सूर्य से नजरें मिलाना खतरनाक, प्रमाणित सोलर व्यूअर से देखें सूर्यग्रहण: विज्ञान प्रसारक सारिका

भोपाल, । विश्व योग दिवस के अवसर पर रविवार, 21 जून को साल का पहला सूर्यग्रहण पडऩे जा रहा है। इस दौरान सूर्य सोने के कंगन के समान (वलयाकार) दिखाई देगा। यह खगोलीय घटना पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा के आने के कारण घटेगी। भोपाल की राष्ट्रीय अवार्ड विजेता विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने नागरिकों से अपील की है कि सूर्यग्रहण को देखते समय सुरक्षित उपाय अपनाएं। उन्होंने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में बताया कि सूर्य से सीधे नजरें मिलाना खतरनाक होता है, फिर चाहे वह सूर्यग्रहण हो या सामान्य दिन। ऐसे में रविवार के सूर्यग्रहण को देखने के लिये प्रमाणित सोलर व्यूअर का इस्तेमाल करें।

सारिका ने बताया कि सूर्य की किरणें सीधें आखों पर न पड़े, इसके लिए वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित सोलर व्यूअर से ग्रहण देखना सबसे अच्छा होगा। इसके अलावा सूर्य की प्रतिबिंबित को किसी छोटे मिरर की मदद से दीवार पर बनाकर देख सकते हैं। अगर घर में बड़ा मिरर है तो कागज में 2 से.मी. का छिद्र बनाकर मिरर पर रखकर उससे सूर्य का प्रतिबिम्ब बनायें। उन्होंने बताया कि बिना सोलर फिल्टर लगे टेलिस्कोप या दूरबीन के माध्यम से सूर्य को कभी न देखें । स्मोक्ड ग्लास, कलर फिल्म, धूप का चश्मा, गैर-चांदी वाली ब्लैक एंड व्हाइट फिल्म का उपयोग न करें। वे सुरक्षित नहीं हैं। सस्ते टेलिस्कोप के आई-पीस के साथ मिलने वाले सौर फिल्टर का उपयोग न करें।

सारिका ने बताया कि यदि आप सूर्य को नंगी आंखों से देखते हैं तो आपकी आंख का लेंस सूर्य के प्रकाश को आपकी आंख के पीछे रेटिना पर बहुत छोटे स्थान पर केंद्रित करेगा। इससे आपकी आंखें जल सकती हैं, जिससे आंखों की रोशनी कम हो सकती है या अंधापन भी हो सकता है, क्योंकि आपकी आंख के अंदर कोई दर्द संग्राहक (पेन रिसेप्टर) नहीं होता है इसलिए आपको पता भी नहीं चलेगा कि यह हो रहा है। अगर आपको सोलर व्यूअर नहीं मिलता है तो सूर्य को प्रत्यक्ष रूप से देखने के लिए 14 नंबर शेड वाला वेल्डर चश्मा भी एक सुरक्षित विकल्प है, लेकिन इसकी मदद से भी सूर्य को रुक-रुक कर देखें।

सारिका ने बताया कि 21 जून के बाद भारत से अगला सूर्य ग्रहण एक दशक बाद ही देखने को मिलेगा। इसलिए इस मौके को मत चूकिए और सूर्य-ग्रहण के दर्शनों के लिए तैयार हो जाइये, लेकिन सुरक्षित तरीके से। लॉकडाउन में कुछ सुरक्षित साधन न मिल पाये तो ऑनलाईन या मीडिया की मदद लीजिये।

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