आखिर किस वजह से न्यू हाईकोर्ट की चौथी मंजिल से कूदे रमेश चंद्र पाण्डेय, पुलिस को बस पोस्टमार्टम रिर्पोट का इंतजार

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लखनऊ । उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच के भवन की चौथी मंजिल से गिरे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश चंद्र पाण्डेय की मौत हो गयी। वह अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गये हैं।
पूर्व मुख्य स्थायी अधिवक्ता रमेश चंद्र पाण्डेय का मकान 4/ 27 गोमती नगर के विशेषखंड में है। रमेश चंद्र अपनी पत्नी अल्पिका पाण्डेय और दो बेटों यश पाण्डेय और पलाश पाण्डेय के साथ रहते थे। उनका बड़ा बेटा विधि का छात्र है और दूसरा बेटा बाईलॉजी का छात्र है।

रमेश चंद्र पाण्डेय के मृत्यु का समाचार मिलते उनके घर से रोने की आवाज बाहर आने लगी। इसी दौरान घटना स्थल और लोहिया अस्पताल गये बड़े पुत्र यश अपने मित्रों के साथ घर पर लौटे। उन्होंने बड़े दुख भरे स्वर में सभी को चुप कराया। उन्होंने कहा कि कुछ नहीं हुआ है। इसके बाद वह बाहर चले आये।
श्री पाण्डेय की मृत्यु की जानकारी होने पर आसपास के घरों से निकलकर लोग बाहर आ गये। जब तक शव दरवाजे पर नहीं आया था, पड़ोस के लोगों ने कम शब्दों में कहा कि रमेश चंद्र पाण्डेय एक हंसमुख स्वभाव के व्यक्ति थे। अच्छे व्यवहार के कारण वह लोकप्रिय रहे। उनकी मृत्यु की जानकारी होने पर उनके आंखू से आंसू निकल आये।

पुलिस को पोस्टमार्टम रिर्पोट का इंतजार 
विभूतिखण्ड थाना क्षेत्र में उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच का सात नम्बर गेट के निकट घटनास्थल पर साक्ष्य लेने के बाद पुलिस ने लोहिया अस्पताल से रमेश चंद्र पाण्डेय के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। रमेश चंद्र के मौत को संदिग्ध मान रहे पुलिस को पोस्टमार्टम रिर्पोट का इंतजार है। 

अधिवक्ताओं का आरोप खुदकुशी नहीं कर सकते रमेश चन्द पाण्डेय

लखनऊ। न्यू हाईकोर्ट के पूर्व सरकारी वकील 55 वर्षीय रमेश चन्द पाण्डेय ने मंगलवार को कोर्ट की चौथी मंजिल कूद कर जान दे दी। साथी वकीलों का आरोप है कि वे जान नहीं दे सकते वह किसी अनहोनी का शिकार हुए है। अधिवक्ता की मौत की खबर मिलते ही भारी मात्रा में उनके साथ वकील लोहिया अस्पताल पहुंचे और कहा कि जब तक जांच पड़ताल गहनता से नहीं होगी शव का पोस्टमार्टम नहीं होगा। वकीलों का गुस्सा देख मौके पर मौजूद पुलिस अफसर भी चुप्पी साधे हुए थे। कुछ देर बाद एएसपी ऊत्तरी व सीओ गोमतीनगर ने नाराज वकीलों को गहन छानबीन करने का आश्वासन दिया। तब जाकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।

गोमतीनगर के विशेषखण्ड निवासी हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के चीफ स्टैडिंग काउंसिल रमेश चन्द पाण्डेय अपनी पत्नी कल्पिता पाण्डेय व दो बेटों प्लास पाडेय तथा एस पांडेय के साथ रहते थे। बताया जा रहा है कि दोनों बेटे एमिटी कॉलेज में पढ़ते हैं। रोज की तरह वह मंगलवार को हाईकोर्ट गए थे। सुबह से लेकर दोपहर तक सबकुछ ठीक था और दोपहर बाद अचानक हाईकोर्ट की चौथी मंजिल से कूद कर जान दे दी। सूत्र बताते हैं कि रमेश के शरीर पर कहीं भी घाव के निशान नहीं है,इससे यही लग रहा है कि वे किसी अनहोनी का शिकार हुए। हालांकि इस मामले में पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
अस्पताल में मौजूद कुछ वकीलों का आरोप है कि हाईकोर्ट में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाला जाये तो कहीं भी ऐसा देखने को नहीं मिलेगा कि रमेश चन्द किसी डिप्रेशन में हों। आरोप है कि वह खुदकुशी नहीं बल्कि उनकी हत्या की गई है। एसएसपी कलानिधि नैथानी का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद साफ हो जायेगा कि मौत कैसे हुई है।

गमज़दा है परिवारीजन
पति की मौत के पत्नी कल्पिता पांडेय व दोनों बेटे प्लास व एस पाडेय एवं करीबी हर श स गमज़दा है। उनकी पत्नी पति की मौत से टूट गई है उनका रो-रोकर बुरा हाल है। लोहिया अस्पताल में पति की दशा देख फफक पड़ी उनकी विलाप देख हर कोई खुद को रोक नहीं सका। जबकि दोनों बेटे भी एक किनारे बेसुध पड़े थे। बस उनकी जुबान पर एक ही सवाल था कि यह सब कैसे और क्यों हो गया। बताया गया कि कुछ दिन पूर्व रमेश सड़क हादसे में ज मी हो गये थे। यह भी बताया जा रहा है कि दो जस्टिस के अधिवक्ता रमेश चन्द पाडेय गुरू भाई थे। बताया गया कि करीब दो माह पूर्व रमेश चंद पांडेय को उनके पद से हटा दिया गया था और कुछ लोग उन्हें आये दिन प्रताडऩा दिये जाने की बात भी सामने आ रही है,जिसे लेकर रमेश काफी परेशान चल रहे थे।

हिम्मत हारने वाले नहीं थे, रमेश सब की जुबां पर यही सवाल
पूर्व सरकारी वकील रमेश चन्द पांडेय की मौत के बाद अधिकतर साथी वकीलों की जुबां पर एक ही सवाल नजर आ रहा है कि वे किसी की प्रताडऩा से ही डिप्रेशन आ गये वरना वह हि मत हारने वाले नहीं थे।कुछ वकील यह भी कहते मिले कि वे किसी भी सूरत में जाने देने वाले नहीं थे। फिलहाल हकीकत पुलिस की जांच के बाद ही सामने आयेगा। सरकारी वकील रमेश चन्द पांडेय की मौत से साथी वकील गमज़दा थे। हर चेहरे पर भावभीनी नजर आ रही थी।

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