड़ी है और जो कोई भी मेरी वीडियो शेयर कर रहा है, उसके अकाउंट को ब्लॉक किया जा रहा है। पता नहीं मैं कब तक जारी कर पाऊँगा”। 7 फरवरी को उसके चैनल पर उसके दोस्त ने वीडियो अपलोड कर बताया कि वह एक दिन से ही गायब है।