नई दिल्ली
दिल्ली में शराब के दीवानों के लिए अच्छी खबर है। दिल्ली सरकार ने शराब पर लगाया गया 70 फीसदी स्पेशल कोरोना फीस हटाने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार ने एक महीने पहले यह टैक्स लगाया था जब कोरोना लॉकडाउन के कारण उसका रेवेन्यू कलेक्शन बहुत कम रह गया था।
हालांकि केजरीवाल सरकार ने साथ ही शराब पर वैट 20 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया। नई दरें 10 जून से प्रभावी होंगी। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शराब आज के मुकाबले सस्ती होगी लेकिन कोरोना से पहले के दिनों की तुलना में थोड़ी महंगी होगी। उन्होंने कहा कि शराब बनाने वाली कंपनियों और वितरकों के पास कीमत का हिसाब लगाने और न्यू लेबल छापने के लिए पर्याप्त समय है।
दिल्ली में कुछ इस तरह होंगी कीमतें
ब्रैंड का नाम | दाम (750ml)* |
Antiquity Blue Ultra Premium Whisky | 900 |
McDowells No. 1 | 370 |
Officers Choice Rare | 290 |
Blenders Pride Rare | 750 |
Royal Challenge | 450 |
Royal Stag Premier | 450 |
100 Pipers Blend 12YO | 2,000 |
8 PM | 500 |
Black Dog Centenary | 1,450 |
CHIVAS Regal 12 YO | 2,800 |
सोर्स : आबकारी विभाग, दिल्ली की वेबसाइट
शराब की स्मगलिंग की थी आशंका
दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन की पाबंदियों में छूट के तहत राजधानी में 4 मई से शराब की कुछ चुनिंदा दुकानों को खोलने का फैसला किया था। इसके एक दिन बाद शराब पर स्पेशल कोरोना फीस लगाई गई थी। 6 जून तक एक्साइज विभाग नें 304 करोड़ रुपये की शराब बेची। इसमें स्पेशल कोरोना फीस शामिल नहीं है। इस तरह दिल्ली सरकार को स्पेशल सेस के रूप में करीब 210 करोड़ रुपये की कमाई हुई। इसके अलावा विभाग को वैट और एक्साइज ड्यूटीज के रूप में 195 करोड़ रुपये मिले।
स्पेशल कोरोना फीस के कारण दिल्ली में शराब हरियाणा और उत्तर प्रदेश की तुलना में 40 से 50 फीसदी महंगी हो गई थी। विभाग को आशंका थी कि इन राज्यों के साथ सीमाओं पर लगी पाबंदी में ढील के बाद शराब की स्मगलिंग और कालाबाजारी शुरू हो सकती है।
अप्रैल में नहीं हुई कोई कमाई
एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर लगी पाबंदी में छूट से राजधानी में शराब की स्मगलिंग बढ़ जाती जिससे दिल्ली में टैक्स कलेक्शन गिर जाता। साथ ही यह आशंका भी थी कि शहर में नकली शराब का धंधा जोर पकड़ सकता है। संशोधित अनुमानों के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 में एक्साइज विभाग को 5480 करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है। सरकार नें 2020-21 के लिए राजस्व लक्ष्य बढ़ाकर 5937 करोड़ रुपये कर दिया है। दिल्ली में शराब की 860 दुकानें हैं। साथ ही करीब 800 पब, बार और क्लबों में भी शराब परोसी जाती है।
एक अधिकारी ने बताया कि लॉकडाउन के कारण अप्रैल में विभाग को एक रुपये की भी कमाई नहीं हुई। मई में उसे करीब 400 करोड़ रुपये मिले जो मासिक लक्ष्य से कम से कम 20 फीसदी कम है।