महाराष्ट्र की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट जारी, इस साल 79 हजार करोड़ कम राजस्व मिलने की संभावना

महाराष्ट्र की आर्थिक विकास दर 31 मार्च को समाप्त हो रहे आर्थिक वर्ष 2021-22 में 12.2 फीसदी रहने का पूर्वानुमान सूबे के आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में व्यक्त किया गया है। इस कालावधि में देश की विकास दर 8.9 फीसदी रहने का अंदाज है।

विधानसभा और विधान परिषद में गुरुवार को महाराष्ट्र की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश की गई। जिसमें कृषि व संलग्न कार्य क्षेत्र में 4.4 प्रतिशत, उद्योग में 11.9 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 13.5 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है। इसी प्रकार पशु संवर्धन में 6.9 फीसदी, वनीकरण में 7.2 फीसदी और मत्स्य व्यवसाय में 1.6 फीसदी की वृद्धि होने का अंदाज जताया गया है।

देश के जीडीपी में महाराष्ट्र का योगदान 14.2 फीसदी
आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार देश के जीडीपी में महाराष्ट्र का योगदान 14.2 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। महत्वपूर्ण है कि प्रति व्यक्ति राज्य आय में इस वर्ष 2.25 लाख रुपये रहने का अनुमान है जबकि 2019-20 के दूसरे सुधारित अंदाज के अनुसार यह 1.96 लाख रुपये और 2020-21 के पहले सुधारित अंदाज(Corrected estimate) के अनुसार 1.93 लाख रुपये रहा। बता दें वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्य के आधार पर महाराष्ट्र का प्रति व्यक्ति आय 1.93 लाख रुपये रहा जबकि भाजपा शासित राज्य यूपी का 65,338 रुपये और मध्य प्रदेश का 1.04 लाख रुपये था।

इस साल 79 हजार करोड़ कम राजस्व मिलने की संभावना
2021-22 के बजटीय अनुमान के अनुसार इस साल 3,68,987 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अंदाज था जबकि सुधारित अंदाज (Corrected estimate) के अनुसार 79,489 करोड़ रुपये कम यानी 2,89,498 करोड़ रुपये ही राजस्व मिलने का अनुमान है। ध्यान रहे कि अप्रैल-नवंबर 2021 के दौरान बजटीय अनुमान का सिर्फ 49% यानी 1,80,954 करोड़ रुपये ही राजस्व जमा हुआ है। इसी प्रकार राजस्व खर्च 3,79,213 करोड़ रुपये का अनुमान था जबकि सुधारित अंदाज(Corrected estimate) के अनुसार 3,35,675 करोड़ रुपये ही खर्च होने की संभावना है।

दलहन का उत्पादन घटा

महाराष्ट्र में इस साल मानसून के दौरान औसतन 118.2 फीसदी बारिश हुई। इसके बावजूद खरीफ सीजन के दौरान अनाज का उत्पादन 11%, दलहन का 27%, तिलहन का 13%, कपास का 30% और गन्ने की पैदावार उत्पादन 0.4% घटी है। इस साल 21.09 लाख हेक्टेयर में फल का उत्पादन किया गया है। जिससे 291.43 लाख मीट्रिक टन फल उत्पादन की उम्मीद है। ध्यान रहे कि वर्ष 2020-21 में 0.68 लाख हेक्टेयर नया क्षेत्र सूक्ष्म सिंचाई के अंतर्गत आया है।

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