श्रद्धा को न्याय और श्रद्धांजलि देने के लिए पूरे गुरुग्राम में शांतिमार्च

प्रधान बोधराज सीकरी की अगुवाई में पंजाबी बिरादरी महा संगठन और केन्द्रीय श्री सनातन धर्म सभा एस के खुल्लर की अगुवाई एवं आर्य केन्द्रीय सभा, गुरूग्राम अशोक आर्य की अगुवाई में शांति मार्च कर “श्रद्धा” को दी श्रद्धांजलि l कन्हैया लाल आर्य, ओम कथूरिया थे संदेशवाहक”
भास्कर समाचार सेवा

गुरुग्राम। हाल ही में हुए “श्रद्धा” हत्याकांड ने पूरे देश को गमगीन किया है। देश की बेटी की निर्मम हत्या के विरोध में पंजाबी बिरादरी महासंगठन ने प्रधान बोधराज सीकरी की अगुवाई में शांति मार्च निकाला। इस शांति मार्च में पंजाबी बिरादरी महासंगठन के साथ-साथ केन्द्रीय श्री सनातन धर्म सभा एवं आर्य केन्द्रीय सभा, गुरूग्राम ने सामूहिक रूप से भागीदारी की।इस शांति मार्च के निमित्त एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी रखी गयी जिसमें बोधराज सीकरी ने “श्रद्धा” बिटिया के साथ जो अन्याय हुआ उसकी कड़े शब्दों में निंदा की। कहा कि “इस तरह की घटनाएं समाज को दहला देती है, इस घटना ने मानवीय संवेदनाओं को कुरेदने का काम किया है। साथ ही बताया कि दूरदर्शन के विभिन्न चैनल पर बेटी साथ हुई क्रूरता, बर्बरता और हैवानियत से हत्या को प्रतिदिन दिखाया जा रहा है उसके लिए समाज में जागरूकता की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृति ना हो व “श्रद्धा” के परिवार को इस का तुरंत न्याय मिले, इसके लिए यह शांति मार्च रखी गई है। उल्लेखनीय है कि श्रद्धा को न्याय दिलाने के लिए पंजाबी बिरादरी महासंगठन, केन्द्रीय श्री सनातन धर्म सभा एवं आर्य केन्द्रीय सभा, गुरूग्राम ने “हरीश बेकरी” सेक्टर-7, गुरुग्राम से “कबीर भवन -शिवमूर्ति “तक कैंडल मार्च निकाला जिसे शांति मार्च का नाम दिया गया।
कैंडल मार्च प्रारम्भ होने से पूर्व प्रारम्भिक स्थान पर दिवंगत आत्मा की शांति हेतु यज्ञ/हवन किया गया l
इस निमित्त बोध राज सीकरी ने जान कर पुरुष ब्राह्मण द्वारा यज्ञ करवाने की बजाए महिला ब्राह्मण सुश्री विभा आर्य सुर सुषमा आर्य द्वारा यज्ञ करवाया ताकि महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिले। इस सामाजिक कार्य के लिए हर जाति, हर वर्ग व प्रत्येक संस्था के प्रतिनिधि/सदस्य शामिल हुए ताकि बेटी के न्याय की आवाज को बुलंद कर दोषी को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके। हजार से अधिक गुरुग्राम वासी इस का हिस्सा बने ।कैंडल मार्च जो शांति मार्च के रूप में हरीश बेकरी से चलकर जब सायं लगभग साढ़े छह बजे कबीर भवन -शिव मूर्ति पर विश्राम लिया, जहाँ धर्मेन्द्र बजाज ने धन्यवाद प्रस्ताव पारित किया। इससे पूर्व सात सदस्यों की एक कमेटी ने बोध राज सीकरी की अगुवाई में दोपहर एक बजे एक ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री महोदय को सरकारी रेस्ट हाउस में निजी तौर पर दिया।
सभी सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं से इस कैंडल मार्च / शांति मार्च में अपना पूर्ण सहयोग देकर एकता का परिचय दिया। इस शांति मार्च में प्रधान बोधराज सीकरी, सुरेश सीकरी, ओम प्रकाश कथुरिया, सुरेंद्र खुल्लर, सुनीता खुल्लर, अशोक आर्य, सुषमा आर्य, पूनम भटनागर, कंवर भान वधवा के सुपुत्र, कन्हैया लाल आर्य, प्रमोद सलूजा, राम लाल ग्रोवर, धर्मेंद्र बजाज, यदुवंश चुघ, दीपक वर्मा, ज्योत्सना बजाज, गजेंद्र गोसाई, रमेश कामरा, देविन्दर हरीश बेकरी के मालिक, बालकृष्ण खत्री, राजकुमार कथूरिया, एडवोकेट, अध्यक्ष टैक्स बार एसोसिएशन , किशोरीलाल डूडेजा, रमेश चुटानी, सुभाष गांधी, अनिल कुमार, रमेश कुमार, सुभाष नगपाल, रवि मनोचा, अशोक गेरा, अशोक सीकरी, सतीश आहूजा, नरेश चावला, कृष्ण चावला, कृष्ण ग्रोवर, सतपाल नासा, पुष्पा नासा, हरीश कुमार, गुगलानी जी, सतीश वर्मा, विजय वर्मा, गुलशन मेहता, योगेश गंभीर, सी. एल. शर्मा, विपिन गुप्ता, भारत रत्न मेहता, सुरेंदर अदलखा, सुभाष अदलखा, लक्ष्मण पाहुजा, नरेंद्र आर्य, भारत भूषण आर्य, एडवोकेट – सुभाष ग्रोवर, शैलेन्द्र बहल, कपिल वाधवा, अंकुर कुमार, धीरज ग्रोवर, प्रवीण वर्मा, केशव, , नितिन टुटेजा एडवोकेट, राहुल टुटेजा, ज्योति वर्मा, सोनिया सचदेवा, चीना धमीजा, सीमा चावला, सुषमा बत्रा , प्रीति और विनू छाबरा सुशांत लोक, रचना, शशि व अन्य जन और महिलाएँ उपस्थित रहे। एक अनुमान के अनुसार इस शांति मार्च में कुल उपस्थिति एक हज़ार से अधिक थी। यह था राष्ट्रीय एकता का प्रतीक।
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