शनिधाम के संस्थापक दाती महाराज हुए गिरफ्तार, लॉकडाउन के नियम तोड़ने का लगा आरोप

नई दिल्ली
दिल्ली पुलिस ने लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने के आरोप में शनिधाम के संस्थापक दाती महाराज को गिरफ्तार किया है। दाती महाराज पर आरोप है कि उन्होंने दक्षिणी दिल्ली के एक मंदिर में धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग भी तार-तार हो गई। दाती महाराज पहले भी विवादों में रहे हैं। 

शुक्रवार को असोला स्थित दाती महाराज के शनिधाम मंदिर में हुए आयोजन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर हो रही थीं। उनके खिलाफ इस संबंध में केस भी दर्ज हुआ था। दिल्ली पुलिस ने इसी सिलसिले में दाती महाराज को गिरफ्तार किया। हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई। पुलिस का कहना है कि लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करते हुए दाती महाराज ने लोगों को मंदिर में जुटाया। मैदान गढ़ी पुलिस स्टेशन में दाती महाराज और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। 


22 मई को शनि जयंती पर किया आयोजन
पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि शुक्रवार को शनिधाम मंदिर के मुख्य पुजारी दाती महाराज ने कुछ अन्य लोगों के साथ रात साढ़े 7 बजे कार्यक्रम आयोजित किया था। दाती महाराज के खिलाफ महामारी ऐक्ट समेत कई धाराओं में केस दर्ज हुआ था। जांच में पता चला कि दाती महाराज के कहने पर ही मंदिर में लोगों की भीड़ जुटी थी। मंदिर के सामने चस्पा पोस्टर में लिखा था कि शनि जयंती महोत्सव पर श्रद्धालु 22 मई को मंदिर में आएं। जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, उनमें बच्‍चों से लेकर बूढ़ों तक को देखा जा सकता है। बहुतों के चेहरों पर मास्‍क भी नहीं था। सोशल डिस्‍टेंसिंग की बात तो छोड़ ही दीजिए।

दाती महाराज पर रेप का आरोप
दाती महाराज उर्फ दाती मदन लाल राजस्थानी पर अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 25 साल की महिला से रेप का आरोप है। दाती महाराज और अशोक, अर्जुन व अनिल के खिलाफ CBI ने एफआईआर भी दर्ज कर रखी है। उनके फतेहपुर बेरी आश्रम में 9 जनवरी 2016 में यह कथित घटना हुई। दिल्ली पुलिस ने जून 2018 में दिल्ली की पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। बाद में दाती महाराज व अन्य पर चार्जशीट भी दाखिल की थी।

मार्च में CBI ने सौंपी थी फाइनल रिपोर्ट
सीबीआई ने 4 मार्च को शनिधाम के संस्थापक दाती मदनलाल राजस्थानी के खिलाफ रेप मामले में अपनी छानबीन की फाइनल रिपोर्ट अदालत को सौंप दी थी। हाई कोर्ट ने 3 अक्टूबर 2018 को इस केस में आगे की छानबीन का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था। पीड़िता की मांग पर यह आदेश दिया गया था, जिन्होंने तब मामले में क्राइम ब्रांच की जांच को लेकर कुछ सवाल उठाए थे। हालांकि, केस ट्रांसफर होता, इससे पहले ही क्राइम ब्रांच ने 1 अक्टूबर को अपनी चार्जशीट अदालत में दायर कर दी। इसमें दाती महाराज और उनके तीन भाइयों- अशोक, अनिल और अर्जुन पर रेप, अप्राकृतिक संबंध और धमकाने के आरोप लगाए गए। अदालत ने उसी साल 20 दिसंबर को इन आरोपों पर संज्ञान भी ले लिया।


केस में कभी गिरफ्तार नहीं हुए थे दाती महाराज

अदालतों में सर्दियों की छुट्टी के दौरान ही ये चारों आरोपी नियमित जमानत लेने में कामयाब रहे। उन्हें मामले की जांच के दौरान भी कभी गिरफ्तार नहीं किया गया। क्राइम ब्रांच की चार्जशीट में दो महिला आश्रमकर्मियों- श्रद्धा पुरी उर्फ नीतू और मीना जोशी को भी आरोपी बनाया गया। तब से सीबीआई की सप्लिमेंट्री चार्जशीट के इंतजार में केस की कार्यवाही अब तक लटकी पड़ी रही। पिछली सुनवाई पर अदालत ने सीबीआई को रिपोर्ट दायर करने के लिए और वक्त देने से मना कर दिया और 3 मार्च से आरोप तय करने के लिए बहस शुरू किए जाने का निर्देश दिया था। 7 जून 2018 को दाती के खिलाफ रेप के आरोप में दर्ज कराई गई लड़की की शिकायत पर पुलिस ने 11 जून को एफआईआर दर्ज की थी।

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