
दैनिक भास्कर ब्यूरो
फतेहपुर । खागा जिला प्रशासन द्वारा भले ही नकल विहीन परीक्षाएं कराये जाने के दावे किए जा रहे हों लेकिन इन दावों की पोल जिले में संचालित विद्यालय प्रबन्धको के सिस्टम के आगे बिल्कुल नाकाफी हैं। जिले के अधिकांश विद्यालयों में सुविधा शुल्क लेकर नकल कराया जाना बिल्कुल आम बात है। जिसकी खास वजह शिक्षा विभाग समेत प्रशासनिक जिम्मेदारों की खाऊ कमाऊ नीतियां हैं। ऐसा ही एक मामला धाता थाना क्षेत्र के धर्मपाल सिंह महाविद्यालय गोपालपुर का प्रकाश में आया है।
नकल के नाम पर 5 हजार नहीं दिए इसलिए प्रबंधक के गुर्गों ने पीटा
जहां के विद्यालय प्रबंधन पर बीएससी चौथे सेमेस्टर की परीक्षा में सम्मिलित होने आए बच्चू राम व रामस्वरूप सिंह महाविद्यालय के अध्यनरत छात्रों राजकुमार कोरी पुत्र राज भूषण निवासी लक्ष्मण बाजार चम्पहा व अभय राज सोनी पुत्र सतीश चंद्र निवासी टिकरा मवई थाना महेवा घाट ने गुरुवार को बीएससी चौथे सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान नकल के नाम पर 5000 रुपये सुविधा शुल्क की मांग करने व सुविधा शुल्क देने में असमर्थता जताने व विरोध करने पर विद्यालय प्रबंधक के पुत्र राजीव सिंह व उसके गुर्गों द्वारा मारपीट कर गम्भीर रूप से घायल कर परीक्षा कक्ष से बाहर किये जाने का आरोप लगाया है। पीड़ित परीक्षार्थियों ने प्रबंधक के पुत्र राजीव सिंह के खिलाफ पुलिस को नामजद जबकि उसके गुर्गों के खिलाफ अज्ञात में लिखित तहरीर देकर आरोपितों समेत विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर न्याय दिलाए जाने का आरोप लगाया है। हालांकि इस सम्बंध में जब थाना प्रभारी निरीक्षक व्रन्दावन राय से बात की गई तो उन्होंने मामले की जांच के बाद आरोपितों के खिलाफ कार्यवाही की बात कही।
बता दें कि विद्यालय प्रबंधन द्वारा नकल के नाम पर छात्रों का आर्थिक शोषण कर उनसे जबरन अवैध वसूली करने का कोई नया मामला नहीं है। इसके पूर्व भी विद्यालय प्रबंधन द्वारा परीक्षाओं के समय परीक्षार्थियों से जबरन अवैध वसूली के मामले प्रकाश में आये बल्कि कई परीक्षार्थियों ने उपरोक्त विद्यालय प्रबंधन की मनमानी व दबंगई की स्थानीय पुलिस समेत तहसील व जिला स्तरीय समेत विभागीय जिम्मेदारों से लिखित व मौखिक शिकायत भी की। लेकिन जिम्मेदारों ने केवल विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर कर जांच के समय आरोपित विद्यालय प्रबंधन से सेटिंग गेटिंग कर मामले को निपटा दिया। नतीज़तन कार्यवाही न होने से मनबढ़ विद्यालय संचालक की परीक्षार्थियों से मनमानी व अवैध वसूली का सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है।