CM योगी का बड़ा ऐलान, दिवाली पर राम के नाम का जलाएं दीया, जल्द शुरू होगा मंदिर निर्माण

जयपुर। आगामी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले अयोध्या में राम मंदिर के मुद्दे पर शियासत एक बार फिर से गरमाने लगा है. राम मंदिर निर्माण पर  संघ के बाद अब  संतों ने भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है. दिल्ली में देश भर से जुटे 3 हजार से ज्यादा साधु-संतों ने अयोध्या में राम जन्मभूमि पर जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण शुरू करने का आह्वान किया है.इस बीच  यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने राजस्थान में शनिवार को बीकानेर में एक चुनावी रैली में अयोध्या में राम मंदिर को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. योगी ने रैली में कहा कि राम मंदिर निर्माण का काम जल्द शुरू होगा. इस दौरान उन्होंने देश भर के लोगों से अपील की है कि राम मंदिर निर्माण के लिए वे 6 नवंबर को अपने घरों में प्रभु राम के नाम का एक दीपक जलाएं.

रैली में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धर्मस्थल उपासना के नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकात्मकता के भी स्थल हैं और प्रत्येक नागरिक के लिए धर्मस्थल खुले रहने चाहिए, यह आज के समय की जरूरत है. योगी ने बीकानेर में श्रीनवलेश्वर मठ सिद्धपीठ में योगी श्रीमत्स्येंद्रनाथ, योगी गुरु गोरक्षनाथ और भगवान आदित्यदेव की प्रतिमाओं का अनावरण किया.

वहीं केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी ने इस पर कहा कि राम मंदिर का जल्द ही निर्माण किया जाएगा. फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और हम चाहते हैं कि इसका फैसला जल्दी लिया जाए. उन्होंने कहा कि वो सरकार के बारे में कुछ नहीं कह सकते लेकिन उनकी अपनी राय है कि अगर न्यायिक फैसला होने में देरी होती है तो इसे लेकर कानून बनना चाहिए.

केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने राम मंदिर मुद्दे पर कहा कि मैंने हमेशा राम जन्मभूमि आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है लेकिन अभी इस केस की सुनवाई चल रही है. मुझे इस पर गर्व है. राम मंदिर का निर्माण मेरा सपना है और मेरी तरफ से जो भी मदद लगेगी मैं उसके लिए तैयार हूं.

‘दिसंबर में आपसी सहमति से शुरू हो जाएगा मंदिर निर्माण कार्य’

शनिवार को अयोध्या आंदोलन के प्रमुख संत रामविलास वेदांती ने कहा था कि दिसंबर में आपसी सहमति से मंदिर निर्माण का काम शुरू हो जाएगा. राम मंदिर का मुद्दा इस समय पूरे देश में गर्माया हुआ है. साधु-संतों से लेकर मंत्रियों तक सब फिलहाल इसी मुद्दे पर बातचीत करते नजर आ रहे हैं.

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भगवान राम की जन्मभूमि की लेकर संतों का कहना है कि यह आस्था, विश्वास और श्रद्धा के अलावा देश की अस्मिता और राष्ट्रीय गौरव का विषय है. वर्ष 1528 से लेकर आज तक हिंदू समाज अपने आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्मभूमि को मुक्त कराने और वहां भव्य मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष कर रहा है. इस संघर्ष में साढ़े तीन लाख से अधिक रामभक्तों ने अपने प्राणों की आहूति दी है. अब अनंतकाल तक न्यायालय के भरोसे इस विषय को नहीं छोड़ा जा सकता है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर की सुनवाई को जनवरी 2019 तक के लिए टाल देने से साधु-संतों में नाराजगी है. उनकी मांग है कि राम मंदिर के लिए सरकार अध्यादेश लेकर आए. साधु-संतों ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर दिसंबर में अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण नहीं शुरू होता है, तो देश भर के साधु-संत 6 दिसंबर को अयोध्या में जुटेंगे और बहुत बड़ा आंदोलन करेंगे.

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