राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की बैठक खत्म, जानिए ओवैसी क्यों हुए नाराज

देश में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की बैठक खत्म हो गई है। बैठक में 16 पार्टी के शीर्ष नेता शामिल हैं। राष्ट्रपति चुनाव से पहले तृणमूल अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने यह बैठक बुलाई है। बैठक में कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआईएमएल, आरएसपी, शिवसेना, एनसीपी, राजद, एसपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, जद (एस), डीएमके, आरएलडी, आईयूएमएल और झामुमो के लीडर्स शामिल हैं।

ममता ने विपक्ष के 8 सीएम सहित 22 नेताओं को चिट्ठी लिखकर बैठक में शामिल होने का अनुरोध किया था। खास बात यह है कि इस बैठक में कांग्रेस भी शामिल होगी। कांग्रेस की ओर से इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश, रणदीप सिंह सुरजेवाला भाग लेंगे। देश में 18 जुलाई को राष्ट्रपति का चुनाव होना होना है जिसको लेकर विपक्ष भाजपा के खिलाफ लामबंद हो रहा है।

बैठक से ओवैसी हुए नाराज

ममता बनर्जी और एनसीपी चीफ शरद पवार बैठक में शामिल होने के लिए मंगलवार शाम को ही दिल्ली पहुंच गए थे। 14 जून को दिल्ली में ममता ने एनसीपी चीफ शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल से मुलाकात की। उधर, माकपा के सीताराम येचुरी ने स्पष्ट किया कि NCP नेता शरद पवार राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार नहीं होंगे। उन्होंने ममता के नेतृत्व में होने वाली इस बैठक में माकपा का शीर्ष नेतृत्व हिस्सा नहीं लेगा। वहीं AIMIM चीफ ओवैसी बैठक में आमंत्रित न किए जाने से नाराज है।

इससे पहले खबरें आ रही थीं कि विपक्षी दल राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए एनसीपी नेता शरद पवार के नाम पर सहमत नजर आ रहे हैं। शरद पवार से पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने की खबरें आ रही थीं।

जानिए बंगाल सीएम ने किन नेताओं को भेजा न्योता

ममता बनर्जी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के सीएम पिनराई विजयन, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, पंजाब के सीएम भगवंत मान और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी समेत 22 नेताओं को पत्र लिखा है।

24 जुलाई को खत्म हो रहा राष्ट्रपति का कार्यकाल

18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी है, वहीं 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। संविधान के नियमों के अनुसार देश में मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने से पहले अगले राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है।

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