सरदार पटेल की जंयती पर PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि, बोले- राजनीति करने वाले लोग आज अपने मंसूबे में कामयाब नहीं

गुजरात । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी जयंती पर स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित की, साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल की जयंती पर एकता की शपथ भी ली। सरदार पटेल देश के पहले गृह मंत्री थे और उन्होंने आजादी के बाद भारत के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई इसलिए उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।

पीएम मोदी गुजरात दौरे के दूसरे दिन नर्मदा जिले के केवडिया स्थित पहुंचे। उन्होंने यहां लौह पुरूष और देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 148वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। पटेल की यहां 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। इसे स्टैच्यू ऑफ यूनिटी कहा जाता है।

इसके बाद PM ने लोगों को संबोधित किया। अपने संबोधन में देश की एकता और अखंडता के साथ-साथ कश्मीर में 370 को हटाए जाने पर भी बात की। साथ ही उन्होंने तेजी से बढ़ रही देश की विकास यात्रा का भी जिक्र किया। उन्होंने किसी का नाम लिए बिना तुष्टीकरण की राजनीति करने वालों पर भी हमला बोला।

तुष्टीकरण करने वालों को आतंकवाद भी नहीं दिखता

तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले लोग आज अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। इन तुष्टीकरण करने वालों को आतंकवाद भी नहीं दिखता है। यह धड़ा अपने स्वार्थ के लिए देश की एकता पर चोट कर देश को नुकसान पहुंचाता है। इतना ही नहीं, ये लोग आतंकियों को बचाने के लिए रात को अदालत तक खुलवाते हैं। हमें इन लोगों से सतर्क रहना है।

हमें सरदार पटेल आशीर्वाद दे रहे होंगे
बीते 9 वर्षों में देश ने देखा है कि जब सबका प्रयास होता है, तो कुछ भी असंभव नहीं होता। किसने सोचा था कि कभी कश्मीर आर्टिकल 370 से मुक्त भी हो सकता है। लेकिन, आज कश्मीर और देश के बीच आर्टिकल 370 की वह दीवार गिर चुकी है। सरदार पटेल जहां भी होंगे, इस बात को लेकर सबसे ज्यादा प्रसन्नता का अनुभव करते हुए हमें आशीर्वाद दे रहे होंगे। आज कश्मीर के युवा भी खुली हवा में सांस ले रहे हैं और देश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं।

गैर जरूरी कानूनों को हटाया जा रहा है
अमृतकाल में भारत ने गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। हम विकास भी कर रहे हैं और अपनी विरासत का संरक्षण भी कर रहे हैं। भारत ने अपनी नौसेना के ध्वज पर लगे गुलामी के निशान को मिटा दिया है। गुलामी के दौर में बनाए गए गैर जरूरी कानूनों को भी हटाया जा रहा है। IPC की जगह भी भारतीय न्याय संहिता लाई जा रही है.

31 अक्टूबर राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बना

भारत के लोगों ने अब गुलामी की मानसिकता को तोड़कर आगे बढ़ने का संकल्प ले लिया है। आज हमारी एकता सरदार पटेल के सपने को पूरा कर रही है। जिस तरह 15 अगस्त हमारे देश की स्वतंत्रता का और 26 जनवरी हमारे गणतंत्र के जयघोष का दिन है। उसी तरह 31 अक्टूबर का दिन राष्ट्रीयता के संचार का पर्व बन गया है।

देश के बेटे-बेटियां मेडल्स जीत रहे हैं
हमें गर्व है कि आज भारत चांद पर वहां पहुंचा है, जहां दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच पाया। हमें गर्व है कि आज भारत तेजस जेट से लेकर आईएनएस विक्रांत तक खुद बना रहा है। हमारे प्रोफेशनल्स दुनिया की कई अरबो-खरबों की कंपनियां चला रहे हैं। हमें गर्व है है देश के बेटे-बेटियां मेडल्स जीत रहे हैं।

विपरीत परिस्थितियों में भी नए कीर्तिमान बना रहे

कोरोना महामारी के बाद आज कई देशों की आर्थिक स्थिति खराब है। कुछ देश अभी भी मुद्रास्फीति से बाहर नहीं आ पाए हैं और वहां दिनों-दिन बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। ऐसे में भारत प्रगति का परचम लहरा रहा है। हम विपरीत परिस्थितियों में भी नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। भारत में गरीबी कम हो रही है। पांच साल में 13.5 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी से बाहर आ चुके हैं। इससे एक बात तो साबित हो गई है कि देश से गरीबी मिटाई जा सकती है।

25 सालों में भारत को विकसित बनाना है

पूरी दुनिया भारत की सराहना कर रही है। हमें गर्व है कि जब दुनिया युद्ध और अन्य संकटों का सामना कर रही है, तब भी हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं। हमें गर्व है कि हम जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने वाले हैं। आने वाले 25 साल भारत के लिए इस शताब्दी के सबसे महत्वपूर्ण 25 साल हैं। इन 25 वर्षों में हमें समृद्ध बनना है, हमें भारत को विकसित बनाना है।

दुनिया भर से पर्यटक केवडिया आ रहे हैं

पीएम ने कहा- संकल्प से सिद्धि का एक बहुत बड़ा उदाहरण हमारे केविडया का यह एकता नगर भी है। आज एकता नगर की पहचान ग्लोबल ग्रीन सिटी के तौर पर हो रही है। यही वो शहर है जहां से दुनिया भर के देशों का ध्यान खींचने वाले मिशन लाइफ की शुरुआत हुई थी। आज यहां रिवर राफ्टिंग, एकता क्रूज, एकता मॉल, एकता नर्सरी, आरोग्य वन और जंगल सफारी आदि पर्यटकों को बहुत आकर्षित कर रहे हैं। देश ही नहीं, दुनिया भर के पर्यटक यहां आ रहे हैं।

PM ने एकता की शपथ दिलाई

स्टेच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में सरदार पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद प्रधानमंत्री ने लोगों को एकता की शपथ दिलाते हुए कहा- मैं राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयत्न करूंगा।

मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूं, जिसे सरदार वल्लभ भाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों से संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान देने का भी सत्यनिष्ठा से संकल्प करता हूं।

196 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया

परेड के बाद पीएम ने केवडिया के एकता नगर (जहां पटेल की मूर्ति लगी है) में विकास और पर्यटन से जुड़े 196 करोड़ रुपए के कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। इसमें हेरिटेज ट्रेन, 30 ई-बस, सिटी गैस की फैसिलिटी और गोल्फ कार्ट्स का इनॉगरेशन शामिल हैं। उन्होंने एक विजिटर्स सेंटर का भी उद्घाटन किया। यहां फूड कोर्ट, रेस्टॉरेंट और एंटरटेनमेंट के लिए कई फैसिलिटीज तैयार की गई हैं। साथ ही केवडिया में ट्रॉमा सेंटर और एक सौर पैनल के साथ उप-जिला अस्पताल की आधारशिला रखी।

दुनिया में सबसे ऊंची सरदार पटेल की यह प्रतिमा

सरदार पटेल की यह प्रतिमा (182 मीटर) दुनिया में सबसे ऊंची है। 2010 में मोदी ने बतौर मुख्यमंत्री इसे स्थापित करने का ऐलान किया था। 31 अक्टूबर 2013 से प्रतिमा का निर्माण शुरू हुआ, जो पांच साल बाद यानी कि 31 अक्टूबर 2018 को सरदार पटेल की 143वीं जयंती पर पूरा हुआ। प्रतिमा का उद्घाटन PM नरेंद्र मोदी ने किया था।

आखिर सरदार प्रतिमा की जाने क्या है खासियत

इस प्रतिमा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके लिए देश भर के पांच लाख से अधिक किसानों के पास से 135 मीट्रिक टन खेती-किसानी के पुराने औजार दान में लिए गए, जिन्हें गलाकर 109 टन लोहा तैयार किया गया। इसी लोहे का उपयोग इस प्रतिमा में किया गया है।

40 लोग सरदार सरोवर डैम और विंध्य पर्वत के कर सकते है दर्शन

इस प्रतिमा की लागत 2989 करोड़ रुपए आई। इसमें 2.10 लाख क्यूबिक मीटर सीमेंट-कंक्रीट और 2000 टन कांसे, 6 हजार 500 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 18 हजार 500 टन सरियों का इस्तेमाल किया गया है। यह 12 किमी इलाके में बनाए गए तालाब के बीचों-बीच बनी है। प्रतिमा 6.5 तीव्रता के भूकंप के झटके और 220 किमी की स्पीड के तूफान का भी सामना कर सकती है। प्रतिमा के निर्माण में 85% तांबे का उपयोग होने से हजारों साल तक इसमें जंग नहीं लग सकती। प्रतिमा की गैलरी में खड़े होकर एक बार में 40 लोग सरदार सरोवर डैम और विंध्य पर्वत के दर्शन कर सकते हैं।

गुजरात को 5941 करोड़ के विकास परियोजनाओं की सौगात:मेहसाणा में पीएम मोदी ने कहा- पूर्ण बहुमत में होने के चलते सरकार बड़े-बड़े फैसले ले रही

पीएम नरेंद्र मोदी दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। सोमवार 30 अक्टूबर को अंबाजी मंदिर में पावड़ी पूजा के बाद उन्होंने मेहसाणा जिले के खेरालू में करीब 5941 करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।

अहमदाबाद एयरपोर्ट से ही वे बनासकांठा के अंबाजी मंदिर के लिए रवाना हो गए थे। उनके आगमन के लिए अंबाजी के पास चिखला गांव में चार हेलीपैड बनाए गए थे। यहां से उनका काफिला मंदिर के लिए रवाना हुआ। इस दौरान उनके स्वागत के लिए सड़कों पर भारी संख्या में लोग मौजूद थे, जिन्होंने फूल बरसाकर उनका स्वागत किया।

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