आज के दौर का विज्ञान इतना आगे बढ़ गया है, कि पृथ्वी पर रहने वाले लोग आज दूसरे ग्रहों पर जाने का सपना देखते हैं. वहां पर इंसानी बस्ती बसाने का ना केवल ख्वाब देखते हैं. बल्कि उसको साकार करने का हर मुमकिन प्रयास भी कर रहें हैं. हालही में अंतरिक्षवैज्ञानिको ने मंगल गृह पर भी बहुत से ऐसे सबूत खोजे हैं. जिसके तहत वहां पर मानव जीवन को सहयोग देने वाले संसाधनों का वहां होने के सबूत मिले हैं. तो वहीँ अब एक और खुसखबरी आई हैं. बहुत समय से नासा और दुनिया की अन्य तमाम अंतरिक्षवैज्ञानिक संस्थाए चाँद पर भी मानव जीवन के संभव होने के सबूत ढूंढ रहे थे. आज वो खोज पूरी होती नज़र आ रही हैं. तो आइये अब आपको बताते हैं, कि चाँद पर ऐसे क्या सबूत मिले हैं.
💦🌚 Water molecules were found in Clavius Crater, one of the largest craters visible from Earth on the Moon! This discovery from our @SOFIAtelescope indicates that water may be distributed across the surface, & not limited to cold, shadowed places. More: https://t.co/oIcCbbl50Y pic.twitter.com/Q5Ve6QwZJM
— NASA (@NASA) October 26, 2020
दरअसल, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सोमवार 26 अक्टूबर को बड़ा खुलासा करते हुए चांद की सतह पर पर्याप्त मात्रा में पानी होने की पुष्टी की है. चांद पर पानी उसी हिस्से में मिला है. जहां सूरज की रोशनी पहुंचती है. इसे नासा की चांद पर मानव बस्तियां बसाने की योजना की दिशा में बड़ी सफलता माना जा रहा है.
🌖Got Moon questions?
Ask experts who are using 🤖 rovers, 🛰️ orbiters, ✈️🔭telescopes, and other technology to study the Moon during a @reddit AMA tomorrow at 10am PT: https://t.co/RgDQiTrAIe https://t.co/O0Sflg30fu
— SOFIA Telescope (@SOFIAtelescope) October 27, 2020
पानी की खोज नासा की स्ट्रेटोस्फियर ऑब्जरवेटरी फॉर इंफ्रारेड एस्ट्रोनॉमी (सोफिया) ने की है. इसका उपयोग पीने और रॉकेट ईंधन उत्पादन के लिए भी किया जा सकेगा.
पानी NASA के मुताबिक सोफिया ने चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से में स्थित, पृथ्वी से दिखाई देने वाले सबसे बड़े गड्ढों में से एक क्लेवियस क्रेटर में पानी के अणुओं का पता लगाया है. एजेंसी ने अपनी खोज के नतीजे नेचर एस्ट्रोनॉमी के नवीनतम अंक में प्रकाशित किए गए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस स्थान के डेटा से 100 से 412 पार्ट प्रति मिलियन की सांद्रता में पानी का पता चला है. हालांकि चंद्रमा की सतह पर जितने पानी की खोज की है उसकी मात्रा अफ्रीका के सहारा रेगिस्तान में मौजूद पानी की तुलना में 100 गुना कम है
We just announced that – for the first time – we’ve confirmed H2O💧 in sunlit☀️ areas of the Moon. This indicates that water might be distributed across the lunar surface. https://t.co/Gn0DSu5K95
— NASA Moon (@NASAMoon) October 26, 2020
सवाल उठ रहा है, कि क्या यह पानी पीने योग्य है. अगर चांद पर मिला पानी इंसान के इस्तेमाल के योग्य साबित हो जाता है. तो इससे अंतरिक्ष यात्रियों को बड़ी मदद मिलेगी. उन्हें अपने साथ कम मात्रा में पानी लेकर जाना होगा और वे अंतरिक्ष में अन्य जरूरी उपकरण साथ ले जा सकेंगे.
इस पहले हुए कुछ अध्ययनों में चंद्रमा की सतह पर हाइड्रोजन के कुछ रूप का पता चला था, लेकिन पानी और करीबी रिश्तेदार माने जाने वाले हाइड्रॉक्सिल (OH) की खोज नहीं हो सकी थी.