हिंदी सिनेमा की जानी मानी हस्ती और अभिनेत्री और एक्टर दिलीप कुमार की पत्नी सायरा बानो का आज 23 अगस्त को जन्मदिन है. सायरा ने महज सिर्फ 17 साल की उम्र में ही बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत कर दी थी. सायरा जब छोटी थीं अपनी अम्मी की तरह एक्ट्रेस बनना चाहती थीं.
12 साल की उम्र से सायरा दिलीप कुमार को दीवानों की तरह चाहती थीं उस वक्त दिलीप कुमार की उम्र 44 साल थी और सायरा उस वक्त सिर्फ 22 साल की थी. ऐसे में इस रिश्ते का जुड़ना बेमानी सा लगता था. उम्र के फर्क के चलते भी दिलीप कुमार इस रिश्ते को कई नाम देने से झिझक रहे थे लेकिन वे अच्छी तरह जानते थे कि सायरा उनसे बेइंतहा प्यार करती है इसलिए बाद में वे तैयार हो गए.
दिलीप कुमार और सायरा बानो की जिंदगी को करीब से जानने के लिए इंडिया.कॉम ने पत्रकार और लेखक उदयतारा नायर से विशेष बात की.उदय तारा ने दिलीप कुमार पर एक किताब लिखी है ‘द सब्स्टेंस एंड द शैडो’ जिसके 400 पन्नों में दिलीप कुमार की जिंदगी सिमटी हुई है.
उदय तारा ने बताया, दिलीप कुमार बेहद ही साधारण और शर्मीले किस्म के इंसान है. अपने हर काम के लिए वे पूरी तरह से सायरा बानो पर निर्भर हैं वो भी उनका एक बच्चे की तरह ख्याल रखती है. सुबह की चाय से रात के सोने तक सायरा उनके साथ रहती है. खुद से भी इतना प्रेम नहीं किया जा सकता जितना सायरा दिलीप कुमार से करती हैं. वे एक परफेक्ट पत्नी है जितना ख्याल और त्याग उन्होंने दिलीप साहब के लिए किया है कोई किसी के लिए नहीं कर सकता.
तारा ने बताया, दिलीप कुमार और सायरा बानो की शादी 11 अक्टूबर 1966 को हुई थी. सायरा दिलीप से 22 साल छोटी हैं. तारा ने सायरा के बारे में बात करते हुए बताया कि दिलीप कुमार का गुस्सा पठानी गुस्सा है. जब भी गुस्सा या नाराज होते हैं तो सायरा उनसे तुरंत माफी मांग लेती हैं. ये स्वभाव हर किसी का नहीं होता. सायरा उनसे दिल से प्यार करती हैं. दिलीप कुमार के भीतर हर एक चीज हमवजन है.
जब हमने उनसे सवाल किया कि दिलीप कुमार को बच्चे बेहद पसंद हैं लेकिन वे कभी बाप नहीं बन पाए इस बात का किस कदर उन्हें मलाल है? ‘नहीं उन्हें इस बात का मलाल नहीं है, मलाल बस इस बात का है कि बच्चे के लिए परिवार के दबाव में आकर उन्होंने जब अस्मां से दूसरी शादी कर ली थी. 80 के दशक के शुरूआत में दिलीप कुमार और सायरा बानो के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा था. तभी उनकी जिंदगी में आई ‘अस्मां’.
दिलीप कुमार के एक करीबी ने सायरा बानो को इस बारे में बताया भी था, लेकिन वे एक भारतीय पत्नी की तरह अपने पति पर बेहद विश्वास करती थी. उन्होंने कहा था कि नहीं आप लोग झूठ कहते हो मेरे पति ऐसा नहीं कर सकते. लेकिन जब दिलीप कुमार ने, 30 मई 1980 को बेंगलोर में बिना सायरा के रजामंदी के दूसरी शादी कर ली, तो वे बुरी तरह टूट गईं.
इस बात का दिलीप कुमार को आज भी पछतावा है. हालांकि, ये शादी ज्यादा दिन नहीं टिक पई और 22 जून 1983 को दोनों के बीच तलाक हो गया.
दिलीप कुमार कभी बाप नहीं बन पाए, इस दर्द का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘सच्चाई यह है कि 1972 में सायरा पहली बार प्रेग्नेंट हुईं. यह बेटा था (हमें बाद में पता चला). 8 महीने की प्रेग्नेंसी में सायरा को ब्लड प्रेशर की शिकायत हुई.’
इस दौरान पूर्ण रूप से विकसित हो चुके भ्रूण को बचाने के लिए सर्जरी करना संभव नहीं था और दम घुटने से बच्चे की मौत हो गई. दिलीप की मानें तो इस घटना के बाद सायरा कभी प्रेग्नेंट नहीं हो सकीं और बाप न बन पाने की टीस कहीं दिल में ही रह गई. सायरा ने एक इंटरव्यू में कहा था अगर उनका बेटा होता तो वो शाहरुख खान के जैसा संस्कारों वाला होता.
जब इंडिया.कॉम ने दिलीप कुमार और मधुबाला के प्रेम-प्रसंग के बारे में जानने की कोशिश की तो उदय तारा ने बताया कि दोनों का प्यार जग जाहिर था. दोनों एक दूसरे से बेहद प्रेम करते थे लेकिन हमेशा की तरह उनका प्यार भी अंजाम तक नहीं पहुंच पाया. दरअसल मधुबाला के पिता अताउल्ला ख़ान का मधुबाला की जिंदगी में हद से अधिक दखल से परेशान थे.
दिलीप कुमार को ये तमाम पाबंदियां और ख़ान साहब की आदतें कतई नापसंद थीं. उन्होने मधुबाला से साफ़ कह दिया था कि शादी के लिए उसे फ़िल्मों में काम करना तो छोड़ना ही होगा लेकिन उसी के साथ ही अपने पिता से सारे रिश्ते तोड़ने होंगे. मधुबाला ये न कर पाई और दोनों के रिश्तों में एक कड़वाहट आ गई.
साथ में की हुई दोनों की आखिरी फिल्म ‘मुग़ल-ए-आज़म’ की शूटिंग के दौरान मधुबाला और दिलीप कुमार के बीच बातचीत तक नहीं हुई.
एक अदालती इगड़े की सुनवाई के दौरान दिलीप कुमार ने सरेआम बताया कि वे मधुबाला से प्यार करते हैं. दिलीप कुमार ने अदालत में सबके सामने कहा, “हां मैं मधु से प्यार करता हूं और उसे हमेशा प्यार करता रहूंगा”.
जिस दिन दिलीप कुमार ने सरेआम इस प्यार का इज़हार किया था, उसी दिन इस प्रेम कहानी का अंत भी हो गया.
दिलीप कुमार का नाम एक्ट्रेस कामिनी कौशल के नाम से भी जुड़ा था. 1948 से लेकर 1950 तक कामिनी कौशल और दिलीप कुमार की चार फिल्में नदिया के पार. शहीद. आरजू और शबनम रिलीज हुई थी. इन फिल्मों की शूटिंग के दौरान प्यार भरे सीन करते करते दिलीप कुमार कामिनी कौशल के प्रति खिंचे चले गए.
दिलीप कुमार को इस बात का जब एससास हुआ. तो उन्होंने फौरन अपने दिल की बात कामिनी कौशल को बता दी. कामिनी कौशल ने जब दिलीप साहब के दिल की बात सुनी तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. वो इसलिए कि फिल्मों में आने से पहले कामिनी कौशल की शादी हो चुकी थी. पर ये बात किसी को मालूम नहीं थी.
दरअसल कामिनी कौशल की बड़ी बहन की अचानक मौत हो गई. फिर अपनी बहन के छोटे बच्चों को संभालने के लिए कामिनी कौशल को अपने जीजा से शादी करनी पड़ी थी. शादी के बाद कामिनी के पति ने उन्हे फिल्मों में काम करने की अनुमति दे रखी थी. पर जब उन्हें भी इस बात की जानकारी हुई तो कामिनी कौशल को फिल्मों में काम करने की मनाही कर दी गई. धीरे- धीरे कामिनी कौशल फिल्मी चकाचौंध से दूर चली गई.
जब वैजयंती माला से नाम जोड़ने का जिक्र हुआ तो तारा ने बताया कि वैजयंती माला उनकी प्रेमिका नहीं बल्कि दोस्त थी. बेवजह उनका नाम दिलीप कुमार के साथ जोड़ा गया.
बता दें, दिलीप कुमार से पहले सायरा का दिल राजेन्द्र पर आया था. राजेन्द्र शादी शुदा और तीन बच्चों वाले व्यक्ति थे. सायरा की मां नसीम को जब यह भनक लगी, तो उन्हें अपनी बेटी की नादानी पर बेहद गुस्सा आया. नसीम ने अपने पड़ोसी दिलीप कुमार से कहा कि सायरा को वे समझाएं उन्हें नहीं पता था कि इस समझा-समझी ने सायरा दिलीप कुमार को दिल दे बैठेगी. ये रिश्ता आज भी पहले की तरह मजबूत है. दोनों ही एक दूसरे के बिना एक पल भी नहीं रह पाते हैं. इन दिनों दिलीप साहब की तबीयत नासाज चल रही है और सायरा बानो उनका पूरा ख्याल रख रही हैं.