मनी लॉन्ड्रिंग केस में AAP नेता संजय सिंह को लगा जोर का झटका, 10 नवंबर तक फिर जेल

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह को दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले के मामले में न्यायिक हिरासत पूरी होने पर शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने संजय सिंह की हिरासत 10 नवंबर तक के लिए बढ़ा दी। सुनवाई के दौरान संजय सिंह ने अर्जी लगाई कि कोर्ट जेल ऑथोरिटी को निर्देश दे कि वो अपने निजी डॉक्टर (रमनजीत सिंह) से सलाह-उपचार से ले सके. संजय सिंह का कहना है कि वो शुगर के मरीज होने के साथ ग्लूकोमा से पीड़ित है।

दिल्ली शराब नीति केस के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार AAP नेता संजय सिंह की शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई। कोर्ट ने संजय की न्यायिक हिरासत 10 नवंबर तक बढ़ा दी। पेशी के बाद कोर्ट से बाहर निकलते समय संजय सिंह ने कहा- अगर मोदी जी की जांच हो जाए तो उन्हें जिंदगी भर जेल में रहना पड़ेगा। मोदी जी एक भ्रष्ट नेता है, वे अडाणी के साथ मिलकर भ्रष्टाचार करते हैं। ED ने संजय सिंह को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। मामले में पिछली सुनवाई 13 अक्टूबर को हुई थी, तब कोर्ट ने AAP नेता को 27 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेजा था।

संजय की रिहाई के लिए AAP कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया

कोर्ट में पेशी से पहले आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने संजय की रिहाई की मांग को लेकर पार्टी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। एक कार्यकर्ता ने न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा- हम न्यायपालिका में विश्वास करते हैं, लेकिन कई बार प्रक्रिया सजा बन जाती है। यह क्या है? तारीख पे तारीख। संजय सिंह को जल्द से जल्द बरी किया जाना चाहिए।

कार्यकर्ता ने यह भी कहा कि अब ED और CBI राजस्थान पहुंच गई है। यह सिलसिला 2024 के लोकसभा चुनाव तक जारी रहेगा। AAP प्रदर्शनकारी भाजपा ऑफिस तक मार्च निकालने वाले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया और हिरासत में ले लिया।

जमानत याचिका खारिज कर चुका दिल्ली हाईकोर्ट

सुनवाई खत्म होते ही संजय सिंह ने मीडिया से कहा था कि मोदी जी इंडिया के नहीं, अडाणी के प्रधानमंत्री हैं। अडाणी के घोटालों की जांच कब होगी? इधर, दिल्ली हाईकोर्ट ने 20 अक्टूबर को AAP नेता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें राहत देने के लिए कोई आधार नहीं बनता है।

4 अक्टूबर को संजय सिंह की गिरफ्तारी हुई थी

ED ने दिल्ली शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग केस में 4 अक्टूबर को करीब 10 घंटे की छापेमारी के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार किया था। 5 अक्टूबर को उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने उन्हें 10 अक्टूबर तक की रिमांड पर भेज दिया था। बाद में तीन दिन और रिमांड बढ़ा दी गई। साथ ही कोर्ट ने संजय सिंह से मीडिया से बातचीत न करने की नसीहत दी थी। बाद में केस की सुनवाई 13 अक्टूबर को हुई, जहां कोर्ट ने उन्हें 27 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

ED ने कहा – संजय के खिलाफ घूस मांगने के सबूत

जांच एजेंसी ने कोर्ट को बताया कि संजय सिंह के खिलाफ घूस मांगने के सबूत हैं। वे हिरासत में सवालों के सही जवाब नहीं दे रहे। जांच में भी सहयोग नहीं कर रहे। जब उनसे फोन के डेटा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद कोर्ट ने ED की मांग पर संजय सिंह की रिमांड 13 अक्टूबर तक बढ़ा दी। रिमांड बढ़ाते हुए कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि, ED अदालत को बिना बताए संजय सिंह को कहीं नहीं ले जा सकती। दरअसल आप का आरोप था जांच एजेंसी संजय को दो बार किसी अनजान जगह ले गई थी। तब संजय ने सवाल किया था कि, उनका एनकाउंटर हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा।

जनवरी में ED की चार्जशीट में जुड़ा था संजय सिंह का नाम

इसी साल जनवरी में ED ने अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम जोड़ा था। इसको लेकर संजय सिंह ने काफी हंगामा मचाया था। दरअसल मई में संजय सिंह ने दावा किया कि ईडी ने उनका नाम गलती से जोड़ दिया है। जिस पर ED ने जवाब दिया कि हमारी चार्जशीट में संजय सिंह का नाम चार जगह लिखा गया है। इनमें से तीन जगह नाम सही लिखा गया है। सिर्फ एक जगह टाइपिंग की गलती हो गई थी। जिसके बाद ED ने संजय सिंह को मीडिया में बयानबाजी न करने की सलाह दी थी, क्योंकि मामला कोर्ट में लंबित है।

संजय सिंह पर क्या है आरोप

ED की चार्जशीट में संजय सिंह पर 82 लाख रुपए का चंदा लेने का जिक्र है। इसको लेकर ही ED बुधवार को उनके घर पहुंची और उनसे पूछताछ कर रही है। दिल्ली शराब नीति केस में ED की दूसरी सप्लिमेंट्री चार्जशीट 2 मई को जारी की गई थी। जिसमें आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का भी नाम सामने आया था। हालांकि उन्हें आरोपी नहीं बनाया गया है।

नवंबर 2021 को नई शराब नीति लागू हुई

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने 22 मार्च 2021 को नई शराब नीति का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस नीति से शराब की दुकानें निजी हाथों में चली जाएंगी। सिसोदिया से जब नई नीति लाने का मकसद पूछा गया तो उन्होंने दो तर्क दिए। पहला- माफिया राज खत्म होगा। दूसरा- सरकारी खजाना बढ़ेगा।

17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति 2021-22 लागू कर दी गई। इससे शराब कारोबार से सरकार से बाहर हो गई और ये बिजनेस निजी हाथों में चला गया। कई बड़े डिस्काउंट देने से शराब की जमकर बिक्री हुई। इससे सरकारी खजाना तो बढ़ा, लेकिन इस नई नीति का विरोध होने लगा।

जुलाई 2022 में शराब नीति में घोटाला का आरोप लगा

8 जुलाई 2022 को दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नई शराब नीति में घोटाला होने का आरोप लगाया। उन्होंने इससे जुड़ी एक रिपोर्ट एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी। इसमें बताया गया कि सिसोदिया ने लाइसेंसधारी शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। उधर, LG ने भी कहा है कि उनकी और कैबिनेट की मंजूरी के बिना ही शराब नीति में बदलाव कर दिए।

अगस्त 2022 को CBI और ED ने केस दर्ज किया

एलजी सक्सेना ने मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर CBI जांच की मांग की। 17 अगस्त 2022 को जांच एजेंसी ने केस दर्ज किया। इसमें मनीष सिसोदिया, तीन रिटायर्ड सरकारी अफसर, 9 बिजनेसमैन और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया। सभी पर भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया।

19 अगस्त को सिसोदिया के घर और दफ्तर समेत सात राज्यों के 31 ठिकानों पर छापेमारी की। इस पर सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई को कुछ नहीं मिला। इधर, 22 अगस्त को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने CBI से मामले की जानकारी लेकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया।

जुलाई 2022 सरकार ने नई नीति को रद्द किया

विवाद बढ़ता देख 28 जुलाई 2022 को दिल्ली सरकार ने नई शराब नीति को रद्द कर दिया। फिर से पुरानी नीति लागू करने का फैसला लिया। 31 जुलाई को सरकार ने कैबिनेट नोट में बताया कि शराब की ज्यादा बिक्री के बाद भी सरकार की कमाई कम हुई, क्योंकि खुदरा और थोक कारोबारी शराब के धंधे से हट रहे थे।

फरवरी 2023 को CBI ने सिसोदिया को गिरफ्तार किया

सिसोदिया के पास एक्साइज डिपार्टमेंट था, इसलिए उन्हें कथित तौर पर इस घोटाले का मुख्य आरोपी बनाया गया। कई बार पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल वे जेल में हैं। CBI ने सिसोदिया पर आरोप लगाया कि एक्साइज मिनिस्टर होने के नाते उन्होंने मनमाने और एकतरफा फैसले लिए, जिससे खजाने को भारी नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ।

केजरीवाल बोले- हमें खत्म करना चाहते हैं PM:हमारे खिलाफ 170 से ज्यादा केस

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 11 अक्टूबर को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी (AAP) को खत्म करना चाहते हैं। हमारे विधायकों और नेताओं के खिलाफ झूठे केस दर्ज किए जा रहे हैं। अब तक हमारे खिलाफ 170 केस दर्ज किए गए। 140 फैसले हमारे पक्ष में आए। एक पैसे का घोटाला नहीं मिला।

ED का दावा-शराब घोटाले में 170 मोबाइल तोड़े गए:नीति आने से पहले कॉपी शराब कारोबारियों से शेयर की

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के डिप्टी CM को सबूत नष्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन पर कई फोन को नष्ट करने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने दिसंबर 2022 में दिल्ली की कोर्ट में दावा किया था कि सिसोदिया और अन्य अरोपियों ने 170 बार मोबाइल फोन बदले और फिर इन्हें तोड़ दिया। इससे 1.38 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। एक्साइज स्कैम में सबूतों को बड़े पैमाने पर नष्ट किया गया।

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