जहर पीने जैसा था बीजेपी के साथ गठबंधन : महबूबा

नई दिल्ली: सत्ता का स्वाद मीठा होता है। विचारों से इतर जाकर गठबंधन समय की मांग होती है। लेकिन सत्ता से बाहर होने के बाद रिश्तों मेंं तो कड़वाहट आती ही है, जुबां भी खट्टी हो जाती है। जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने जब पीडीपी से दूर जाने का फैसला किया तो पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को नागवार लगा। वो समय समय पर कहती रहीं कि बीजेपी ने निहित स्वार्थ की वजह से गठबंधन को तोड़ने का फैसला किया। यही नहीं उन्होंने कहा कि अगर उनकी पार्टी को तोड़ने की कोशिश की गई तो 1987 जैसे हालात बनेंगे। इसके साथ यहां तक कहा कि सलाउद्दीन और यासीन मलिक जैसे नेताओं को पैदा होने से रोक नहीं सकेंगे।

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा

कि उनके पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद ने बीजेपी के साथ गठबंधन इसलिए किया था क्योंकि वाजपेयी साहब के जमाने में संबंध बेहतर थे। लेकिन इस दफा बीजेपी के साथ मुश्किल भरा फैसला था। बीजेपी के साथ गठबंधन करना जहर पीने जैसा था। पिछले 2 साल दो महीने के कार्यकाल में उन्हें तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ा जिसे व्यक्त करने के लिए उनके पास शब्द नहीं है।

बता दें कि हाल ही में उन्होंने कहा था कि सोची समझी रणनीति के तहत उनके दल को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए उन्होंने दिल्ली में बैठे हुए कुछ नेताओं को जिम्मेदार बताया था। ये बात अलग है कि महबूबा मुफ्ती के आरोपों पर बीजेपी के महासचिव राम माधव ने कहा कि वो हताश हैं, उनके अनर्गल आरोपों पर जवाब देने के लिए न तो उनके पास समय और न ही शब्द है।

 

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