लखीमपुर : खीरी का मिर्जापुर प्राइमरी स्कूल दूसरों के लिए बना प्रेरणा

लखीमपुर खीरी। कर्म भूमि पर फ़ल के लिए श्रम सबको करना पड़ता हैं, रब सिर्फ़ लकीरें देता हैं रंग हमको भरना पड़ता हैं…यह कहावत ब्लॉक बेहजम के प्राथमिक विद्यालय मिर्जापुर के प्रधानाध्यापक पर सार्थक साबित हो रही है। प्रधानाध्यापक विनोद कुमार वर्मा ने अपने अभिनव प्रयास व स्टाफ के सहयोग से विद्यालय की सूरत बदलने के साथ शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ा दी। विद्यालय में अबतक करीब 263 छात्र-छात्राओं का पंजीकरण हैं। डीएम महेंद्र बहादुर सिंह की अभिनव पहल “best school of the week” के तहत इस सप्ताह का सर्वश्रेष्ठ विद्यालय बनने का खिताब अपने नाम दर्ज किया।

स्मार्ट क्लास…लाइब्रेरी…नए जमाने से कदमताल मिलाते अपनी अलग पहचान बना रहा सरकारी स्कूल मिर्जापुर

बेहजम ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय मिर्जापुर कायाकल्प के बाद नजीर बन गया। रंगरोगन के साथ मूलभूत सुविधाओं से लैस यह विद्यालय अब नई चमक बिखेर रहा है। कांवेंट स्कूल की तर्ज पर साज-सज्जायुक्त यह विद्यालय सोशल मीडिया पर भी चर्चित है। स्कूल की दीवारों पर बनी सुंदर पेंटिग के साथ कक्षाओं का डेकोरेशन, गार्डेंन व शौचालय की साफ-सफाई इसे खास बनाए हुए हैं। विद्यालय का नजारा इतना खूबसूरत है कि बच्चे यहां पढ़ने को प्रेरित हो रहे हैं। गांव वाले स्वयं इस विद्यालय की खूबसूरती व शिक्षा के परिवेश को दूसरे स्कूलों से खास मानते हैं। इनका कहना है कि यह सरकारी स्कूल है मगर किसी कॉन्वेंट स्कूल से कम नहीं है।

डीएम के प्रयास से अभिभावकों की परिषदीय विद्यालय के प्रति बनी अच्छी धारणा

प्रधानाध्यापक विनोद ने कार्यभार ग्रहण ही विद्यालय को आकर्षक बनाने का संकल्प किया। स्वयं के प्रयासो, स्थानीय संसाधनों के बल पर विद्यालय को भौतिक रूप से बेहद आकर्षक बनाया। विद्यालय की चाहरदीवारी को ठीक कराकर गेट लगवाया। कक्षा कक्ष में विद्युत वायरिंग, इनवर्टर की व्यवस्था कराई। बच्चों के फर्श पर बैठने को लेकर चिंतित प्रधानाध्यापक ने विधायक सौरभ सिंह सोनू को प्रेरित कर फर्नीचर की व्यवस्था कराई। विद्यालय में शिक्षा, संस्कार से जुड़े मार्मिक चित्रण भी उकेरे गए। कक्षाओ की दीवारों पर शरीर के अंगों के नाम, दिनों के नाम, हिदी व अंग्रेजी के शब्द मालाओं का वर्णन हैं।

बच्चों के सीखने के लिए अल्फाबेट के पैटर्न पर चित्रण भी है। छात्र उपस्थिति पर फोकस कर निपुण विद्यालय बनाने पर बल दिया। अध्यापन अवधि समाप्ति के बाद अध्यापक विद्यालय में रुककर अभिलेखीय कार्य पूरा करते है। ऑनलाइन गतिविधियों के के लिए विद्यालय में डिश टीवी की व्यवस्था है। छात्रों के सर्वांगीण विकास के दृष्टिकोण से आज भी योग, पीटी, प्राणायाम, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन की निरंतरता कायम है।

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