

अलीम सलमानी/भास्कर समाचार सेवा
नगीना, बिजनौर। रिजर्व बैंक द्वारा दो हजार के नोट का परिचालन बंद करने की घोषणा से आम आदमी पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा है। लेकिन व्यापारी, पेट्रोल पंप स्वामी व अन्य थोक विक्रेताओं ने नोटों को लेने से मना करते हुए आम आदमी को परेशान करना शुरू कर दिया है जबकि सरकार का स्पष्ट आदेश है कि कोई भी नोट लेने में आना कानी करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सोमवार की दोपहर से दो हजार के नोट का 30 सितंबर के बाद प्रचलन बंद होने के संबंध में नगीना एसडीएम शैलेंद्र कुमार ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई भी व्यापारी या पेट्रोल पंप स्वामी नोट को लेने से मना करता है तो उसके खिलाफ नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी। 30 सितंबर तक 2000 का नोट प्रचलन में रहेगा तथा बैंक में भी सीमा के अनुसार जमा किया जाएगा। बताते चले कि वर्ष 08 नवम्बर 2016 में भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटबंदी कर 2000 के नोट को प्रचलन में लाया गया था तथा काफी मात्रा में 2000 के नोट की छपाई भी की गई। लेकिन धीरे-धीरे नोट बाजार से गायब होता चला गया और माना जा रहा है कि पूंजीपति व अन्य बडे लोगों ने नोट अपने पास जमा कर लिया। ऐसे जमाखोरों को सबक सिखाने व भारतीय करेंसी चलन में लाने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले 7 वर्षो से प्रचलन में आ रहे 2000 के नोट को बंद करने का एक बार बडा फैसला ले लिया और 30 सितंबर तक इसको बंद करने की घोषणा कर दी। एसडीएम शैलेंद्र कुमार ने बताया कि 30 सितंबर तक किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी यदि कोई व्यापारी या पेट्रोल पंप स्वामी या अन्य कोई व्यक्ति 2000 का नोट लेने से मना करता है तो उसकी सूचना तत्काल उन्हेया पुलिस को दें जिससे उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सके।