कर्नाटक: उपचुनावों में बागियों को मैदान में उतार सकती है भाजपा, सत्ता में बने रहने के लिए 9 सीटें जरुरी

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अयोग्य ठहराए गए विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुये कहा कि मुझे यकीन है कि हम सभी 15 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में जीतेंगे।

बुधवार को उन्होंने कहा कि विधानसभा के पूर्व स्पीकर ने सिद्धारमैया के साथ मिलीभगत की और एक साजिश रची, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट फैसला दिया है। मुख्यमंत्री ने 17 बागी विधायकों के भाजपा में शामिल किये जाने संबंधी सवाल पर कहा कि हम बुधवार को कोर कमेटी में अयोग्य विधायकों को टिकट देने या न देने के सम्बन्ध में चर्चा करेंगे और शाम को फैसला करेंगे। उन सभी विधायकों के आज शहर आने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को विधायकों को अयोग्य करार देने के पूर्व स्पीकर के फैसले को बरकरार रखा लेकिन अनिश्चितकाल तक चुनाव लड़ने पर पाबंदी हटा दी है। इससे 17 अयोग्य विधायकों को राहत मिली है। अयोग्य ठहराये गये विधायक 15 सीटों पर 5 दिसंबर को होने वाला उपचुनाव लड़ सकेंगे।

 सर्वोच्च अदालत ने विधानसभा के स्पीकर द्वारा अयोग्य करार विधायकों को चुनाव लड़ने की हरी झंडी दे दी है। इस तरह से कांग्रेस-जेडीएस से बगावत करने वाले विधायकों को भले ही राहत मिल गई हो, लेकिन कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा सरकार की मुसीबत कम नहीं हुई है।बीजेपी को सत्ता में बरकरार रहने के लिए 15 सीटों पर रहे उपचुनाव में कम से कम 9 सीटों को जीतना जरूरी बन गया है।

बता दें कि कर्नाटक में सरकार की खींचतान के बीच तब कांग्रेस के 14, जेडीएस के 3 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. इसी के बाद तत्कालीन विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने सभी 17 विधायकों को अयोग्य करार दिया था। इस राजनीतिक उठापटक के बाद कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिर गई थी और येदियुरप्पा के नेतृत्व में बीजेपी ने सत्ता में वापसी की थी।

बहुमत के लिए चाहिए 113 विधायक

विधायकों की अयोग्यता के बाद खाली 17 विधानसभा सीटों में से 15 सीटों पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होने हैं। उम्मीदवारों को 11 नवंबर से 18 नवंबर के बीच अपना नामांकन पत्र दाखिल करना है।कर्नाटक विधानसभा में फिलहाल 207 सीटें हैं। बहुमत के लिए 104 की जरूरत है. बीजेपी के पास 104 सीटें हैं, जबकि कांग्रेस के पास 66 और जेडीएस के पास 34 सीटें हैं. 15 सीटों पर उपचुनाव के नतीजे आने के बाद कुल सीटें 222 हो जाएंगी. इसके बाद 2 विधानसभा सीटों पर चुनाव बाद में होने है. इस तरह से विधानसभा कुल संख्या 224 की हो जाएगी, ऐस में बहुमत के लिए 113 विधायकों का समर्थन चाहिए।

कर्नाटक में बीजेपी के पास 104 विधायक हैं, ऐसे में बीजेपी को अपने दमपर बहुमत के लिए  113 सीटों की जरूरत पड़ेगी. मतलब साफ है कि उपचुनाव में बीजेपी को सत्ता में बने रहने के लिए 9 सीटें हर हाल में जीतनी होगी।. अयोग्य विधायकों को बीजेपी टिकट देकर मैदान में उतार सकती है और ऐसे में येदुरप्पा की राह आसान हो सकती है। अब यह देखना होगा कि बीजेपी उपचुनाव में किस तरह से जीत का परचम फहराती है।

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