अखिलेश के प्यार में बागी हुए “शत्रु”, नरेंद्र मोदी को दी खुली चुनौती !

 लखनऊ  चुनावी महासंग्राम  2019 लोक सभा चुनाव के पहले अपने बागी तेवरों से भाजपा  के लिए असहज करने वाले शत्रुघ्न सिन्हा ने केंद्र  सरकार के लिए एक नयी मुसीबत खड़ी कर दी हैं। गुरुवार को शत्रुघ्न सिन्हा ने सपा पार्टी  कार्यालय में अखिलेश यादव से मुलाकात की। उनके साथ बीजेपी के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा भी शामिल हुए।

बीजेपी से खफा चल रहे बिहार के पटना साहिब से पार्टी के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा आगामी लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से ताल ठोक सकते हैं. बता दें कि गुरुवार को शत्रुघ्न सिन्हा सपा द्वारा आयोजित जयप्रकाश नारायण जयंती कार्यक्रम में शामिल होने लखनऊ पहुंचे थे. इस दौरान जहां उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा, वहीं उन्होंने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की जमकर तारीफ़ की. उन्होंने अखिलेश यादव को उभरता हुआ सितारा और यूपी का मशहूर नेता बताया.

शत्रुघ्न सिन्हा के वाराणसी से चुनाव लड़ने के संकेत समाजवादी पार्टी के ऑफिस में मौजूद कुछ बड़े नेताओं ने दिया. पार्टी उच्च सूत्रों के अनुसार शत्रुघ्न सिन्हा को वाराणसी से चुनाव लड़वाने को लेकर चर्चा काफी दिनों से हो रही थी. अब इस संबंध में जल्द ही फैसला लिया जा सकता है.

सूत्रों के मुताबिक शत्रुघ्न सिन्हा को वाराणसी से टिकट तभी दिया जाएगा, जब वे 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी छोड़ते हैं. शत्रुघ्न सिन्हा को वाराणसी से टिकट देने के पीछे की मंशा यह भी है कि वे बॉलीवुड के सुपरस्टार रहे हैं और बिहार से सटा जिला होने के नाते वहां उनके प्रशंसक भी ज्यादा हैं. इसके अलावा कायस्थ वोट भी वाराणसी में बड़ी तादाद में हैं.

इस बीच सूत्रों का यह भी कहना है कि सपा वाराणसी में आम आदमी पार्टी से भी समर्थन की बात कर रही है. दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी से अरविन्द केजरीवाल दूसरे नंबर पर रहे थे.

भट्टाचार्य एक वाकये का जिक्र करते हुए कहते हैं,

“बीजेपी उम्मीदवार श्री चंद्र दीक्षित वाराणसी से चुनाव लड़ रहे थे. उनके खिलाफ लेफ्ट के राज किशोर मैदान में थे. हवा राज किशोर के पक्ष में बह रही थी. लेकिन चुनाव से तीन दिन पहले शत्रुघ्न सिन्हा और लाल कृष्ण आडवाणी ने जनसभा को संबोधित किया और चुनाव का रुख बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में मोड़ दिया.”

भट्टाचार्य का कहना है कि वाराणसी के लोग बेबाक हैं और बेबाकी से अपनी बात रखने वालों को पसंद करते हैं. वाराणसी के लिए कभी भी स्थानीय और बाहरी का कोई मुद्दा नहीं रहा. ऐसा कई बार हुआ है जब वाराणसी के लोगों ने बाहरी नेता को भी कई बार चुना है.

 

दूसरी तरफ वाराणसी के समाजवादी पार्टी संयोजक आनंद मोहन कहते हैं, “ वाराणसी के लोग बीजेपी शासन से त्रस्‍त हैं. यहां के सांसद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के लिए अभी तक कुछ भी नहीं किया है. अब जनता बदलाव चाहती है. शत्रुघ्न सिन्हा को वाराणसी से चुनाव लड़वाने का फैसला पार्टी हाईकमान का होगा. लेकिन अगर शत्रुघ्न सिन्हा वाराणसी से चुनाव लड़ते हैं तो वह भरी मतों से जीतेंगे.”

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