आगरा : अब मरीजों को नहीं होगी दवाओं की दिक्कत, 245 तरह की दवाएं खरीद रहा एसएनएमसी हॉस्पिटल

आगरा मंडल के सबसे बड़े अस्पताल में अब मरीजों को नहीं होगी दवाओं की दिक्कत. मरीजों के लिए 245 तरह की दवाएं खरीद रहा एसएनएमसी हॉस्पिटल. ओपीडी के साथ ही वार्ड में भर्ती मरीजों को भी अस्पताल के दवा वितरण केंद्र से ही मिलेंगी दवाएं.

आगराः मरीजों के लिए राहत भरी खबर है. जहां उत्तर प्रदेश के ताजनगरी आगरा में स्थित मंडल के सबसे बड़े अस्पताल एसएन मेडिकल कॉलेज में मरीजों को दवाओं के लिए नहीं भटकना पड़ेगा. ओपीडी के साथ ही वार्ड में भर्ती मरीजों को अस्पताल के दवा वितरण केंद्र से ही दवाएं मिलेंगी. इसके साथ ही अब उनकी जेब भी ढीली नहीं होगी.एसएनएमसी प्रशासन ने दो करोड़ रुपए की दवा खरीदने की योजना बनाई है जिसके लिए प्रशासन ने दो करोड़ रुपए की दवा खरीदने का आर्डर जारी किया है. जिससे 245 तरह की दवाएं खरीदी जा रही हैं. 

मंडल के सबसे बड़े अस्पताल में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, भरतपुर, धौलपुर और मुरैना से भी मरीज भर्ती होने को आते हैं. इसलिए वार्ड भरा रहता है. डेंगू और मलेरिया की वजह से भी यहां मरीजों की संख्या खूब रहती है. इस वजह से दवाओं की कमी भी हो जाती है. लिहाजा मरीजों के पर्चे पर लिखी सभी दवाएं अस्पताल के दवा वितरण केंद्र पर नहीं मिल पाती हैं.

एसएनएमसी के प्राचार्य डॉ प्रशांत गुप्ता ने बताया कि मौसमी बीमारियों को देखते हुए अगले तीन-चार महीनों के लिए दवाएं खरीदने के लिए आर्डर दे दिया गया है. एसएनएमसी अभी 245 तरह की दवाएं खरीद रहा है. जिसमें 110 तरह की दवाएं ओपीडी में आने वाले मरीजों के लिए और 135 तरह की दवाएं अलग-अलग वार्ड में भर्ती मरीजों के लिए हैं. इन दवाओं की अलग अलग दवा कंपनियां चरणबद्ध तरीके से आपूर्ति करेंगी.

खरीदी जा रही हैं यह दवाएं-
एंटीबायोटिक, दर्द निवारक, एलर्जी, सांस रोग, बुखार, खांसी, जुकाम, मधुमेह, आईबी फ्लूड, इंजेक्शन और अन्य दवाएं शामिल हैं. इन विभागों की दवाएं विभाग का नाम दवाएं मेडिसिन विभाग, 190 स्त्री रोग विभाग, कैंसर रोग विभाग, बाल रोग विभाग, हृदय रोग विभाग, 8 त्वचा रोग विभाग, हड्डी रोग विभाग, नेत्र रोग विभाग.

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