नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने 5 राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान किया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 15 दिसंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी होगी। 5 राज्यों में एक साथ चुनाव होंगे। 11 दिसंबर को सभी पांचों राज्य के नतीजे आएंगे।
छत्तीसगढ़ में 2 चरणों में चुनाव होंगे, बाकी राज्यों में एक ही चरण में मतदान होंगे। छत्तीसगढ़ में 12 और 20 नवंबर को वोटिंग होगी। मध्यप्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर को वोटिंग होगी। राजस्थान और तेलंगाना में 7 दिसंबर को मतदान होंगे। मिजोरम में 15 दिसंबर को विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है, जबकि
छत्तीसगढ़ में 5 जनवरी, 2019 को, मध्य प्रदेश में 7 जनवरी को और राजस्थान में 20 जनवरी को विधानसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है। हाल ही में तेलंगाना विधानसभा को भंग कर दिया गया था। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में बीजेपी की सत्ता है तो मिजोरम में कांग्रेस की सरकार है। इन चुनावों को 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी की अग्निपरीक्षा बताया जा रहा है।
Live Updates:
-राजस्थान और तेलंगाना में 7 दिसंबर को मतदान। राजस्थान और तेलंगाना में भी एक चरण में वोटिंग। 11 दिसंबर को सभी राज्यों के वोटों की गिनती।
-मध्य प्रदेश में एक ही चरण में मतदान। 28 नवंबर को होगी वोटिंग। मिजोरम में भी एक चरण में मतदान। 28 नवंबर को होगी वोटिंग।
-12 नंवबर को छत्तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान। दूसरे और आखिरी चरण का मतदान 20 नवंबर को
-चुनाव में आधुनिक EVM और VVPAT का इस्तेमाल होगा। दागी उम्मीदवारों पर सुप्रीम कोर्ट के ताजा निर्देशों का पालन होगा
-दृष्टिहीन मतदाताओं के लिए पहली बार ब्रेल में वोटर पर्ची। सीसीटीवी से मतदान केंद्रों पर निगरानी रखी जाएगी
-15 दिसंबर से पहले मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में एक साथ चुनाव होंगे। चारों राज्यों में आचार संहिता लागू
-15 दिसंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी होंगी। 4 राज्यों में एक साथ चुनाव होंगे। तेलंगाना में चुनाव का ऐलान नहीं। तेलंगाना में 12 अक्टूबर के बाद चुनाव का ऐलान।
-प्रेस कॉन्फ्रेंस में देरी को लेकर चुनाव आयोग की सफाई- तैयारियों को लेकर देर हुई। पहले 12.30 बजे होनी थी प्रेस कॉन्फ्रेंस
मध्य प्रदेश में किसकी बनेगी सरकार?
मध्य प्रदेश में पिछले 15 बरसों से बीजेपी का लगातार शासन है। नवंबर 2005 में मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान का यह तीसरा कार्यकाल है। एमपी में इसबार बीजेपी को चुनौती मिलती दिख रही है। राज्य में विधानसभा की कुल 230 सीटें हैं। यहां भी एक ही चरण में 28 नवंबर को वोटिंग होगी और 11 दिसंबर को नतीजे आएंगे।
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव
नवंबर 2013 में छत्तीसगढ़ में पिछला चुनाव हुआ था। इस बार दो चरणों में चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण का मतदान 12 नवंबर को जबकि दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। 11 दिसंबर को दूसरे राज्यों के साथ ही यहां के भी नतीजे घोषित किए जाएंगे। आपको बता दें कि यहां 27 जिलों में विधानसभा की कुल सीटें 90+1 सीटें हैं, जिसमें से 90 पर चुनाव होता है, वहीं एक एंग्लो-इंडियन मनोनीत होता है। इस समय राज्य में बीजेपी सत्ता में है और डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री हैं। कांग्रेस मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका में है। इस समय बीजेपी के पास 49 सीटें, कांग्रेस के पास 39 सीटें और अन्य के पास 3 सीटें हैं।
छत्तीसगढ़ में कौन बिगाड़ेगा बड़ी पार्टियों का खेल?
2000 में अस्तित्व में आए छत्तीसगढ़ में शुरुआती तीन साल कांग्रेस की सरकार रही, जिसके मुख्यमंत्री अजीत जोगी थे। दिसंबर 2003 से यहां बीजेपी सत्ता में है और डॉ. रमन सिंह हर बार मुख्यमंत्री बने। शिवराज की तरह रमन भी तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं, लेकिन टाइमिंग के मामले में वह सीनियर हैं। शिवराज जहां करीब 13 साल से सीएम हैं, वहीं रमन करीब 15 साल से। छत्तीसगढ़ के सियासी हालात भी कमोबेश राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे दिखाई दे रहे हैं। यहां बीजेपी के खिलाफ एंटी-इन्कम्बेंसी का अच्छा इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन कांग्रेस के पास कोई समाधान नहीं दिख रहा। सूबे में पार्टी के सबसे बड़े नेता रहे अजीत जोगी अब अपनी नई पार्टी ‘छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस’ बना चुके हैं और मायावती ने कांग्रेस के बजाय जोगी के साथ गठबंधन किया है। गोंडवाना गणतंत्र पार्टी भी उलटफेर करा सकती है।
#4. तेलंगाना
पिछला चुनाव हुआ- अप्रैल-मई 2014
इस बार चुनाव कब है- एक ही चरण में मतदान होगा। मतदान की तारीख 7 दिसंबर है।
मतगणना कब होगी- 11 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
कुल विधानसभा सीटें- 31 जिलों में 119+1 सीटें (119 पर चुनाव होता है, वहीं 1 एंग्लो-इंडियन मनोनीत होता है।)
सत्ताधारी पार्टी- तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS)
मुख्य विपक्षी पार्टी- कांग्रेस
मुख्यमंत्री- के. चंद्रशेखर राव
अभी किसके पास कितनी सीटें:
TRS- 90 सीटें
कांग्रेस- 13 सीटें
अन्य- 16 सीटें
नए तेलंगाना में होगी नई सियासत
तेलंगाना का पिछला विधानसभा चुनाव आंध्र प्रदेश के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव के साथ हुआ था। इससे कुछ महीने पहले ही आंध्र और तेलंगाना को अलग किया गया था और हैदराबाद इनकी संयुक्त राजधानी बनाई गई थी। यहां TRS ने एकतरफा जीत दर्ज की थी और कांग्रेस बड़े अंतर से दूसरे नंबर पर रही। इस बार के चुनाव में इन दोनों पार्टियों के अलावा असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM और आंध्र की सत्ताधारी पार्टी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) को देखना रोचक होगा। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने सितंबर 2018 में विधानसभा भंग कर दी, जिससे यहां समय से 9 महीने पहले चुनाव होंगे। यहां TRS के खिलाफ कांग्रेस-TDP के गठबंधन की सुगबुगाहट है।
#5. मिजोरम
पिछला चुनाव हुआ- नवंबर 2013
इस बार चुनाव कब है- एक ही चरण में मतदान होगा। मतदान की तारीख 28 नवंबर है।
मतगणना कब होगी- 11 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
कुल विधानसभा सीटें- 8 जिलों में 40 सीटें
सत्ताधारी पार्टी- कांग्रेस
मुख्य विपक्षी पार्टी- मिजो नेशनल फ्रंट (MNF)
मुख्यमंत्री- लाल थनहवला
अभी किसके पास कितनी सीटें:
कांग्रेस- 34 सीटें
MNF- 5 सीटें
अन्य- 1 सीट
क्या बीजेपी कुछ हासिल कर पाएगी?
नॉर्थ-ईस्ट का राज्य मिजोरम 1987 में अस्तित्व में आया था। यहां पहली बार 1989 में कांग्रेस की सरकार बनी थी, जो लगातार दो बार सत्ता में रही। फिर दो बार मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) की सरकार रही। 2008 से कांग्रेस फिर यहां सत्ता में है। कांग्रेस के चार कार्यकाल में मुख्यमंत्री हर बार लाल थनहवला रहे हैं, जबकि MNF की दों सरकारों में मुख्यमंत्री ज़ोरामथंगा रहे। इन दोनों के अलावा मिजोरम में बीजेपी के प्रदर्शन पर भी निगाह रहेगी।