राखी बंधवाने के बाद रेप ? जानिए क्या है इस मैसेज का सच…

नई दिल्ली : रक्षाबंधन के बाद से ट्विटर पर दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं। पहली तस्वीर में एक महिला किसी मुस्लिम शख्स को राखी बांध रही है और दूसरी तस्वीर में महिला घायल स्थिति में है। दावा है कि इस हिंदू महिला ने जिस मुस्लिम शख्स को राखी बांधी उसी ने उसके साथ बलात्कार किया। इस मुस्लिम शख्स को कांग्रेस का नेता भी बताया गया है। लेकिन वायरल हो रहा यह मेसेज फर्जी है।

तस्वीर के साथ क्या दावा किया गया?
ट्विटर पर @komal44337466 हैंडल से एक यूजर ने 28 अगस्त को दो तस्वीरें शेयर की। इसके साथ लिखा, ‘यूपी के गोंडा में हिंदू महिला नीरू गौतम ने कांग्रेस नेता गफूर खान को अपना भाई माना था और राखी तक पहनाई थी, 27 अगस्त को गफूर खान ने नीरू को कुछ काम के सिलसिले में घर बुलाया और नीरू से बलात्कार करके, मार पिटाई करके घर से भाग गया।’

यूपी पुलिस ने क्या कहा?
हमने इस फोटो और इसके साथ किए जाने वाले दावे का सच जानने के लिए सबसे पहले गोंडा पुलिस से संपर्क किया। हमारे सवाल के बाद गोंडा पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस पूरे मामले का खंडन किया। गोंडा पुलिस मीडिया सेल के मुताबिक, मीडिया सेल ने इस मामले की गहनता से जांच की तो पाया कि नीरू गौतम नाम की महिला का कांग्रेसी नेता गफूर खान द्वारा बलात्कार करने वाले ये मेसेज पूरी तरह झूठे और निराधार हैं। रक्षाबंधन के दिन गोंडा के किसी भी थाने में इस तरह की कोई घटना रिपोर्ट नहीं हुई और न ही तस्वीर में दिखने वाले दोनों लोग गोंडा में रहते हैं।

तस्वीरें भी फर्जी?
यूपी पुलिस से बात करने के बाद हमने उन तस्वीरों की जांच की जिन्हें इस खबर के साथ फैलाया जा रहा है। ट्वीट के साथ जो पहली तस्वीर है उसमें एक हिंदू महिला मुस्लिम शख्स को राखी बांधती नजर आ रही है। लेकिन यह तस्वीर जब हमने खोजी, तो पाया कि अकसर हिंदू और मुस्लिमों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द्र को दिखाने के लिए इसका इस्तेमाल होता रहा है। फेसबुक पर ‘मानव धर्म सबसे बड़ा धर्म आइए सब धर्मों का सम्मान करें’ नाम के एक पेज पर इस फोटो को 21 दिसंबर 2017 को ही शेयर किया गया था। इससे पहले भी 7 अगस्त 2017 को भी इस तस्वीर को शेयर किया गया था। इस पोस्ट में तस्वीर के साथ पूरा वाकया भी शेयर किया गया है।

 

ट्वीट के साथ नीचे वाली तस्वीर में महिला गंभीर हालत में अस्पताल के बिस्तर पर पड़ी दिख रही है। ऐसा दावा किया गया है कि मारपीट और बलात्कार के बाद महिला की यह हालत हो गई है लेकिन यह झूठ है। दरअसल, जब हमने इस तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च में डाला तो पाया कि तस्वीर 21 नवंबर 2016 की है। यह तस्वीर कानपुर के एक अस्पताल में रेल हादसे की शिकार हुई घायल महिला की है। इस हादसे में ट्रेन की 14 बोगियां पटरी से उतर गई थी और कई यात्री मारे गए थे। फोटो असोसिएटेड प्रेस यानी एपी की है।

गोंडा पुलिस से बातचीत और फिर तस्वीरों की जांच-पड़ताल के बाद साफ है कि ट्विटर पर धड़ल्ले से ट्वीट हो रहा यह पोस्ट झूठ है।

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