अयोध्या : राम जन्म भूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ राम विलास वेदांती ने दावा किया है कि अयोध्या विवाद के पक्षकारों ने मंदिर विवाद को आपसी समझौते से हल करने का फार्मूला आपसी सहमति से निकाल लिया है. वेदांती ने किया है कि कुछ अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन की मध्यस्थता से आपसी सहमति बन गई है. इसके तहत लखनऊ में दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद बनाई जाएगी, जबकि अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनेगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि मस्जिद बाबर के नाम पर नहीं होगी.
बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मुद्दा फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है। इस मुद्दे पर हिंदू-मुसलमानों में आपसी समन्वय स्थापित करने के लिए कई धर्मगुरु पहल कर चुके हैं। हालांकि अभी तक दोनों समुदायों के बीच इस मुद्दे पर किसी भी तरह का आपसी समझौता नहीं हुआ है।
उधर, चुनावों के नजदीक आने के साथ ही यह मुद्दा एक बार फिर गरम है। राम मंदिर निर्माण पर प्रतिक्रिया देते हुए वेदांती ने कहा, बीजेपी ने राम मंदिर बनाने का संकल्प किया है। 2019 चुनाव से पहले राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
BJP has resolved to build the Ram Mandir in Ayodhya. The construction of Ram Mandir will begin before the election of 2019 takes place: Ram Vilas Vedanti, Former BJP MP & President of Ram Janambhoomi Nyas pic.twitter.com/LM1hjV43rD
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 16, 2018
केशव ने कहा था, कानून लाकर बनाएंगे मंदिर
बता दें कि पिछले दिनों यूपी के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अगर कोई विकल्प नहीं बचता है तो ऐसी स्थिति में बीजेपी सरकार संसद में बिल ला सकती है लेकिन इसके लिए संसद के उच्च सदन (राज्य सभा) में बीजेपी को बहुमत की आवश्यकता है। दोनों सदनों में बहुमत होगा तो केंद्र सरकार कानून बनाकर मंदिर का निर्माण करा सकती है।
केशव प्रसाद के बयान पर हुआ था हंगामा
मौर्या के इस बयान पर काफी विवाद भी हुआ था। इसे लेकर संसद में बिल लाने की बात पर विवाद से जुड़े पक्षकारों ने इसे चुनावी लॉलीपॉप बताया था। हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों ने कहा था कि मामला कोर्ट में है, ऐसे में इस तरीके का बयान कोर्ट की अवमानना है। पक्षकारों ने दो टूक कहा था कि कानून बना कर बीजेपी को मंदिर निर्माण कराना होता तो बहुमत मिलते ही करा देती। चुनाव नजदीक है तो राम याद आ रहे हैं।
राम मंंदिर पर महली ने केशव को घेरा
उधर, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने भी मौर्य के बयान पर पलटवार किया था। महल ने कहा था, ‘राम मंदिर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बयान देना सही नहीं है। नेताओं को इस मामले में बयानबाजी से बचना चाहिए।’ जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो फिर नेता जानबूझकर ऐसे बयान क्यों देते हैं?