दैनिक भास्कर ब्यूरो
पीलीभीत। जिलेभर में गेहूं की फसल पक कर तैयार हो गई है और अग्निशमन संसाधनों की बात करें तो विभाग का मुख्य पद ही रिक्त है। पिछले 1 वर्ष से सीएफओ की जिले में तैनाती नहीं हुई है। गेहूं कटाई के साथ अग्निकांडो में इजाफा हो जाता है और विगत वर्षों में सैकड़ों एकड़ फसल चलकर राख हुई है। इस बार भी जिले में अग्निशमन के संसाधनों में भारी कमी है। सीधे तौर पर कहा जाए तो गेहूं की फसल को आग से बचाने के लिए किसानों को खुद तैयार रहना होगा।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी का पद पिछले वर्ष से खाली है और पूरे जिले में सिर्फ 45 फायरमैन मौजूद है। पानी के टैंक और गाड़ियों की संख्या बेहद निराशाजनक है। अग्निशमन विभाग के पास सिर्फ दो टैंक उपलब्ध हैं। एक टैंक फायर स्टेशन पीलीभीत और दूसरा बीसलपुर में मौजूद है। एक 400 लीटर की गाड़ी पूरनपुर थाने पर मौजूद है, लेकिन इस गाड़ी को आग बुझाने से पहले पानी के लिए पानी का बोरिंग तलाश करना होता है।
फायर स्टेशन के नाम पर सिर्फ जमीन आवंटन
पिछले कई वर्षों से तहसील पूरनपुर, अमरिया और कलीनगर में फायर स्टेशन की मांग समय-समय पर की गई। लेकिन फायर स्टेशन के नाम पर सिर्फ जमीन आवंटित की गई। सबसे अधिक आग लगने की घटनाएं पूरनपुर तहसील में होती हैं। इसके बावजूद भी थाना स्तर पर टैंकर गाड़ी मौजूद नहीं है।
दो दरोगा संभाल रहे विभाग
अग्निशमन विभाग में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या बेहद कम है। मुख्य अग्निशमन अधिकारी का पद रिक्त पड़ा है और विभाग में दो दरोगा व तीन हवालदार कार्यरत है। जिले भर के 15 थानों पर करीब 45 अग्निशमन कर्मी मौजूद है। फिलहाल पीलीभीत का प्रभार जिला बरेली के सीएफओ चंद्र मोहन शर्मा को दिया गया है।