कृशि विभाग की ओर से नुमाइष मैदान में आयोजित किया गया दो दिवसीय मेला
राजीव षर्मा,
अलीगढ़ । एग्रो क्लाईमेटिक जोन आगरा एवं अलीगढ़ मण्डल के विराट किसान मेला एवं जैविक मेला का दूसरे दिन बुधवार को नुमाइष मैदान स्थित कृश्णांजलि नाटयषाला में मुख्य विकास अधिकारी, (आईएएस) अनुनय झा की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। दरबार हॉल में विभिन्न स्वयं सेवी संगठनों, कृशि से जुडे़ विभागों की ओर से लगाई गई स्टॉल का निरीक्षण करते हुए जानकारी ली।
मुख्य विकास अधिकारी, (आईएएस) अनुनय झा ने कहा कि केंद्र और प्रदेष सरकार की ओर से किसानोे के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही है। इन मेलों का उद्देष्य किसानों को नवीनतम् तकनीकी के माध्यम से कम खर्च में अधिक पैदावार लेने के तरीके सिखाना है, ताकि सरकार की मंषा की अनुरूप उनकी आय दोगुनी हो सके। उन्होंने मेले में किसानोे के भारी संख्या में हिस्सा लेने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए भविश्य में भी भारी तादात में प्रतिभाग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
तकनीकी सत्र में कृशि वैज्ञानिक डा0 पी0के0 षर्मा ने मिटटी में घटते जीवांष पर चिंता व्यक्त करते हुए कार्बन बढ़ाने के तरीके बताये। उन्होंने कहा कि कृशि विभाग की ओर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने के लिए अनुदान दिया जा रहा है। किसानों को इसका लाभ लेने के साथ ही हरी खाद का प्रयोग करना चाहिए। डा0 षर्मा ने जायद में बाजरा, उर्द और मूंग की फसलों की बुवाई पर विस्तार से जानकारी दी।
कृशि विज्ञान केंद्र छेरत के कृशि वैज्ञानिक डा0 अषरफ अली खान ने उर्द एवं मूंग की फसल में लगने वाले कीट रोग नियंत्रण एवं उपचार के तरीके बताये।
कृशि विज्ञान केंद्र छेरत के डा0 सुधीर कुमार सारस्वत ने कहा कि किसानों को अपनी आय दोगुनी करने के लिए फल, फूल एवं सब्जी की खेती को बढ़ाना होगा। इनसे कम समय में किसान अधिक पैसे प्राप्त कर सकते है।
उद्यान निरीक्षक सत्यप्रकाष ने कहा कि भूमि का जल स्तर लगातार गिर रहा है। उद्यान विभाग की ओर से स्प्रिंकलर सेट और ड्रिप सिंचाई के लिए अनुदान दिया जा रहा है। यह सुविधा विभाग में रजिस्ट्रेषन के बाद ही किसानों को मिल रही है। ड्रिप सिंचाई से पानी के दोहन में कमी के साथ ही कम खर्च पर अधिक पैदावार ली जा सकती है।
जैविक खेती पर जलपाईगुडी संस्था के तकनीकी सलाहकार अर्पित सिंह ने कहा कि मिट्टी के गिरते स्वास्थ्य के लिए किसान फसल चक्र अपनाये। यह ऐसा तरीका है, जिससे बिना किसी खर्च के मिट्टी का स्वास्थ्य सुधारने में मदद मिलती है।
वरिश्ठ प्राविधिक सहायक अविनाष पारासर ने बदलते पर्यावरण पर प्रकाष डालते हुए कहा कि उपज बढ़ाने की लालसा में किसानों ने रसायनिक खादों का अत्याधिक प्रयोग किया है। इससे अब उत्पादन बढ़ने के बजाय कम हो गया है।
इसके साथ ही उप कृशि निदेषक, अनिल कुमार, जिला कृशि रक्षा अधिकारी राजेष कुमार, मृदा सर्वेक्षण अधिकारी मनोज कुमार आदि ने मुख्य विकास अधिकारी को परिसर में अपने अनुभाग से सम्बन्धित लगाई गई स्टॉल का अवलोकन कराते हुए विभिन्न योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। जादूगर देव ने अपने करतब दिखाते हुए लोगों का मनोरंजन किया। जादू के माध्यम से मिट्टी की जांच के फायदे भी किसानों को गिनाये।
प्रष्नोत्तरी कार्यक्रम में प्रीतम सिंह, दलवीर सिंह, भगवान स्वरूप, नरेंद्र सिंह, रोहन सिंह, साहब सिंह, आदित्य, ज्ञानेंद्र कुमार, रामकुमार, अनिल कुमार, भंवरपाल सिंह, षिवम कुमार को उनके सही जबाव देने के लिए मुख्य विकास अधिकारी सोलर लाइट पैनल, जैविक पेस्टीसाइट एवं माइक्रोंन्यूट्रेंट के पैकिट वितरित कर पुरस्कृत किया। अन्त में उप कृशि निदेषक अनिल कुमार ने किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से किसानों को मिल रही धनराषि का उपयोग कृशि निवेष खरीद कर अपनी आय बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कृशकों, कृशि वैज्ञानिक, मीडिया प्रतिनिधियों एवं उपस्थित गणमान्य लोगों का दो दिवसीय मेले को सफल बनाने पर आभार प्रकट किया ।